Malpua Racipe : माँ कुष्मांडा को है मालपुआ अत्यंत प्रिय... बिहार, यूपी के साथ वाराणसी का खास dish मालपुआ, आइये जाने Racipe
माता को मालपुआ अत्यंत प्रिय है । मालपुआ, एक ऐसी मिठाई है जिसे बहुत से लोग खाना पसंद करते हैं। इसकी कुछ रेसिपीज दुनियाभर में फेमस है।
चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा का पूजन-अर्चना किया जाता है। माता को मालपुआ अत्यंत प्रिय है । मालपुआ, एक ऐसी मिठाई है जिसे बहुत से लोग खाना पसंद करते हैं। इसकी कुछ रेसिपीज दुनियाभर में फेमस है। यह बनारस और बिहार की सबसे फेमस रेसिपी है, जिसे दुनियाभर में लोग खाना पसंद करते हैं।
मालपुआ बांग्लादेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र और नेपाल में लोकप्रिय है जहां इसे त्योहारों के दौरान अन्य मिठाइयों के साथ परोसा जाता है। तमिलनाडु जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में इसी व्यंजन को अधिरसम के नाम से भी जाना जाता है। इसलिए तो इतना खास है मालपुआ और इसे सबसे खास बनता है माँ कुष्मांडा का प्रिय भोग होना.
अगर घर पर ही मालपुआ बनाना चाहते हैं तो इसे बेहद आसानी से तैयार कर सकते हैं। हमारी बताई विधि आपको इस भोग को तैयार करने में काफी मदद करेगी।
मालपुआ बनाने के लिए सामग्री
- दूध - 2 कप
- मावा (खोया) - 1 कप
- गेंहू आटा और सूजी - 1-1 कप
- हरी इलायची पिसी - 1/2 टी स्पून
- केसर धागे - 1 चुटकी
- पिस्ता कतरन - 1 टेबलस्पून
- देसी घी - तलने के लिए
- चीनी - डेढ़ कप
मालपुआ बनाने की विधि
- इसे बनाने के लिए सबसे पहले एक कटोरे में गेंहू का आटा छानकर उसमें सूजी मिलाएं। दोनों चीजों को अच्छी तरह से मिक्स करें और फिर इसमें चीनी, इलायची और सौंफ पाउडर डालें। इस मिश्रण को अच्छी तरह से मिक्स करें।
- इन सभी चीजों को मिलाने के बाद बारी आती है कटोरे में खोया यानी कि मावा डालने की। खोया डालने के बाद फिर एक बार इसे अच्छी तरह के मिक्स करें। मिक्स करने के बाद इसमें धीरे-धीरे दूध डालकर इसका घोल तैयार करें। घोल बनाते वक्त ध्यान रखें कि ये न तो ज्यादा गाढ़ा होना चाहिए और न ही ज्यादा पतला। कुछ देर के लिए इस घोल को ऐसे ही छोड़ दें और चाशनी बनाने की तैयारी शुरू करें।
- मालपुए के लिए आपको एकसार की चाशनी की जरूरत पड़ेगी। चाशनी का स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें इलायची पाउडर भी मिक्स करें।
- अब आपको मालपुआ तैयार करना है। इसके लिए एक पैन में घी गर्म करें और पैन की क्षमता को देखते हुए मालपुए बनाना शुरू करें। जब ये दोनों तरफ से सुनहरे सिक जाएं तो इसे निकाल कर चाशनी में डाल दें। चाशनी के निकालने के बाद इस पर पिस्ता के छोटे टुकड़े डालें। ठंडा होने के बाद इसका भोग लगाएं।