8th Pay Commission News: 8th Pay कमीशन से झटका! 51,000 नहीं, सिर्फ इतनी होगी बेसिक सैलरी, नई रिपोर्ट से टूटा सपना
8th Pay Commission: केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक बुरी खबर सामने आ रही है। जहां एक तरफ उम्मीद लगाई जा रही थीं कि 8वें वेतन आयोग के लागू होते ही न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹18,000 से बढ़कर सीधे ₹51,000 हो सकती है, वहीं अब एक नई रिपोर्ट ने इन उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।

8th Pay Commission: केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक बुरी खबर सामने आ रही है। जहां एक तरफ उम्मीद लगाई जा रही थीं कि 8वें वेतन आयोग के लागू होते ही न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹18,000 से बढ़कर सीधे ₹51,000 हो सकती है, वहीं अब एक रिपोर्ट ने इन उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बेसिक सैलरी में बड़ा उछाल नहीं होगा, बल्कि औसतन 13% की बढ़ोतरी हो सकती है।
नई रिपोर्ट में क्या कहा गया?
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.8 तय किया जा सकता है। इसका मतलब है कि वर्तमान वेतन को 1.8 से गुणा कर नया वेतन निर्धारित किया जाएगा। इस आधार पर, न्यूनतम सैलरी केवल ₹30,000 प्रति माह तक पहुंच सकती है, जो कि पहले अनुमानित ₹51,000 से बहुत कम है।
क्या है फिटमेंट फैक्टर और इसका असर?
फिटमेंट फैक्टर वह मापदंड है, जिससे कर्मचारियों की पुरानी सैलरी को नए ढांचे में बदला जाता है। 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 रखा गया था। लेकिन अगर 8वें आयोग में इसे घटाकर 1.8 कर दिया जाता है, तो सैलरी में उम्मीद के मुताबिक बढ़ोतरी नहीं हो पायेगी।
कब तक लागू होगा 8वां वेतन आयोग?
हालांकि सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग की घोषणा कर दी थी, लेकिन अभी तक न तो इसकी Terms of Reference (ToR) तय हुई हैं और न ही आयोग का गठन हुआ है। कोटक की रिपोर्ट का अनुमान है कि रिपोर्ट आने में 1.5 साल और लागू होने में 3 से 9 महीने और लग सकते हैं। यानी यह राहत 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत तक ही संभव है।
सरकार पर कितना आएगा खर्च?
वेतन आयोग के लागू होने से सरकार पर 2.4 से 3.2 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है, जो कि देश की GDP का 0.6 से 0.8% होगा। इस बदलाव से सबसे ज्यादा फायदा Grade C के कर्मचारियों को मिल सकता है, जो केंद्र सरकार की कुल वर्कफोर्स का 90% हिस्सा हैं।
कितना बढ़ेगा खर्च और बचत?
जैसे-जैसे सैलरी बढ़ेगी, वैसे-वैसे कार, इलेक्ट्रॉनिक्स, FMCG और सेवाओं में खर्च भी बढ़ेगा। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि इस बढ़ोतरी से 1 से 1.5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त बचत भी हो सकती है, जिसे कर्मचारी शेयर मार्केट, फिक्स्ड डिपॉजिट और प्रॉपर्टी जैसे विकल्पों में निवेश कर सकते हैं।
क्या कहता है वित्त मंत्रालय?
21 जुलाई 2025 को संसद में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि 8वें वेतन आयोग को लेकर काम शुरू हो चुका है। मंत्रालय ने रक्षा, गृह और कार्मिक विभागों के साथ ही राज्यों से भी सुझाव मांगे हैं। आयोग जब अपनी रिपोर्ट देगा और सरकार उसे मंजूरी देगी, तभी इसे लागू किया जाएगा।
हर 10 साल में क्यों आता है वेतन आयोग?
भारत सरकार आमतौर पर हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग लाती है, ताकि बढ़ती महंगाई, जीवनयापन की लागत और आर्थिक बदलावों के हिसाब से कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में बदलाव किया जा सके। पिछला यानी 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था।
