संविलियन से पहले स्थानीय समस्याओं के निराकरण के लिए संविलियन अधिकार मंच ने प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी को सौंपा ज्ञापन….
रायपुर 6 मई 2020. प्रदेश के 16 हजार शिक्षाकर्मियों का 1 जुलाई सन 2020 को स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन होना है और इसके लिए कई विकासखंडों में प्रक्रिया प्रारंभ भी हो गई है । इधर शिक्षाकर्मियों के संगठन संविलियन अधिकार मंच ने उन समस्त स्थानीय समस्याओं के निराकरण के लिए प्रयास शुरू कर दिया है जो शिक्षाकर्मियों के संविलियन की राह में लेटलतीफी की वजह बन सकते हैं जिनके चलते अभी उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है । लॉकडाउन को देखते हुए संविलियन अधिकार मंच के प्रदेश संयोजक विवेक दुबे ने सोशल मीडिया व्हाट्सप्प के माध्यम से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी ज्ञापन सौंपकर समस्याओं के निराकरण के लिए गुहार लगाई है ।
गौरतलब है कि 2018 में भी शिक्षाकर्मियों के संविलियन में स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव के तौर पर गौरव द्विवेदी की अहम भूमिका थी और उन्होंने एक लाख से भी अधिक शिक्षाकर्मियों के संविलियन को निर्विवाद रूप से समय पर संपन्न कराते हुए उन्हें बिना किसी लेटलतीफी के वेतन दिलाया था ऐसे में शिक्षाकर्मियों को उम्मीद है कि पंचायत विभाग के स्थानीय समस्याओं से भी उन्हें जल्द मुक्ति मिल जाएगी।
नियमितीकरण, प्रान समेत छह बिंदुओं को लेकर सौंपा गया है आवेदन
शिक्षाकर्मियों ने पंचायत विभाग के प्रमुख सचिव को जिला और जनपद स्तर की समस्याओं से अवगत कराते हुए बताया है कि प्रदेश में हजारों शिक्षाकर्मी 2 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण कर चुके हैं बावजूद इसके उन्हें न तो नियमितीकरण आदेश मिल पाया है और न ही उन्हें वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ मिल रहा है । इसके अलावा 7 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण कर चुके शिक्षाकर्मियों को समयमान वेतनमान और 8 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण कर चुके शिक्षाकर्मियों को पुनरीक्षित वेतनमान की पात्रता होती है बावजूद इसके कई जिला पंचायतों में शिक्षाकर्मियों को इसका लाभ नहीं दिया जा रहा है जिसके चलते उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है।
शिक्षाकर्मियों की सबसे बड़ी समस्या अंशदायी पेंशन योजना के प्रान एकाउंट को लेकर है । इसे लेकर शिक्षाकर्मी सबसे ज्यादा परेशान है कई साल की सेवा के बावजूद बड़ी मात्रा में ऐसे शिक्षाकर्मी है जिनका प्रान अकाउंट अब तक जनरेट नहीं हुआ है और उसके लिए शिक्षाकर्मी अपने विकास खंड कार्यालयों में कई बार आवेदन दे चुके हैं इसके अलावा जिनके प्रान अकाउंट जनरेट हो गए हैं उनके खाते में भी कटौती की राशि नहीं डाली जा रही है जिसके चलते उन्हें ब्याज का आर्थिक नुकसान हो रहा है । इसके अलावा अधिकांश जिला और जनपद पंचायतों में शिक्षा कर्मियों की सेवा पुस्तिकाएं संधारित नहीं की गई है इसे लेकर भी शिक्षाकर्मियों ने आवाज उठाई है और संविलियन पूर्व सेवा पुस्तिका संधारित करने की मांग रखी गई है ।
जुलाई से पूर्व सभी स्थानीय समस्याओं के निराकरण का है प्रयास – विवेक दुबे
इसके विषय मे जानकारी देते हुए संविलियन अधिकार मंच के प्रदेश संयोजक विवेक दुबे ने कहा कि
“शासन प्रशासन ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए 2 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके शिक्षाकर्मियों को संविलियन की सौगात दी है । 1 जुलाई 2020 के संविलियन में किसी प्रकार की कोई लेटलतीफी न हो इसके लिए स्थानीय स्तर पर जो समस्याएं हैं उसके निराकरण के लिए पंचायत विभाग के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी सर को ऑनलाइन मोड से आवेदन भेजते हुए समस्याओं के निराकरण के लिए निवेदन किया गया है । शिक्षाकर्मियों को इन समस्याओं के चलते आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान होना पड़ रहा है इसलिए हमारी कोशिश है कि इन सब समस्याओं का निराकरण हो जाए और इसीलिए उच्च कार्यालय से इस संबंध में आदेश जारी करने हेतु गुहार लगाई गई हैं”