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“मेरे पापा बहुत अच्छे हैं…लेकिन जब वो नशा करते हैं, तो बहुत बुरे बन जाते है”……छात्रा ने रोते हुए अफसरों को बताया अपने दिल का दर्द…..IG, एसपी और कलेक्टर सरीखे अफसर रह गये सन्न….

“मेरे पापा बहुत अच्छे हैं…लेकिन जब वो नशा करते हैं, तो बहुत बुरे बन जाते है”……छात्रा ने रोते हुए अफसरों को बताया अपने दिल का दर्द…..IG, एसपी और कलेक्टर सरीखे अफसर रह गये सन्न….
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By NPG News

दुर्ग 8 फरवरी 2020। मेरे पापा बहुत अच्छे हैं, लेकिन जब नशा कर लेते हैं तो फिर वो बहुत बुरे बन जाते है…..” आईजी….कलेक्टर…एसपी की मौजूदगी में जब एक मासूम छात्रा ने रूंधे गले से कलपते हुए ये बातें कही…तो पूरा परिसर सन्न रह गया। परिसर में खामोशी पसर गयी..और अफसर एक-दूसरे की तरफ देखने लगे। दरअसल ये पूरा माजरा नशा मुक्ति अभियान के “जियो खुलकर” कार्यक्रम का था। इस कार्यक्रम में स्कूली बच्चों को नशा के खिलाफ जागरूक करने के लिए आईजी विवेकानंद सिन्हा…..आईजी अंकित आनंद…एसपी अजय यादव सहित कई शीर्ष अधिकारी मौजूद थे।

सवाल-जवाब का सिलसिला चल ही रहा था कि बच्चों के भविष्य के प्लान को लेकर मंच से अधिकारियों से बच्चों से सवाल पूछ लिया। पूछा- कितने बच्चे पुलिस में जाना चाहते हो–जवाब में कई बच्चों ने पुलिस बनने की इच्छा जतायी। इस दौरान अधिकारियों ने बच्चों को बताया कि अगर पुलिस बनना चाहते हो तो फिर नशे जैसे कुरूतियों से दूर रहना होगा।

दरअसल आज दुर्ग पुलिस के द्वारा शहर के कुशाभाउ ठाकरे परिसर में नशा मुक्ति अभियान के तहत ”जियो खुलकर” नशा मक्ति पर एक कार्यक्रम रखा गया था। कार्यक्रम में दुर्ग आईजी विवेकानंद सिन्हां, कलेक्टर अंकित आनंद, एसएसपी अजय यादव, पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों सहित कई स्कूली बच्चे मौजूद थे। कुछ बच्चों ने सीधे सरल प्रश्न किए, जिसका उत्तर उपस्थित अधिकारियों द्वारा दिया गया। इस दौरान कक्षा नौवीं में पढ़ने वाली एक छात्रा ने भावुक होकर कहा…. मेरे पिताजी नशे के आदी है, जब वह नशा नहीं करते तो बहुत अच्छे रहते हैं, परंतु नशा करने के पश्चात वह बहुत बुरे बन जाते हैं, ऐसा कहते हुए वह बच्ची रो पड़ी…. वहां उपस्थित जियो खुलकर की टीम ने बच्ची को भरोसा दिलाया कि, उनकी टीम उनके घर जाएगी, और उनके पिताजी को नशे से दूर रखने हेतु आवश्यक चिकित्सा उपलब्ध कराएगी।

आज के कार्यक्रम में दुर्ग शहर के उच्च एवं उच्चतर माध्यमिक स्कूलों के लगभग 1000 छात्र उपस्थित थे, यह बच्चे अधिकांश ऐसे मोहल्लों एवं बस्तियों से आते हैं, जहां नशा एक बहुत बड़ी समस्या है, अतः इनको नशे से दूर रखने के लिए आवश्यक था कि बचपन से ही बच्चों को नशे के खिलाफ जागरूक किया जाए। उपस्थित अधिकारियों द्वारा बच्चों को नशे से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताया गया। आईजी विवेकानंद सिन्हा ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि.. नशा करना है तो पढ़ाई का अपने लक्ष्य को पाने का करिए। साथ ही रोचक कहानियां सुनाते हुए आईजी सर ने वहां उपस्थित बच्चों को संबोधित किया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री अजय यादव द्वारा बच्चों से पूछा गया कि पुलिस कितने बच्चें बनना चाहते हैं, तो सभी बच्चों ने अपने हाथ उठाकर पुलिस बनने के लिए अपनी सहमति प्रकट की।

एसएसपी अजय यादव द्वारा बच्चों को कहा गया कि… अगर पुलिस बनना चाहते हो तो ना केवल आपको मानसिक रूप से तैयार होना पड़ेगा, अपितु शारीरिक रूप से भी मजबूत बनना पड़ेगा। यह तभी हो सकता है जब आप नशे जैसे नकारात्मक चीजों से दूर रहें।

कलेक्टर अंकित आनंद ने भी बच्चों को नशा मुक्ति हेतु जिला प्रशासन द्वारा विशेष रणनीति बनाने की बात कही, साथ ही जियो खुलकर की हेल्पलाइन के सार्थक प्रयोग के बारे में बताया।

आज के कार्यक्रम में अन्य अतिथियों में शामिल दुर्ग के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण लखन पटेल, डीएसपी प्रवीर तिवारी, CSP दुर्ग विवेक शुक्ला ट्रैफिक डीएसपी गुरजीत सिंह, प्रशिक्षु डीएसपी चित्रा वर्मा, थाना प्रभारी मोहन नगर नरेश पटेल समाज कल्याण विभाग के उपसंचालक डीपी ठाकुर समस्त शिक्षक गण, एवम कल्याणी संस्था से अजय कल्याणी, गायत्री परिवार से पी एल साव एवम साहूजी, ब्रम्हकुमारी से बेनी भाई, आनंद मार्ग से आचार्य जी तथा थाना स्टाफ उपस्थित थे।

बता दें यह अभियान दुर्ग पुलिस के नेतृत्व में नशे के खिलाफ संयुक्त रूप से चलाया जा रहा है। अभियान में दुर्ग पुलिस के साथ साथ समाज कल्याण विभाग, स्वास्थ्य विभाग तथा विभिन्न गैर सरकारी संगठन जैसे कल्याणी, ब्रह्म कुमारी, गायत्री परिवार जैसी संस्था जुड़ी हुई है।

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