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कोविड सेंटर में भर्ती कोरोना मरीज सेंटर से लापता.. चार दिन बाद पता चला.. लाश मर्चुरी में पाँच दिनों से पड़ी है..

कोविड सेंटर में भर्ती कोरोना मरीज सेंटर से लापता.. चार दिन बाद पता चला.. लाश मर्चुरी में पाँच दिनों से पड़ी है..
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By NPG News

बिलासपुर,16 अप्रैल 2021। कोरोना काल में लापरवाहियों की नित नई दास्ताँ स्तब्ध कर दे रही है। ताज़ा मामला बिलासपुर से आया है, जहां बीते आठ अप्रैल को कोविड सेंटर में भर्ती कराए गए मरीज नीलमणि शर्मा का शव मर्चुरी में पंद्रह अप्रैल को बरामद हुआ, इस बीच जबकि परिजन मरीज़ की तबियत का हाल पता करने कोविड सेंटर पहुँचे थे तो उन्हें पहले बता दिया गया कि नीलमणि शर्मा नामक मरीज भर्ती ही नहीं किया गया। बहुत मुश्किलों से फिर बिलासपुर अस्पताल में भेजे जाने की जानकारी दी गई, बिलासपुर अस्पताल ने जानकारी होने से इंकार कर दिया। हलाकान परेशान परिजन गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने थाने पहुँचे तो स्पष्ट हुआ कि नीलमणि शर्मा का शव पाँच दिन से मर्चुरी में पड़ा हुआ है।
हैरतअंगेज़ इस मामले को लेकर मिली जानकारी के अनुसार जो कि मृतक के रिश्तेदार त्रिलोक शर्मा ने दी है उसके अनुसार मृतक नीलमणि शर्मा मूलतः बलौदा बाज़ार के रहने वाले थे, जो जोंकी में बेटी दामाद के यहाँ रहते थे,उन्हें आठ अप्रैल को कोविड पॉजीटिव पाया गया था जिसके बाद उन्हे कोनी स्थित कोविड सेंटर दाखिल कराया गया था। नौ और दस के दामाद ने हाल भी लिया तो यह बताया गया कि स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। इस बीच दामाद भी संक्रमित हो गया और 11 अप्रैल व 12 अप्रैल को कोई भी हाल लेने नहीं गया। 13 को परिजन जब तबियत की जानकारी लेने पहुँचे तो उन्हें यह कहा गया कि, नीलमणि शर्मा नाम का मरीज़ भर्ती ही नहीं है। स्तब्ध परिजनों ने जब विरोध जताया तो देर शाम उन्हें बताया गया कि नीलमणि शर्मा को सिम्स या बिलासपुर भेजा गया है वे वहाँ पता कर लें। दोनों ही जगह पता नहीं चला। 14 को परिजन देर शाम थाना गए ताकि गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई जा सके, परिजनों का आरोप है कि वहाँ पुलिस ने रिपोर्ट नहीं लिखी अलबत्ता नाम और उम्र जरुर नोट किया और कुछ देर बाद बताया गया कि मर्चुरी में तलाश करें।
परिजन फिर मर्चुरी पहुँचे तो पता चला कि जिस नीलमणि शर्मा को वे तलाश रहे हैं उसका शव दस तारीख़ से मर्चुरी में है।
त्रिलोक शर्मा का दावा है कि कोनी से बिलासपुर अस्पताल ट्रांसफर बताया गया है जबकि मर्चुरी में शव दस तारीख से है।वहीं मर्चुरी में शव का नाम सुरेश मनि लिख दिया गया था।
परिजनों को मृतक नीलमणि शर्मा के सामानों की भी तलाश है साथ ही इस सवाल के जवाब की भी कि, वास्तविक रुप से कब क्या हुआ और किन परिस्थितियों में नीलमणि की मौत हो गई।

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