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8th Pay Commission Update: सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर! 8वां वेतन आयोग में बंपर सैलरी बढ़ोतरी? जानें कितना बढ़ेगा आपका वेतन – सिर्फ एक क्लिक में!

8th Pay Commission Update: देश के लाखों केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी 8वें वेतन आयोग की घोषणा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। उनकी सबसे बड़ी जिज्ञासा यह है कि नया वेतन आयोग उनकी सैलरी में कितनी बढ़ोतरी लाएगा।

8th Pay Commission Update: सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर! 8वां वेतन आयोग में बंपर सैलरी बढ़ोतरी? जानें कितना बढ़ेगा आपका वेतन – सिर्फ एक क्लिक में!
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By Ragib Asim

8th Pay Commission Update: देश के लाखों केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी 8वें वेतन आयोग की घोषणा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। उनकी सबसे बड़ी जिज्ञासा यह है कि नया वेतन आयोग उनकी सैलरी में कितनी बढ़ोतरी लाएगा। फिटमेंट फैक्टर, जो सैलरी वृद्धि का मुख्य आधार है, इस बार चर्चा का केंद्र बना हुआ है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 8वां वेतन आयोग 2.86 का फिटमेंट फैक्टर लागू कर सकता है, जो 7वें वेतन आयोग के 2.57 की तुलना में काफी अधिक है। यदि ऐसा होता है, तो यह 50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों के लिए सैलरी और पेंशन में बंपर बढ़ोतरी का रास्ता खोलेगा। आइए जानते हैं इसकी पूरी कहानी।

केंद्र सरकार ने 16 जनवरी 2025 को 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी, जिसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है। यह आयोग केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए नई वेतन संरचना, भत्तों और पेंशन लाभों की समीक्षा करेगा। बढ़ती महंगाई और आर्थिक स्थिति को देखते हुए, कर्मचारी संगठन और विशेषज्ञ इस बार बड़े बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं।

फिटमेंट फैक्टर क्या है?

फिटमेंट फैक्टर वह गुणक है, जिसे कर्मचारी के मूल वेतन पर लागू करके नई सैलरी की गणना की जाती है। यह सैलरी वृद्धि का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। 7वें वेतन आयोग में 2.57 का फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया था, जिसने न्यूनतम मूल वेतन को 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दिया था।

8वें वेतन आयोग के लिए विशेषज्ञ 2.6 से 2.86 के बीच फिटमेंट फैक्टर की उम्मीद कर रहे हैं। कुछ रिपोर्ट्स में 1.92 जैसे कम फिटमेंट फैक्टर की भी चर्चा है, लेकिन 2.86 को मौजूदा महंगाई और पिछले रुझानों के आधार पर सबसे उपयुक्त माना जा रहा है।

2.86 फिटमेंट फैक्टर से कितनी बढ़ेगी सैलरी?

यदि 8वां वेतन आयोग 2.86 फिटमेंट फैक्टर को मंजूरी देता है, तो सैलरी में 25-30% तक की वृद्धि हो सकती है। गणना का फॉर्मूला सरल है:

मूल वेतन × फिटमेंट फैक्टर = नया मूल वेतन

मिसाल के लिए

अगर किसी कर्मचारी का मूल वेतन 20,000 रुपये है, तो 2.86 फिटमेंट फैक्टर के साथ नया मूल वेतन होगा:

  • 20,000 × 2.86 = 57,200 रुपये
  • न्यूनतम मूल वेतन (18,000 रुपये) के लिए:
  • 18,000 × 2.86 = 51,480 रुपये

इसके अलावा, डीए (महंगाई भत्ता) और अन्य भत्तों में भी संशोधन होगा, जिससे कुल सैलरी में और इजाफा होगा। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सैलरी में 14-19% की वृद्धि भी संभव है, जो गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट के अनुमान के आधार पर है।

पेंशनभोगियों के लिए भी खुशखबरी

8वां वेतन आयोग न केवल कर्मचारियों, बल्कि 65 लाख पेंशनभोगियों के लिए भी राहत लाएगा। पेंशन लाभों में 30% तक की वृद्धि की उम्मीद है। फिटमेंट फैक्टर के आधार पर पेंशन की गणना भी उसी तरह होगी, जिससे न्यूनतम पेंशन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।

हालांकि 2.86 फिटमेंट फैक्टर की चर्चा जोरों पर है, लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह आर्थिक दबाव के कारण कम भी हो सकता है। पूर्व वित्त सचिव सुभाष गर्ग ने 2.86 फिटमेंट फैक्टर को “अवास्तविक” बताया है। इसके अलावा, सरकार ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, जिससे अनिश्चितता बनी हुई है।

कब लागू होगा 8वां वेतन आयोग?

8वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है। सरकार अगले कुछ महीनों में आयोग का गठन कर सकती है, जो सैलरी संरचना, फिटमेंट फैक्टर और भत्तों पर अपनी सिफारिशें तैयार करेगा।

कर्मचारियों की उम्मीदें

सोशल मीडिया पर कर्मचारी अपनी खुशी और उम्मीदें जाहिर कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “अगर 2.86 फिटमेंट फैक्टर लागू हुआ, तो यह सरकारी कर्मचारियों के लिए गेम-चेंजर होगा!” हालांकि, कुछ लोग कम फिटमेंट फैक्टर (जैसे 1.92) की आशंका से चिंतित हैं, जो सैलरी में अपेक्षाकृत कम वृद्धि लाएगा।

Ragib Asim

रागिब असीम – समाचार संपादक, NPG News रागिब असीम एक ऐसे पत्रकार हैं जिनके लिए खबर सिर्फ़ सूचना नहीं, ज़िम्मेदारी है। 2013 से वे सक्रिय पत्रकारिता में हैं और आज NPG News में समाचार संपादक (News Editor) के रूप में डिजिटल न्यूज़रूम और SEO-आधारित पत्रकारिता का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने करियर की शुरुआत हिन्दुस्तान अख़बार से की, जहाँ उन्होंने ज़मीन से जुड़ी रिपोर्टिंग के मायने समझे। राजनीति, समाज, अपराध और भूराजनीति (Geopolitics) जैसे विषयों पर उनकी पकड़ गहरी है। रागिब ने जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है।

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