घर घर जाकर मिड डे मील वितरण के आदेश ने बढ़ाई शिक्षकों की टेंशन, अपने ही शिक्षक नेताओं पर उतारा गुस्सा, कहा- आपकी नेतागिरी के चक्कर में पीस रहे हैं हम लोग….
रायपुर 1 अप्रैल 2020. कल देर शाम संचालक लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा जारी किए गए आदेश के बाद आम शिक्षाकर्मियों में हड़कंप है क्योंकि घर घर जाकर राशन बांटने के आदेश का पालन उन्हें ही करना है।
ऐसे में इनका गुस्सा उन शिक्षाकर्मी नेताओं पर फूट रहा है जिन्होंने मध्यान्ह भोजन वितरण के आदेश को लेकर हाय तौबा मचाई थी और जिनके सोशल डिस्टेंसिंग के नाम पर बार-बार हल्ला मचाने के बाद विभाग ने यह नई व्यवस्था बनाई है।
प्रदेश के सभी सोशल मीडिया ग्रुप में आम शिक्षाकर्मियों के जिस प्रकार के कमेंट खुलकर आ रहे हैं। उससे यह साफ है कि आम शिक्षाकर्मियों को शासन के पुराने नियम से कहीं कोई परेशानी नहीं थी और केवल नेतागिरी करने के चक्कर में कुछ शिक्षाकर्मी नेताओं ने इस मामले को जबरदस्ती उछाल दिया।
इसका खामियाजा अब एक बार फिर पूरे शिक्षाकर्मी समुदाय को भुगतना पड़ रहा है और इसकी चपेट में सबसे अधिक सहायक शिक्षक और माध्यमिक शिक्षक आ रहे हैं क्योंकि मध्यान्ह भोजन वितरण की जिम्मेदारी प्रधान पाठक के साथ उन्हीं की होती है
पहले इस स्कूल से बट जाने वाले राशन को अब उन्हें घर-घर पहुंचाना होगा जो उनके लिए ज्यादा बड़ी दिक्कत का काम है और अब उनका आरोप है कि व्याख्याता के पद पर पदस्थ नेताओं ने बेवजह नेतागिरी के चक्कर मे उनकी समस्या बढ़ा दी है जबकि उन्हें ऐसा करने को किसी ने कहा भी नही था।
सहायक शिक्षकों का प्रतिनिधित्व करने वाले फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा समेत हजारों आम शिक्षाकर्मियों ने इसके लिए बार-बार मध्यान्ह भोजन के मुद्दे को उठाने वाले नेताओं को निशाना बनाया है साथ ही आदेश में फिर से एक बार संशोधन करवाने के लिए प्रयास शुरू हो गया है । प्रधान पाठक संघ, नियमित शिक्षकों के संघ समेत कई संघ अपने स्तर पर इसके लिए प्रयास कर रहे हैं ।