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8th Pay Commission: कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी! रातों-रात बढ़ेगी आपकी सैलरी? ToR और Fitment Factor कैसे करेगा काम? आसान भाषा में समझें पूरा हिसाब

8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग से आपकी सैलरी कितनी बढ़ सकती है? ToR क्या होता है, फिटमेंट फैक्टर कैसे नई बेसिक सैलरी तय करता है और 2026 से वेतनमान में कितना इजाफा संभव है यहां आसान भाषा में पूरा गणित समझें।

8th Pay Commission: कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी! रातों-रात बढ़ेगी आपकी सैलरी? ToR और Fitment Factor कैसे करेगा काम? आसान भाषा में समझें पूरा हिसाब
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By Ragib Asim

8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए 8वां वेतन आयोग सबसे बड़ा इंतजार रहा है। केंद्र सरकार पहले ही इसके टर्म्स ऑफ रेफरेंस यानी ToR को मंजूरी दे चुकी है और आयोग काम शुरू कर चुका है। रिपोर्ट्स के मुताबिक नया वेतनमान एक जनवरी 2026 से लागू हो सकता है। लेकिन आम कर्मचारी के मन में सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर यह आयोग कैसे काम करता है, ToR की भूमिका क्या होती है और फिटमेंट फैक्टर से सैलरी कितनी बढ़ जाएगी।

ToR क्या होता है और क्यों जरूरी है
किसी भी वेतन आयोग का पूरा ढांचा ToR पर आधारित होता है। इसे आसान भाषा में समझें तो ToR एक सरकारी दस्तावेज है जिसमें यह तय होता है कि आयोग किन मुद्दों की समीक्षा करेगा।
8वें वेतन आयोग के ToR में मुख्य रूप से ये पॉइंट शामिल हैं:
कर्मचारियों की बेसिक सैलरी
पेंशन स्ट्रक्चर
महंगाई भत्ता (DA, HRA)
फिटमेंट फैक्टर
अन्य आर्थिक लाभ और ढांचे की समीक्षा
यानी आयोग पूरी वेतन व्यवस्था को देखकर तय करेगा कि महंगाई और खर्च के हिसाब से नई सैलरी स्ट्रक्चर क्या होना चाहिए।
फिटमेंट फैक्टर सबसे महत्वपूर्ण क्यों?
फिटमेंट फैक्टर वही गणित है जिससे आपकी नई बेसिक सैलरी तय होती है। आपकी मौजूदा बेसिक सैलरी को इसी फैक्टर से गुणा किया जाता है। 7वें वेतन आयोग में यह 2.57 था। 8वें वेतन आयोग में यह 1.83 से 2.86 के बीच रहने का अनुमान है। फैक्टर जितना बड़ा होगा, आपकी नई बेसिक सैलरी उतनी ही ज्यादा बढ़ेगी।
आसान उदाहरण से समझें
मान लीजिए आपकी मौजूदा बेसिक सैलरी 25,000 रुपये है।
अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 रखा गया, तो नई बेसिक होगी:
25,000 × 2.86 = 71,500 रुपये
लेकिन अगर फैक्टर 1.83 हुआ तो नई बेसिक सिर्फ:
25,000 × 1.83 = 32,940 रुपये
यानी आपके वेतन का असली खेल फिटमेंट फैक्टर पर निर्भर करता है।
पेंशनर्स को कितना फायदा?
सैलरी के साथ पेंशन भी भारी बढ़ सकती है। उदाहरण के लिए, अगर अभी बेसिक पेंशन 9,000 रुपये है, तो 2.86 फैक्टर लगने पर यह लगभग 25,740 रुपये तक पहुंच सकती है। यानी पेंशन में तीन गुना तक का लाभ संभव है।
8वां वेतन आयोग कुल मिलाकर करता क्या है?
आयोग यह देखता है कि मौजूदा सैलरी स्ट्रक्चर महंगाई और कर्मचारी जरूरतों के हिसाब से ठीक है या नहीं। इसके बाद नई वेतन मैट्रिक्स बनाई जाती है, पेंशन मॉड्यूल बदला जाता है और नए वेतनमान की सिफारिश की जाती है। आयोग को करीब 18 महीने में रिपोर्ट देने का समय दिया गया है। सब कुछ समय पर हुआ तो 1 जनवरी 2026 से नया वेतनमान लागू हो सकता है।
किस लेवल पर कितनी सैलरी बढ़ सकती है
लेवल-1 (बेसिक 18,000 रुपये)
1.83 फैक्टर: 32,940
2.46 फैक्टर: 44,280
लेवल-5 (बेसिक 29,200 रुपये)
1.83 फैक्टर: 53,416
2.46 फैक्टर: 71,923
लेवल-10 (बेसिक 53,100 रुपये)
1.83 फैक्टर: 97,059
2.46 फैक्टर: 1.30 लाख रुपये
इन आंकड़ों से साफ दिखता है कि हर लेवल पर सैलरी में बड़ा इजाफा संभव है। नई बेसिक बढ़ने से HRA, TA और आगे का पूरा स्ट्रक्चर भी बढ़ जाएगा। DA नई बेसिक पर लागू होगा, जिससे कुल सैलरी में 30 से 34 फीसदी तक वृद्धि का अनुमान है।

Ragib Asim

रागिब असीम – समाचार संपादक, NPG News रागिब असीम एक ऐसे पत्रकार हैं जिनके लिए खबर सिर्फ़ सूचना नहीं, ज़िम्मेदारी है। 2013 से वे सक्रिय पत्रकारिता में हैं और आज NPG News में समाचार संपादक (News Editor) के रूप में डिजिटल न्यूज़रूम और SEO-आधारित पत्रकारिता का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने करियर की शुरुआत हिन्दुस्तान अख़बार से की, जहाँ उन्होंने ज़मीन से जुड़ी रिपोर्टिंग के मायने समझे। राजनीति, समाज, अपराध और भूराजनीति (Geopolitics) जैसे विषयों पर उनकी पकड़ गहरी है। रागिब ने जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है।

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