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8th Pay Commission Update: सरकारी कर्मचारियों के लिए सबसे बड़ी खुशखबरी, 8वें वेतन आयोग को कैबिनेट की मंजूरी, जानिए आयोग की पूरी टाइम लाइन
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंज़ूरी दे दी है। तीन सदस्यीय आयोग 18 महीनों में अपनी सिफ़ारिशें देगा, जिससे 50 लाख कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनर्स को फ़ायदा मिलेगा। सिफ़ारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद है।

8th Pay Commission Update: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज यानी 28 अक्टूबर 2025 को 8वें वेतन आयोग के गठन को आधिकारिक मंज़ूरी दे दी है। तीन सदस्यीय यह आयोग 18 महीनों के भीतर अपनी सिफ़ारिशें पेश करेगा। इस फ़ैसले से क़रीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनर्स को सीधा फ़ायदा होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई कैबिनेट की मीटिंग में यह अहम प्रस्ताव मंज़ूर किया गया।
आप को बता कि इस से पहले मोदी सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग की घोषणा की थी लेकिन अब जा कर इसका बाक़ायदा गठन कर दिया गया है। बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि कैबिनेट ने आयोग के Terms of Reference यानी कार्य-सीमा को भी मंज़ूरी दे दी है।
#WATCH | Delhi: The Union Cabinet, chaired by PM Modi, approved the Terms of Reference of the 8th Central Pay Commission.
— ANI (@ANI) October 28, 2025
Union Minister Ashwini Vaishnaw says, "The composition, the terms of reference, and the time period of the 8th Central Pay Commission have been approved by… pic.twitter.com/srQ5UYMk9N
कौन होंगे आयोग के ओहदेदार
8वें केंद्रीय वेतन आयोग की चेयरपर्सन सुप्रीम कोर्ट की साबिक़ जज रंजना प्रकाश देसाई होंगी। आईआईएम बैंगलोर के प्रोफ़ेसर पुलक घोष अंशकालिक मेंबर के तौर पर शामिल होंगे जबकि पेट्रोलियम और नेचुरल गैस मंत्रालय में सचिव पंकज जैन आयोग के सदस्य-सचिव का ओहदा संभालेंगे।
आयोग को गठन की तारीख़ से 18 महीनों के भीतर रिपोर्ट पेश करनी होगी। अगर ज़रूरत महसूस हुई तो आयोग दरमियानी रिपोर्ट (interim report) भी दे सकेगा। इसका दायरा वेतन संरचना, भत्तों, पेंशन और सेवा शर्तों के तमाम पहलुओं की तफ़सील से समीक्षा करना है।
8वां वेतन आयोग क्या करता है
भारत में अब तक सात केंद्रीय वेतन आयोग बन चुके हैं। हर आयोग का काम सरकारी कर्मचारियों के वेतन ढांचे, रिटायरमेंट फ़ायदों और सेवाओं की शर्तों की तफ़सील से पड़ताल करना होता है। इसके बाद सरकार को सिफ़ारिशें भेजी जाती हैं, जिन्हें अध्ययन और विमर्श के बाद लागू किया जाता है।
आमतौर पर हर दस साल में नया वेतन आयोग लागू होता है। 7वें वेतन आयोग की सिफ़ारिशें 1 जनवरी 2016 से अमल में आई थीं। इस सिलसिले में 8वें वेतन आयोग की सिफ़ारिशें 1 जनवरी 2026 से नफ़ाज़ (लागू) होने की उम्मीद है।
कर्मचारियों और पेंशनर्स की उम्मीदें
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के बीच इस फ़ैसले को लेकर रज़ामंदी और राहत दोनों देखी जा रही हैं। कर्मचारी यूनियनों का कहना है कि महंगाई और रोज़मर्रा के ख़र्च में तेज़ी के चलते नई वेतन स्ट्रक्चर अब वक़्त की मांग बन चुकी है।
अंदाज़ा लगया जा रहा है कि फिटमेंट फ़ैक्टर और महंगाई भत्ते में इज़ाफ़े से औसत वेतन में 20 से 25 फ़ीसद तक बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि, सरकार ने इस सिलसिले में कोई आधिकारिक एलान नहीं किया है।
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