Shivalingam Desecration Balaghat : हिंदुओं की आस्था को आहत पहुँचाने की कोशिश : शिवलिंग पर फेंका मटन की तरी, जलपात्र में डाला मांस का टुकड़ा; भड़का भयानक आक्रोश
मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले से हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने और क्षेत्र में तनाव पैदा करने वाला एक अत्यंत आपत्तिजनक मामला सामने आया है।

Shivalingam Desecration Balaghat : हिंदुओं की आस्था को आहत पहुँचाने की कोशिश : शिवलिंग पर फेंका मटन की तरी, जलपात्र में डाला मांस का टुकड़ा; भड़का भयानक आक्रोश
Shivalingam Desecration Balaghat : बालाघाट, मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले से हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने और क्षेत्र में तनाव पैदा करने वाला एक अत्यंत आपत्तिजनक मामला सामने आया है। कोतवाली थाना क्षेत्र के गर्रा शंकरघाट स्थित एक प्राचीन शिवलिंग को किसी अज्ञात शरारती लोगो ने अपवित्र करने का प्रयास किया है। सुबह जब स्थानीय श्रद्धालु पूजा करने के लिए मंदिर पहुँचे, तो उन्होंने देखा कि शिवलिंग पर मटन की तरी डाल दी गई थी, और पास रखे पवित्र जलपात्र मटकी केअंदर मांस का टुकड़ा मिला है। इस घिनौनी हरकत की खबर फैलते ही पूरे इलाके में हड़कंप मच गया और हिंदूवादी संगठनों तथा स्थानीय लोगों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त हो गया। श्रद्धालुओं ने तत्काल इस घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिससे क्षेत्र में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई।
Shivalingam Desecration Balaghat : घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस तुरंत हरकत में आई और मौके पर पहुँचकर स्थिति को संभाला। पुलिस ने श्रद्धालुओं को शांत किया और मामले की गंभीरता को देखते हुए फौरन आरोपियों की पहचान के लिए कार्रवाई शुरू कर दी। स्थानीय लोगों और पुलिस को आशंका है कि गर्रा शंकरघाट, जो अक्सर पिकनिक स्पॉट के रूप में उपयोग होता है, वहाँ पिकनिक मनाने आए कुछ अधर्मी लोगो ने जानबूझकर हिंदू आस्था को ठेस पहुँचाने के इरादे से यह शर्मनाक काम किया होगा। पुलिस अब घटनास्थल के आस-पास लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रही है ताकि आरोपियों तक पहुँचा जा सके और उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सके। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पहले भी हुई हैं ऐसी घटनाएँ
Shivalingam Desecration Balaghat : यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना देश में धार्मिक स्थलों को अपवित्र करने या सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की बढ़ती प्रवृत्ति को और हवा देने वाली घटना है। बालाघाट की इस घटना से पहले भी देश के विभिन्न हिस्सों में इस प्रकार के कृत्य सामने आ चुके हैं, जिन्होंने बड़े स्तर पर सामाजिक तनाव पैदा किया है। उदाहरण के लिए, कुछ वर्षों पूर्व उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक प्राचीन मंदिर में तोड़फोड़ करते हुए देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को खंडित करने की घटना हुई थी, जिसने भारी रोष पैदा किया था। इसी तरह, कर्नाटक के ग्रामीण इलाकों में एक मंदिर के गर्भगृह के पास मांस के टुकड़े फेंकने की घटना ने भी इलाके में सांप्रदायिक तनाव को जन्म दिया था, जिसके बाद पुलिस को भारी सुरक्षा बल तैनात करना पड़ा था। राजधानी दिल्ली में भी एक बार पवित्र ग्रंथ के पन्नों को जलाकर फेंकने की घटना पर बड़ा विवाद खड़ा हुआ था, जिस पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करके स्थिति को नियंत्रित किया था।
बालाघाट में हुई इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि समाज में कुछ असामाजिक लोग क्यों बार-बार धार्मिक आस्थाओं से खिलवाड़ कर रहे हैं और शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं। इस तरह की हरकतें धार्मिक सहिष्णुता के माहौल के लिए खतरा हैं और पुलिस प्रशासन के सामने अराजक तत्वों पर प्रभावी नियंत्रण रखने की गंभीर चुनौती पेश करती हैं। पुलिस ने फिलहाल मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है और स्थानीय समुदायों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है ताकि किसी भी तरह के बड़े बवाल को रोका जा सके।
