12 industrial Smart Cities: देश भर में 10 राज्यों के 12 शहरों को बनाया जाएगा औद्योगिक स्मार्ट सिटी, मोदी सरकार ने परियोजना को दी मंजूरी
12 industrial Smart Cities: केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार (28 अगस्त) को घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए 28,602 करोड़ रुपये की लागत से देश के 10 राज्यों में 12 नए इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी को मंजूरी दी।
12 industrial Smart Cities: केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार (28 अगस्त) को घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए 28,602 करोड़ रुपये की लागत से देश के 10 राज्यों में 12 नए इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी को मंजूरी दी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट के फैसलों पर मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कैबिनेट ने आज (28 अगस्त) राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के तहत 12 इंडस्ट्रियल स्मार्ट शहरों को मंजूरी दी है। सरकार इस प्रोजेक्ट के लिए 28,602 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पूर्वोत्तर राज्यों को हाइड्रोपावर के विकास के लिए 4,136 करोड़ रुपये के इक्विटी समर्थन की मंजूरी दी। वहीं, तीन नए रेलवे इंफ्रा प्रोजेक्ट को भी मोदी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है।
सरकार का कहना है कि इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी से करीब 10 लाख प्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होंगी। इससे अप्रत्यक्ष रूप से 50-70 लाख अतिरिक्त नौकरियां पैदा होंगी। साथ ही रूढ़िवादी रूप से 1.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश की संभावना पैदा होगी।
ये इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी उत्तराखंड के खुरपिया, पंजाब के राजपुरा-पटियाला, महाराष्ट्र के दिघी, केरल के पलक्कड़, उत्तर प्रदेश के आगरा एवं प्रयागराज, बिहार के गया, तेलंगाना के जहीराबाद, आंध्र प्रदेश के ओर्वकल एवं कोपर्थी और राजस्थान के जोधपुर-पाली में स्थित होंगे। इन इंडस्ट्रियल शहरों की परिकल्पना छह प्रमुख गलियारों के करीब रणनीतिक रूप से की गई है। ये परियोजनाएं भारत की विनिर्माण क्षमताओं और आर्थिक वृद्धि को रफ्तार देने में एक महत्वपूर्ण पहल को दर्शाती हैं।
सराकर का दावा है कि यह कदम देश के औद्योगिक परिदृश्य को बदल देगा। इससे औद्योगिक क्षेत्र एवं शहरों का एक मजबूत नेटवर्क तैयार होगा जो आर्थिक वृद्धि और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देगा। इन शहरों को वैश्विक मानकों के नए स्मार्ट शहरों के रूप में विकसित किया जाएगा। ये शहर उन्नत बुनियादी ढांचे से लैस होंगे जो टिकाऊ और कुशल औद्योगिक संचालन का समर्थन करते हैं।
इन शहरों के गठन से करीब 10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार और नियोजित औद्योगिकीकरण के माध्यम से 30 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होने का अनुमान है। इन परियोजनाओं से लगभग 1.52 लाख करोड़ रुपये की निवेश क्षमता भी पैदा होगी। इन स्मार्ट शहरों की स्थापना की परिकल्पना वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में पेश की गई थी। बजट में घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए राज्यों और निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी में देश के कई शहरों में या उसके आसपास 'प्लग एंड प्ले' इंडस्ट्रियल पार्क विकसित करने की घोषणा की गई थी।
देश में 12 नए औद्योगिक शहरों की स्थापना की घोषणा के साथ इस तरह के शहरों की कुल संख्या 20 हो जाएगी। इस कदम से देश के सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण की हिस्सेदारी बढ़ाने और रोजगार सृजन में मदद मिलने का अनुमान है।
इस तरह के 8 औद्योगिक शहर पहले से ही कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। चार शहरों धोलेरा (गुजरात), ऑरिक (महाराष्ट्र), विक्रम उद्योगपुरी (मध्य प्रदेश) और कृष्णपट्टनम (आंध्र प्रदेश) में उद्योगों के लिए भूमि आवंटन का काम चल रहा है। अन्य चार शहरों में भी सरकार का विशेष उद्देश्य वाहन (एसपीवी) सड़क संपर्क, पानी और बिजली आपूर्ति जैसे बुनियादी ढांचे के निर्माण की प्रक्रिया में है।
केंद्र सरकार ने रेल मंत्रालय की तीन परियोजनाओं को भी मंजूरी दे दी है। इनकी इनकी कुल अनुमानित लागत 6,456 करोड़ रुपये है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) ने बुधवार को ये मंजूरी दी। इनमें दो नई रेलवे लाइनें और एक मल्टी-ट्रैकिंग प्रोजेक्ट शामिल है। ये परियोजनाएं ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ को कवर करेंगी। इन चार राज्यों के सात जिलों को कवर करने वाली इस परियोजनाओं से भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 300 किलोमीटर की वृद्धि होगी।
मोदी कैबिनेट ने 234 नए शहरों में 730 प्राइवेट एफएम रेडियो शुरू करने को मंजूरी दे दी है। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस कदम से स्थानीय सामग्री को बढ़ावा मिलने और रोजगार के नए अवसर पैदा होने की संभावना है।