मॉनसून अलर्ट: छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना सहित इन राज्यों में होगी भारी बारिश… IMD ने जारी की चेतावनी… 31 मई को ही केरल में दस्तक दे सकता है मॉनसून
नई दिल्ली 28 मई 2021. ताउते और यास चक्रवाती तूफान की वजह से मौसम में आए बदलाव के बीच अब मॉनसून ने भी दस्तक देने की तैयारी कर ली है। मौसम विभाग की मानें तो इस सोमवार को मॉनसून केरल में दस्तक देगा। मॉनसून गुरुवार को मालदीव-कोमोरिन क्षेत्र के कुछ और हिस्सों, दक्षिण-पश्चिम और पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी, दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी के अधिकांश हिस्सों और पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ गया है।
आईएमडी ने आईएमडी (IMD) ने पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए जारी ओरेंज अलर्ट में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है. वहीं झारखंड के लिए यलो अलर्ट जारी किया है. आईएमडी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल, केरल, तेलंगाना, तटीय कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र के कोंकण, मराठवाड़ा, विदर्भ और छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश में बारिश मीडिय बारिश से भारी होने की संभावना है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने गुरुवार को कहा कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून दक्षिण पश्चिम और पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी के और हिस्सों की ओर बढ़ गया है और केरल में 31 मई तक इसके पहुंचने के आसार हैं.
इधर, चक्रवात यास अब कमजोर हो गया है मगर बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में अपना असर दिखा रहा है. बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में लगातार तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है. वहीं, झारखंड के मध्य भागों में अवसाद (यास के अवशेष) उत्तर की ओर बढ़ गया था और रांची (झारखंड) से लगभग 100 किमी उत्तर में और पटना से 150 किमी दक्षिण में स्थित था.
बिहार में यास के असर के रूप में गुरुवार से ही बारिश हो रही हैऔ र शुक्रवार को भी बिहार में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है. गुरुवार और शुक्रवार को पूर्वी उत्तर प्रदेश में, शुक्रवार को बिहार में और इसी अवधि के दौरान ओडिशा और छत्तीसगढ़ में भारी बारिश की संभावना है.
स्काईमेट का कहना है कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून मालदीव-कोमोरिन क्षेत्र, श्रीलंका और बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों तक पहुंच गया है. चक्रवात यास ने इन भागों में मानसून की प्रगति को तेज कर दिया और अगला पड़ाव मुख्य भूमि भारत है. प्रशांत महासागर में बदलाव के बीच मॉनसून की उलटी गिनती शुरू हो गई है. ला नीना एडवाइजरी अब प्रभावी नहीं है.
वहीं, स्काईमेट का कहना है कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून मालदीव-कोमोरिन क्षेत्र, श्रीलंका और बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों तक पहुंच गया है. चक्रवात यास ने इन भागों में मानसून की प्रगति को तेज कर दिया और अगला पड़ाव मुख्य भूमि भारत है. प्रशांत महासागर में बदलाव के बीच मॉनसून की उलटी गिनती शुरू हो गई है. ला नीना एडवाइजरी अब प्रभावी नहीं है और ENSO तटस्थ स्थितियां मौजूद हैं. मई के मध्य में, पूर्व-मध्य प्रशांत क्षेत्र में समुद्र की सतह का तापमान औसत से लगभग 0.3 डिग्री सेंटीग्रेड कम होता है. ये तटस्थ सीमा के भीतर आते हैं और ला नीना के बाहर निकलने का सुझाव देते हैं. प्रमुख वायुमंडलीय ला नीना स्थितियों के अंत के अनुरूप हैं.