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25 December history in Hindi : 25 दिसंबर : आस्था, सुशासन और शौर्य का महासंगम – जानें क्यों खास है आज का दिन

25 December history in Hindi : दिसंबर का दिन दुनिया भर में एक त्योहार की तरह मनाया जाता है, लेकिन भारत के लिए इस तारीख का महत्व किसी बड़े उत्सव से कहीं अधिक है। यह दिन धर्म, राजनीति, शिक्षा और विज्ञान के एक अद्भुत संगम का प्रतीक है।

25 December history in Hindi : 25 दिसंबर : आस्था, सुशासन और शौर्य का महासंगम – जानें क्यों खास है आज का दिन
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25 December history in Hindi : 25 दिसंबर : आस्था, सुशासन और शौर्य का महासंगम – जानें क्यों खास है आज का दिन

By UMA

Significance of 25 December : 25 दिसंबर का दिन दुनिया भर में एक त्योहार की तरह मनाया जाता है, लेकिन भारत के लिए इस तारीख का महत्व किसी बड़े उत्सव से कहीं अधिक है। यह दिन धर्म, राजनीति, शिक्षा और विज्ञान के एक अद्भुत संगम का प्रतीक है। जब हम 25 दिसंबर की बात करते हैं, तो सबसे पहले मन में क्रिसमस की तस्वीर आती है। यह प्रभु ईसा मसीह (जीसस क्राइस्ट) के जन्मदिन का अवसर है। ईसा मसीह ने दुनिया को शांति, प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया। उन्होंने सिखाया कि कैसे नफरत को प्यार से और बुराई को अच्छाई से जीता जा सकता है। आज के समय में, जब दुनिया में कहीं न कहीं तनाव बना रहता है, उनके संदेश हमें एक-दूसरे का सम्मान करना सिखाते हैं। गिरजाघरों में होने वाली प्रार्थनाएं और खुशियां बांटने का यह सिलसिला हमें मानवता की याद दिलाता है।

Significance of 25 December : भारत के गौरवशाली इतिहास और राजनीति की बात करें, तो 25 दिसंबर का दिन भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नाम समर्पित है। अटल जी का जन्म 1924 में आज ही के दिन हुआ था। वे केवल एक प्रधानमंत्री नहीं थे, बल्कि एक महान कवि, ओजस्वी वक्ता और एक ऐसे राजनेता थे जिन्हें पक्ष और विपक्ष दोनों का प्यार मिला। उनके नेतृत्व में भारत ने 'पोखरण परमाणु परीक्षण' कर अपनी ताकत दुनिया को दिखाई। उनके जन्मदिन को भारत सरकार 'सुशासन दिवस' (Good Governance Day) के रूप में मनाती है। सुशासन का अर्थ है—ऐसी सरकार जो जनता की समस्याओं को समझे और पूरी पारदर्शिता के साथ काम करे। अटल जी का मानना था कि जब तक गांव के आखिरी व्यक्ति तक विकास की सड़क नहीं पहुंचती, तब तक देश की प्रगति अधूरी है। आज हम जो 'प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना' देखते हैं, वह उन्हीं की दूरदर्शिता का परिणाम है।

25 दिसंबर का दिन एक और महान विभूति की याद दिलाता है—महामना मदन मोहन मालवीय। मालवीय जी का जन्म भी आज ही के दिन हुआ था। उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की स्थापना की, जो आज एशिया के सबसे बड़े विश्वविद्यालयों में से एक है। उनका मानना था कि शिक्षा ही वह हथियार है जिससे समाज की बुराइयों को दूर किया जा सकता है और देश को आजाद कराया जा सकता है। उन्होंने अपना पूरा जीवन हिंदी, हिंदू और हिंदुस्तान की सेवा में लगा दिया। वे एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने शिक्षा के जरिए देश के युवाओं में राष्ट्रीयता की भावना भरी।

इतिहास के पन्नों को पलटें तो 25 दिसंबर का दिन वीरता और बलिदान की कहानी भी कहता है। इसी समय के दौरान सिख धर्म के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादों का महान बलिदान हुआ था। बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह ने छोटी सी उम्र में धर्म और सत्य की रक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी, लेकिन अन्याय के सामने सिर नहीं झुकाया। उनकी यह बहादुरी हमें सिखाती है कि चाहे परिस्थिति कितनी भी कठिन क्यों न हो, हमें अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करना चाहिए। यह हफ्ता पूरे भारत में 'वीर बाल दिवस' के आसपास की यादों और शहादत के सम्मान में मनाया जाता है।

विज्ञान के क्षेत्र में भी 25 दिसंबर का दिन ऐतिहासिक है। साल 2021 में इसी दिन दुनिया के सबसे शक्तिशाली टेलिस्कोप 'जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप' को अंतरिक्ष में भेजा गया था। यह मानव जाति की एक ऐसी उपलब्धि है जिसने हमें ब्रह्मांड के उन रहस्यों को देखने का मौका दिया जो अरबों साल पुराने हैं। यह टेलिस्कोप अंतरिक्ष की ऐसी तस्वीरें भेज रहा है, जिससे हमें यह समझने में मदद मिल रही है कि दुनिया कैसे बनी। यह दिन हमें याद दिलाता है कि इंसान की जिज्ञासा और मेहनत आसमान की ऊंचाइयों को भी पार कर सकती है।

साहित्य और समाज की दृष्टि से देखें तो 25 दिसंबर का दिन एक नई शुरुआत का प्रतीक है। यह साल का आखिरी हफ्ता होता है, जब लोग पुरानी यादों को पीछे छोड़कर नए साल की तैयारी करते हैं। स्कूलों में छुट्टियां होती हैं, परिवारों में मेल-मिलाप होता है और लोग एक-दूसरे को उपहार देते हैं। सांता क्लॉज का रूप हमें यह सिखाता है कि बिना किसी स्वार्थ के दूसरों को खुशी देना ही सबसे बड़ा पुण्य है। यह दिन हमें उदार बनने और समाज के गरीब और पिछड़े वर्ग की मदद करने की प्रेरणा देता है।

अंत में, 25 दिसंबर हमें यह संदेश देता है कि चाहे हम किसी भी धर्म या विचारधारा को मानने वाले हों, हमारा अंतिम लक्ष्य मानवता की सेवा ही होना चाहिए। अटल जी की कविताएं हों, मालवीय जी की शिक्षा हो, ईसा मसीह की करुणा हो या विज्ञान की नई खोज—ये सभी हमें एक बेहतर इंसान बनने की प्रेरणा देते हैं। यह दिन हमें याद दिलाता है कि एक सशक्त देश तभी बनता है जब वहां का शासन (Governance) अच्छा हो, वहां के नागरिक शिक्षित हों और समाज में प्रेम और बलिदान की भावना जीवित हो। 25 दिसंबर की हर सुबह हमारे लिए नए संकल्प लेने का दिन है—देश के प्रति, समाज के प्रति और खुद के प्रति।

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