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8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग पर बड़ी बैठक आज, जानें क्या है 8वें वेतन आयोग, कब लागू होगा और क्या होगा बदलाव

8th Pay Commission: 16 जनवरी को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन की मंजूरी दे दी है। यह आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होगा और इसकी सिफारिशों से केंद्र सरकार के 50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनरों को लाभ मिलेगा।

8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग पर बड़ी बैठक आज, जानें क्या है 8वें वेतन आयोग, कब लागू होगा और क्या होगा बदलाव
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By Ragib Asim

8th Pay Commission: 16 जनवरी को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन की मंजूरी दे दी है। यह आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होगा और इसकी सिफारिशों से केंद्र सरकार के 50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनरों को लाभ मिलेगा। आइए जानते हैं कि वेतन आयोग क्या है, इसका इतिहास और 8वें वेतन आयोग से क्या उम्मीद की जा सकती है।

वेतन आयोग क्या है?

वेतन आयोग या पे कमीशन एक ऐसी व्यवस्था है जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए वेतन, भत्ते और लाभों को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह वित्त मंत्रालय के अंतर्गत काम करता है और आमतौर पर हर 10 साल में गठित किया जाता है। वेतन आयोग में एक चेयरमैन और दो सदस्य होते हैं, जो आर्थिक परिस्थितियों का आकलन कर कर्मचारियों के वेतन और लाभों में संशोधन की सिफारिश करते हैं। हालांकि, सरकार इन सिफारिशों को मानने के लिए बाध्य नहीं है।

वेतन आयोग का इतिहास

पहला वेतन आयोग (1946):

  • अध्यक्ष: श्रीनिवास वरादाचरियर
  • न्यूनतम वेतन: ₹55, अधिकतम वेतन: ₹2000

दूसरा वेतन आयोग (1957):

  • न्यूनतम वेतन: ₹80

तीसरा वेतन आयोग (1973):

  • न्यूनतम वेतन: ₹185

चौथा वेतन आयोग (1986):

  • न्यूनतम वेतन: ₹750

पांचवां वेतन आयोग (1997):

  • न्यूनतम वेतन: ₹2550

छठा वेतन आयोग (2006):

  • न्यूनतम वेतन: ₹7000
  • पेंशन: ₹1275 से ₹3500

सातवां वेतन आयोग (2016):

  • न्यूनतम वेतन: ₹18,000
  • न्यूनतम पेंशन: ₹9000

फिटमेंट फैक्टर क्या है?

फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) एक गुणक है जो बेसिक सैलरी को गुणा करके नए वेतनमान में ले जाता है। यह कर्मचारियों की खरीदने की क्षमता (Purchasing Power) को बनाए रखने और आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए निर्धारित किया जाता है। अगर आपकी बेसिक सैलरी ₹10,000 है और फिटमेंट फैक्टर 2.8 है, तो नया वेतनमान ₹28,000 होगा।

7वें वेतन आयोग के बाद क्या बदलाव हुए?

  • फिटमेंट फैक्टर: 2.25 से बढ़ाकर 2.57 किया गया।
  • न्यूनतम वेतन: ₹7000 से बढ़ाकर ₹18,000 किया गया।
  • पेंशन: ₹3500 से बढ़ाकर ₹9000 किया गया।
  • IAS अधिकारियों का वेतन: ₹21,000 से बढ़ाकर ₹47,250 किया गया।
  • कैबिनेट सचिव का वेतन: ₹2.5 लाख प्रति माह निर्धारित किया गया।

8वें वेतन आयोग से क्या उम्मीद की जा सकती है?

8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होंगी। इसके तहत निम्नलिखित बदलावों की उम्मीद की जा सकती है:

फिटमेंट फैक्टर में वृद्धि:

  • NC-JCM (नेशनल काउंसिल ऑफ ज्वाइंट कंसलटेटिव मशीनरी) ने फिटमेंट फैक्टर को 2.57 से बढ़ाकर 2.86 करने की मांग की है।
  • यदि बेसिक सैलरी ₹18,000 है और फिटमेंट फैक्टर 2.86 होता है, तो नया वेतनमान ₹51,480 होगा।

महंगाई भत्ता (DA) में वृद्धि:

  • वर्तमान में DA 53% है, जो 2026 तक 65% तक पहुंच सकता है।
  • इससे कर्मचारियों की कुल सैलरी में वृद्धि होगी।

न्यूनतम और अधिकतम वेतन में संशोधन:

  • न्यूनतम वेतन ₹18,000 से बढ़कर ₹26,000-₹30,000 तक हो सकता है।
  • अधिकतम वेतन ₹2.5 लाख से बढ़कर ₹3.5-₹4 लाख तक हो सकता है।

पेंशन में वृद्धि:

  • पेंशनरों के लिए भी पेंशन राशि में वृद्धि की उम्मीद है।

एक्रॉयड फॉर्मूला (Aykroyd Formula)

डॉ. वालेस एक्रॉयड द्वारा डिजाइन किए गए इस फॉर्मूले के अनुसार, कर्मचारियों की मजदूरी की गणना उनकी पोषण संबंधी जरूरतों के आधार पर की जाती है। 7वें वेतन आयोग में इस फॉर्मूले का उपयोग करके न्यूनतम वेतन ₹18,000 और अधिकतम वेतन ₹2.5 लाख निर्धारित किया गया था।

8वां वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए वेतन और लाभों में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। फिटमेंट फैक्टर और DA में वृद्धि से कर्मचारियों की कुल सैलरी में वृद्धि होगी। हालांकि, आयोग की सिफारिशों को अंतिम रूप देने में अभी समय लगेगा, और सरकार इन्हें लागू करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध होगी।

Ragib Asim

रागिब असीम – समाचार संपादक, NPG News रागिब असीम एक ऐसे पत्रकार हैं जिनके लिए खबर सिर्फ़ सूचना नहीं, ज़िम्मेदारी है। 2013 से वे सक्रिय पत्रकारिता में हैं और आज NPG News में समाचार संपादक (News Editor) के रूप में डिजिटल न्यूज़रूम और SEO-आधारित पत्रकारिता का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने करियर की शुरुआत हिन्दुस्तान अख़बार से की, जहाँ उन्होंने ज़मीन से जुड़ी रिपोर्टिंग के मायने समझे। राजनीति, समाज, अपराध और भूराजनीति (Geopolitics) जैसे विषयों पर उनकी पकड़ गहरी है। रागिब ने जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है।

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