क्वारनटाईन सेंटर में भड़के प्रवासी श्रमिक… बदबूदार खाने का आरोप लगा खाना फेंका.. प्रशासन का दावा – भोजन का मसला नही.. श्रमिक तालाबंदी से नाराज
मुंगेली,27 मई 2020। लोरमी क्वारनटाईन सेंटर में मौजुद प्रवासी श्रमिकों का ग़ुस्सा देर शाम भड़क गया। नाराज़ प्रवासी श्रमिकों ने दिया गया खाना फेंक दिया। श्रमिकों का आरोप है कि, उन्हें गुणवत्ताहीन भोजन दिया जा रहा है।जबकि प्रशासन की दलील है कि, मसला भोजन का नहीं बल्कि गेट पर लगाए ताले का है, जिससे ये श्रमिक घूम नहीं पा रहे हैं।
क्वारनटाईन सेंटर में रखे श्रमिकों का आरोप हालाँकि इस दलील के बिलकुल विपरित है। ये
प्रवासी श्रमिक मुंगेली ज़िले के हैं और आंध्रप्रदेश से वापस आए हैं। इनकी संख्या 45 हैं।इन्हें लोरमी स्थित धर्मशाला में रखा गया है।
इन श्रमिकों का आरोप है कि, इन्हें बीते चार दिनों से गुणवत्ताहीन भोजन दिया जा रहा है,भोजन में बदबू है। ऐसा भोजन नहीं किया जा सकता। श्रमिकों का आरोप दिगर व्यवस्था को लेकर भी है।
वहीं मौक़े पर मौजुद एसडीएम भगत ने NPG से कहा –
“मसला भोजन नहीं है, ये क्वारनटाईन में है,लेकिन घूमते थे। ताला बंद कर चाभी पहले इन्हीं को दी जाती थी, पर अब नगर पंचायत के कर्मी को देते हैं, मूल नाराजगी का विषय यही है.. वैसे भी इनके क्वारनटाईन के अंतिम दो दिन बचे हैं.. समझाईश दी गई है.. अब शांत हैं”
प्रशासन की यह दलील क्वारनटाईन सेंटर में मौजुद श्रमिकों के ग़ुस्से और उनकी शिकायतों को सूनने के बाद ख़ारिज किए जाने से ज़्यादा कुछ महत्व नहीं रखती।
प्रदेश में क्वारनटाईन सेंटरों से जुड़ी मौतों का आँकड़ा दहाई तक पहुँच गया है, और अधिकांश जगहों पर बेहद लापरवाही की शिकायतें आ रही हैं।