पूर्व IAS के ठिकानों से 1 अरब से ज्यादा की संपत्ति मिली….CBI ने पूर्व कलेक्टर के 9 ठिकानों पर मारी थी रेड….. लाखों रुपये नकद और करोड़ों के गहने और बेशुमार जमीन मिली….संपत्ति देख सीबीआई की भी आंखें चौधिया गयी
लखनऊ 3 फरवरी 2021। पूर्व IAS के ठिकानों से बेशुमार दौलत देख CBI की भी आंखें चुंधिया गयी है। खनन घोटाले में CBI की छापेमारी में पूर्व IAS सत्येंद्र सिंह के ठिकानों से 1 अरब से ज्यादा संपत्ति मिली है। जांच में संपत्ति का हिसाब और भी ज्यादा हो सकता है। खनन मामले को लेकर की गयी जांच में सीबीआई ने पूर्व आईएएस सत्येंद्र सिंह और उनके करीबी रिश्तेदारों के लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद और दिल्ली में नौ ठिकानों पर छापेमारी की थी।
छापेमारी के दौरान सीबीआई ने 10 लाख नकद, 51 लाख रुपये के फिक्स डिपाजिट समेत करोड़ों की संपत्ति बरामद की है। कुल संपत्ति का आंकड़ा 1 अरब से ज्यादा का है। पूर्व आईएएस सत्येंद्र सिंह पर आरोप हैं कि कौशांबी में डीएम रहते हुए उन्होंने शासन के निर्देशों की अनदेखी की और चहेतों को बिना टेंडर की शर्तों का अनुपालन किए हुए खनिज खनन का करोड़ों रुपये का ठेका दे दिया। मामले में उनके अलावा नौ अन्य खनन व्यापारियों के घर भी छापे मारे गए हैं।
अचल संपत्तियों की कीमत 100 करोड़ से ज्यादा बताई जा रही है। सत्येंद्र और उनके परिवार के नाम 36 बैंक खाते और छह लॉकर भी हैं। ये लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद और नई दिल्ली की बैंकों में हैं। उनके लॉकर से एक लाख की पुरानी करेंसी भी मिली है। देर रात तक दस्तावेजों की पड़ताल जारी थी।अखिलेश सरकार के चहेते सत्येंद्र लखनऊ में डीएम व एलडीए वीसी भी रह चुके हैं। यह मामला वर्ष 2012-14 का है। उस दौरान सत्येंद्र कौशाम्बी में डीएम थे। सीबीआई ने जांच में पाया कि सत्येंद्र ने शासनादेश दरकिनार कर मनमाने तरीके से खनन पट्टे आवंटित या रिन्यू कर दिए थे। उन्होंने नौ खनन पट्टों का नए सिरे से ई-टेंडरिंग प्रक्रिया के तहत आवंटन न कर अपने चहेतों के पक्ष में नवीनीकरण कर दिया। दो नए पट्टे भी बिना ई-टेंडरिंग के आवंटित कर दिए।
अचल संपत्ति के 44 दस्तावेज बरामद
सीबीआई ने छापे में अचल संपत्ति से जुड़े 44 दस्तावेज बरामद किए हैं। सीबीआई इनकी कीमत का आकलन कर रही है। सीबीआई के सूत्रों का दावा है कि इनकी बाजार में कीमत 50 करोड़ रुपये के आसपास होगी। सीबीआई को छापे में 36 बैंक खातों की जानकारी मिली है, वहीं उनके घर से 10 लाख रुपये नकद मिले हैं। सीबीआई को उनके छह बैंक लॉकरों की जानकारी मिली। बैंक लॉकर की छानबीन में सीबीआई को 2.11 करोड़ रुपये कीमत के सोने के जेवर व अन्य जेवरात बरामद हुए हैं। साथ ही लॉकर से सीबीआई ने एक लाख रुपये की पुरानी करेंसी भी बरामद की है।
छापे में क्या मिला
– 06 बैंक लाकर
– 2.1 करोड़ के जेवर
– 51 लाख के फिक्स डिपाजिट
– 10 लाख कैश मिला
– 36 बैंक खाते मिले
– 01 लाख की पुरानी करेंसी
– 44 अचल संपत्तियां पाई गईं
आईएएस अधिकारी सत्येंद्र सिंह अपने कारनामों के लिए सपा शासन में खूब चर्चित रहे। जेपीएनआईसी में बिना टेंडर काम कराने से लेकर पूर्व में अधिग्रहित जमीन के लिए वर्तमान दरों पर मुआवजा देने का प्रस्ताव देने का मामला रहा हो या बिना मांग के कानपुर रोड योजना और शारदा नगर योजना में व्यावसायिक भूखंड पर फ्लैट बनवाने का, जिनको आज तक नहीं बेचा जा सका है। उनके चर्चित कारनामे रहे।
सत्येंद्र का एलडीए वीसी का पहला कार्यकाल 23 दिसंबर 2014 से 28 अगस्त 2016 तक रहा। इसके बाद उन्हें लखनऊ का डीएम बनाया गया था और 23 दिसंबर 2016 को उन्हें एलडीए वीसी का भी चार्ज दे दिया गया। नई सरकार बनने के बाद वे 18 अप्रैल 2017 तक वीसी बने रहे। भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद उनको वीसी पद से हटा दिया गया।
इसके बाद उनके खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं की जांच शुरू हो गई। ये जांच अब भी चल रही है। सूत्रों के मुताबिक एलडीए में उनके कार्यकाल में ऐसा कोई काम नहीं था जहां वसूली न हुई हो। भूखंड समायोजन से लेकर अवैध निर्माणों को बढ़ावा देने तक में उन पर वसूली के आरोप लगे।
सूत्रों का कहना है कि उनके कार्यकाल में निर्माण कार्यों में कमीशन अधिकतम स्तर तक था। सत्येंद्र के कार्यकाल में रसूखदारों के आवासीय भूखंडों को व्यावसायिक भू-उपयोग में बदलने के लिए बनी खास सूची भी खूब चर्चा में रही।
खनन घोटाले में आठ आईएएस अफसरों पर चल रहा केस
रिटायर्ड आईएएस सत्येंद्र सिंह से पहले भी सीबीआई ने दो-ढाई सालों में आठ आईएएस अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज कर चुकी है। इन अधिकारियों के यहां सीबीआई ने छापा भी मारा था। कार्रवाई में संपत्तियों के दस्तावेज और नगदी भी बरामद हुई थी।
बुलंदशहर के डीएम रहे अभय के घर से सीबीआई ने जुलाई 2019 में 49 लाख रुपये नगद बरामद किए थे। यह कार्रवाई 2012 से 2016 के बीच प्रदेश में हुए अवैध खनन के मामलों में हुई थी। अभय पर फतेहपुर में डीएम रहते अवैध तरीके से खनन पट्टे आवंटित करने के आरोप थे। हमीरपुर में डीएम रह चुकी बी चंद्रकला के यहां भी सीबीआई छापा मार चुकी है।
देवरिया के डीएम रहे विवेक, देवरिया में एडीएम रहे देवी शरण उपाध्याय, विशेष सचिव खनन रह चुके संतोष राय और प्रमुख सचिव खनन रहे जीवेश नंदन, सहारनपुर में डीएम रह चुके अजय व पवन न सिर्फ अवैध खनन के मामलों में नामजद हैं, बल्कि इसमें से ज्यादातर के यहां सीबीआई ने छापा भी मारा था।