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8th Pay Commission Update: कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले! सैलरी 18,000 से सीधा 51,000! OPS से लेकर एजुकेशन-अलाउंस तक सबकुछ बदलने वाला है!

8th Pay Commission Update: केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को औपचारिक मंजूरी दे दी है और इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकती हैं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को कैबिनेट बैठक के बाद इसकी घोषणा की।

8th Pay Commission Update: कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले! सैलरी 18,000 से सीधा 51,000! OPS से लेकर एजुकेशन-अलाउंस तक सबकुछ बदलने वाला है!
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By Ragib Asim

8th Pay Commission Update: केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को औपचारिक मंजूरी दे दी है और साथ ही इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकती हैं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को कैबिनेट बैठक के बाद इसकी घोषणा की थी। इसके साथ ही देश के 50 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारी और 65 लाख पेंशनर्स की नजर अब इस आयोग की सिफारिशों पर टिक गई है।

सबसे बड़ी खबर ये है कि 8वें वेतन आयोग में लेवल-1 के कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 18,000 से बढ़ाकर 51,000 रूपये तक की जा सकती है। इसके लिए 2.86 का फिटमेंट फैक्टर प्रोपोसड है, जिस से कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन दोनों में बड़ा उछाल आ सकता है।

OPS की वापसी बन सकती है गेमचेंजर

स्टाफ यूनियनों ने 8वें वेतन आयोग को पुरानी पेंशन योजना (OPS) को फिर से लागू करने की मांग प्रमुखता से सौंपी है। 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को फिलहाल नई पेंशन योजना (NPS) के तहत लाभ मिल रहा है, जो पूरी तरह कंट्रीब्यूटरी और बाजार पर आधारित है। कर्मचारी चाहते हैं कि रिटायरमेंट के बाद उन्हें निश्चित और सुरक्षित पेंशन मिले, जैसा OPS में मिलता था।

हेल्थ और एजुकेशन पर भी ज़ोर

स्टाफ प्रतिनिधियों ने सभी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए पूरी तरह कैशलेस मेडिकल फैसिलिटी लागू करने की मांग की है। मौजूदा व्यवस्था में रिफंड प्रक्रिया लंबी और जटिल है, जिससे असंतोष बढ़ रहा है। इसके अलावा, बच्चों की शिक्षा को लेकर भी कर्मचारियों ने चाइल्ड एजुकेशन अलाउंस और हॉस्टल सब्सिडी को पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर तक बढ़ाने की मांग की है। यह कदम कर्मचारियों को बढ़ती शिक्षा लागत से राहत दिलाने के लिए जरूरी बताया जा रहा है।

8वें वेतन आयोग के मुख्य बिंदु

  • लागू होने की तारीख: 1 जनवरी 2026
  • न्यूनतम सैलरी: ₹18,000 से ₹51,000 तक बढ़ सकती है
  • फिटमेंट फैक्टर: 2.86 तक प्रस्तावित
  • OPS की बहाली, हेल्थ-एजुकेशन लाभों में इजाफा
  • 50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स को मिलेगा फायदा

सैलरी स्ट्रक्चर में ऐतिहासिक बदलाव?

8वें वेतन आयोग में पे लेवल मर्जर का एक नया प्रस्ताव आया है, जिसके अनुसार लेवल-1 को लेवल-2 में, लेवल-3 को लेवल-4 में और लेवल-5 को लेवल-6 में मर्ज करने की बात की गई है। इससे लोअर पे स्केल के कर्मचारियों को अधिक फायदा मिलने की उम्मीद है। फिलहाल लेवल-1 कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹18,000 है, जबकि लेवल-2 की ₹19,900। मर्जर के बाद अगर नया पे स्ट्रक्चर लेवल-2 के हिसाब से बनता है, तो लेवल-1 वालों को बड़ा आर्थिक फायदा होगा।

फिटमेंट फैक्टर से बदलेगी तस्वीर

7वें वेतन आयोग में जहां 2.57 का फिटमेंट फैक्टर था, वहीं इस बार 2.86 तक का प्रस्ताव है। यदि यह लागू होता है, तो मिनिमम बेसिक सैलरी ₹51,000 तक जा सकती है। अन्य स्तरों पर भी सैलरी में समान अनुपात से इज़ाफा होगा।

पिछली बार भी हुआ था बड़ा फायदा

2016 में लागू हुए 7वें वेतन आयोग ने मिनिमम सैलरी को ₹7,000 से बढ़ाकर ₹18,000 कर दिया था। पेंशन में भी 3,500 से 9,000 रुपए तक की बढ़ोतरी हुई थी। साथ ही हेल्थ इंश्योरेंस और MACP जैसी योजनाओं में सुधार हुआ था। अब 8वें वेतन आयोग से और बड़ी उम्मीदें लगाई जा रही हैं।

क्या कहती है सरकार?

सरकार के मुताबिक आयोग सभी सिफारिशों की समीक्षा करेगा और देश की आर्थिक स्थिति, महंगाई और वित्तीय सीमाओं को ध्यान में रखते हुए अंतिम रिपोर्ट तैयार करेगा। इसका फोकस फिटमेंट फैक्टर, न्यूनतम वेतन मानक, पे लेवल स्ट्रक्चर और कर्मचारियों की भलाई पर रहेगा।

Ragib Asim

रागिब असीम – समाचार संपादक, NPG News रागिब असीम एक ऐसे पत्रकार हैं जिनके लिए खबर सिर्फ़ सूचना नहीं, ज़िम्मेदारी है। 2013 से वे सक्रिय पत्रकारिता में हैं और आज NPG News में समाचार संपादक (News Editor) के रूप में डिजिटल न्यूज़रूम और SEO-आधारित पत्रकारिता का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने करियर की शुरुआत हिन्दुस्तान अख़बार से की, जहाँ उन्होंने ज़मीन से जुड़ी रिपोर्टिंग के मायने समझे। राजनीति, समाज, अपराध और भूराजनीति (Geopolitics) जैसे विषयों पर उनकी पकड़ गहरी है। रागिब ने जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है।

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