अहमदाबाद विमान हादसा: सुप्रीम कोर्ट ने DGCA को भेजा नोटिस; कहा- 'पायलट को दोष देना जल्दबाज़ी..'
अहमदाबाद प्लेन क्रैश को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई...

(NPG FILE PHOTO)
नई दिल्ली। बीते 12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने वाला एयर इंडिया का विमान टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद क्रैश हो गया था। इस दर्दनाक हादसे में विमान में सवार एक यात्री को छोड़कर बाकी सभी 265 यात्री मारे गए थे। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर टिप्पणी की है और जांच एजेंसियों को नोटिस जारी किया है।
सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सूर्यकांत और एन.के. सिंह की बेंच ने कहा कि, शुरुआती जांच रिपोर्ट में पायलट को दोषी ठहराने वाला वाक्य "दुर्भाग्यपूर्ण" है। कोर्ट ने कहा कि, जब तक जांच पूरी न हो जाए, तब तक किसी को दोषी ठहराना ठीक नहीं।
याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट को बताया कि, हादसे में कई लोगों की जान गई है और जांच में पारदर्शिता बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि, प्रारंभिक रिपोर्ट में एक रहस्यमय वाक्य है जिसे अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने उठाकर यह दिखाने की कोशिश की कि, पायलट की गलती थी। जबकि पॉडकास्ट ‘एयरलाइन मैटर्स’ की जांच में सामने आया कि, विद्युत प्रणाली फेल हो गई थी, जिससे दोनों इंजन बंद हो गए।
जानिए याचिका में क्या?
याचिका में विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की रिपोर्ट पर सवाल उठाए गए हैं। कहा गया है कि, रिपोर्ट में कई अहम जानकारियां छुपाई गई हैं और सारा दोष पायलट पर डाल दिया गया है। याचिका में मांग की गई है कि, फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर की पूरी जानकारी सार्वजनिक की जाए और जांच की निगरानी स्वतंत्र विशेषज्ञों से कराई जाए।
पीड़ित परिवारों की चिंता
वकील भूषण ने बताया कि, कुछ पायलटों और पीड़ितों के परिजनों ने उनसे संपर्क किया है। उनका कहना है कि, उन्हें अब तक हादसे की पूरी जानकारी नहीं दी गई है। अगर जांच निष्पक्ष नहीं हुई तो यह न सिर्फ पीड़ितों के साथ अन्याय होगा, बल्कि भविष्य में यात्रियों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है।
गोपनीयता बनाम पारदर्शिता
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि, जांच पूरी होने तक गोपनीयता बनाए रखना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि, अगर किसी पायलट को दोषी ठहराया गया और बाद में वह निर्दोष पाया गया, तो उसकी छवि को नुकसान होगा। इसलिए जांच के निष्कर्ष आने तक किसी भी जानकारी को टुकड़ों में लीक करना ठीक नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने DGCA, AAIB और सिविल एविएशन मंत्रालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने साफ किया है कि, हादसे की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच होनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। फिलहाल इस मामले में लगातार अपडेट्स बने हुए है।
