Shahdol Dry Fruit Case: ड्राई फ्रूट घोटाला... एक घंटे के कार्यक्रम में 13Kg काजू-बादाम खा गए अफसर, 6 लीटर दूध की पी गए चाय
Shahdol Dry Fruit Case: शहडोल शिक्षा विभाग में 4 लीटर पेंट के लिए घोटाला किया गया था. इसके बाद उसी जिले से एक और चौंकाने वाला कारनामा सामने आया है. यहाँ एक घंटे की बैठक में अधिकारियों ने 14 किलो ड्राई फ्रूट चट कर दिए. जिसका बिल 19 हजार रुपए का बिल बनाया है.

Shahdol Dry Fruit Case
Shahdol Dry Fruit Case: मध्य प्रदेश से इन दिनों बेहद ही को अजब-गजब मामले सामने आ रहे हैं. जहाँ अभी कुछ दिन पहले शहडोल शिक्षा विभाग में 4 लीटर पेंट के लिए घोटाला किया गया था. इसके बाद उसी जिले से एक और चौंकाने वाला कारनामा सामने आया है. यहाँ एक घंटे की बैठक में अधिकारियों ने 14 किलो ड्राई फ्रूट चट कर दिए. जिसका बिल 19 हजार रुपए का बिल बनाया है.
क्या है मामला
दरअसल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के आह्वान पर बारिश के पानी को बचाने और लोगों को जागरूक करने के लिए गांव-गांव में जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत समाज को जल के महत्व और कुआ, तालाब, बावड़ियों, जल स्त्रोतों, गांव में बहने वाली नदियों के साफ सफाई को लेकर जागरूक किया जाता है. इसका उद्देशय लोगों को जल और नदियों के महत्व के बारे में शिक्षित करना और जल का संरक्षण को बढ़ावा देना है. अभियान के तहत सभी गांवों में प्रशासन और ग्रामीणों ने जल संरक्षण के लिए चौपाल लगाई.
इसी कड़ी में 25 मई को शहडोल जिले की गोहपारू जनपद की ग्राम पंचायत भदवाही में जल चौपाल का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम एक घंटे का था. इस कार्यक्रम में कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत नरेन्द्र सिंह, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जयसिंहनगर प्रगति वर्मा, अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मुद्रिका सिंह, सीईओ जनपद पंचायत गोहपारू वेदमणि मिश्रा, सहायक यंत्री प्रशांत लगरखा, उपयंत्री, ग्राम पंचायत के सरपंच,पंच, वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर कनिष्ठ कर्मचारी समेत ग्रामीण भी मौजूद थे.
15 किलो ड्राई फ्रूट चट कर गए अधिकारी
इस कार्यक्रम से लोग कितने जागरूक वो तो नहीं पता. लेकिन एक घंटे के कार्यक्रम में अधिकारी 14 किलो ड्राई फ्रूट, 6 लीटर दूध, 5 किलो शक्कर समेत कूल 19 हजार रुपए का नाश्ता जरूर चट कर गए. ये हम नहीं बल्कि ग्राम पंचायत भदवाही का बिल कह रहा है. जी हाँ, कार्यक्रम का आयोजन ग्राम पंचायत भदवाही की तरफ से किया गया था. जिसमे उन्होंने अफसरों के आवभगत के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने 5 किलो काजू, 5 किलो बादाम, 3 किलो किशमिश खिलाया. 6 लीटर दूध, 5 किलो शक्कर की चाय पिलाई. 30 किलो नमकीन, 20 पैकेट बिस्कुट खिलाया. इतना ही नहीं 10 रुपये वाले 50 रसगुल्ले भी खिलाये गए.
ड्राई फ्रूट का हुआ घोटाला
इस आवभगत में कूल 19,010 रुपये खर्च हुए. इतना ही नहीं 5 हजार 260 रुपये का एक और बिल बनाया गया. यह बिल सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. ये बिल एक किराना स्टोर के नाम का है. अब सवाल यह उठता है. क्या एक घंटे के कार्यक्रम में अधिकारी इतना खा गए. इससे साफ पता चलता है टेंट, भोजन, चाय नाश्ता के नाम पर घोटाला किया गया है.
वहीँ, बताया जा रहा है कार्यक्रम में सभी अधिकारी और ग्रामीणों को खिचड़ी, पूरी और सब्जी खिलाई गयी थी. काजू बादाम कहीं नजर नहीं आया. इस मामले में जिला पंचायत प्रभारी सीईओ मुद्रिका सिंह का कहना है कि जल गंगा संवर्धन कार्यक्रम में चाय-नाश्ते और खाने की व्यवस्था की गई थी, लेकिन बिल काजू, बादाम, किशमिश का लगाया गया है. इसकी जांच कराई जाएगी.
