Aadhaar Rules 2025: UIDAI का बड़ा फैसला, अब आसानी से नहीं बनेगा आधार कार्ड! UIDAI ने सख्त किए नियम, जानिए अब क्या होगा?
Aadhaar Card New Rules: अगर आप वयस्क हैं और अब तक आधार कार्ड नहीं बनवाया है, तो अगली बार नामांकन के लिए सावधान रहें। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) जल्द ही आधार नामांकन की प्रक्रिया को और सख्त बनाने जा रहा है।

Aadhaar Card New Rules: अगर आप वयस्क हैं और अब तक आधार कार्ड नहीं बनवाया है, तो अगली बार नामांकन के लिए सावधान रहें। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) जल्द ही आधार नामांकन की प्रक्रिया को और सख्त बनाने जा रहा है। इसका मकसद अवैध प्रवासियों को आधार जैसे संवेदनशील दस्तावेज हासिल करने से रोकना है।
यूआईडीएआई की योजना के तहत, आधार अपडेट और नामांकन के लिए अब केवल ऑफलाइन दस्तावेज़ नहीं, बल्कि पासपोर्ट, राशन कार्ड, जन्म प्रमाणपत्र और मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट के ऑनलाइन डेटाबेस से क्रॉस-वेरिफिकेशन किया जाएगा। इससे फर्जी दस्तावेज़ों के जरिए आधार लेने वालों की कमर टूटेगी।
क्यों सख्त हुए UIDAI के नियम?
देशभर में अवैध प्रवासियों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आधार कार्ड हासिल करने के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। इससे जुड़ी कई घटनाओं में पाया गया कि लोग नागरिकता साबित करने के लिए आधार का इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि UIDAI कई बार साफ कर चुका है कि आधार सिर्फ पहचान पत्र है, नागरिकता का प्रमाण नहीं।
बिहार जैसे राज्यों में चल रहे चुनावों और मतदाता सूची अपडेट के दौरान यह मुद्दा और भी गर्माया। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने कहा कि आधार का इस्तेमाल वोटिंग के लिए नहीं होना चाहिए, जिससे UIDAI ने अपने सिस्टम को और पारदर्शी और सख्त बनाने का फैसला किया।
वयस्कों के लिए क्या बदल जाएगा?
अब 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के किसी भी व्यक्ति को आधार के लिए आवेदन करते समय ऑनलाइन सत्यापन से गुजरना होगा। इसका मतलब है कि: आपके पासपोर्ट, राशन कार्ड, जन्म या स्कूल प्रमाणपत्र का डेटा ऑनलाइन डेटाबेस से चेक किया जाएगा। अगर कोई विसंगति मिलती है, तो नामांकन तुरंत खारिज किया जा सकता है। UIDAI अब राज्य सरकारों से भी डेटा शेयरिंग की व्यवस्था करेगा ताकि किसी भी प्रकार की दोहरी पहचान रोकी जा सके।
अवैध प्रवासियों पर लगेगा ब्रेक
नए नियमों से यह तय किया जाएगा कि जो व्यक्ति भारत का नागरिक नहीं है, वह आधार के जरिए किसी सरकारी लाभ या पहचान का दावा न कर सके। इसके लिए UIDAI ने राज्यों के पोर्टल्स के साथ एकीकृत जांच तंत्र विकसित करने की योजना बनाई है। अधिकारी मानते हैं कि नामांकन प्रक्रिया में डिजिटल जांच लागू होने से फर्जीवाड़ा लगभग नामुमकिन हो जाएगा।
अब तक कितने आधार कार्ड बनाए गए?
पिछले 15 वर्षों में 140 करोड़ से अधिक आधार कार्ड बनाए जा चुके हैं। इनमें से एक बड़ा हिस्सा अब डिजिटल तौर पर अपडेट भी हो चुका है। हालांकि, UIDAI यह सुनिश्चित करना चाहता है कि भविष्य में केवल योग्य नागरिकों को ही आधार कार्ड जारी किया जाए।
क्या आप पर पड़ेगा असर?
अगर आप भारतीय नागरिक हैं और आपके पास वैध दस्तावेज़ हैं, तो चिंता की कोई बात नहीं। लेकिन अगर दस्तावेजों में गलती है, तो उसे सुधारना जरूरी है, क्योंकि अब कोई भी अपूर्ण या फर्जी दस्तावेज UIDAI स्वीकार नहीं करेगा।
