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Sagar Crime News: ब्लैकमेलिंग से तंग बेटी ने की आत्महत्या, एक माह से न्याय के लिए भटक रहे माता-पिता, पढ़ें पूरा मामला!
Sagar News Today: ब्लैकमेलिंग से परेशान छात्रा ने की आत्महत्या। न्याय की मांग को लेकर एसपी कार्यालय पहुंचे माता-पिता को रोका गया, बाद में एडिशनल एसपी ने कार्रवाई का भरोसा दिया।

सागर। मध्य प्रदेश के सागर जिले में ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर आत्महत्या करने वाली छात्रा के मामले में एक माह से न्याय के लिए भटक रहे गरीब माता-पिता को मंगलवार को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब उन्हें पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एसपी से मिलने से रोक दिया गया। अपनी बेटी को खो चुके माता-पिता की पीड़ा उस वक्त गुस्सर में बदल गई, जब पुलिसकर्मियों ने उन्हें कार्यालय परिसर में ही रोक लिया। न्याय न मिलने से टूट चुकी मृतिका की मां ने एसपी कार्यालय में हंगामा कर दिया, जिसके बाद मामला तूल पकड़ गया और सीनियर अधिकारियों को दखल देना पड़ा।
50 हजार की मांग से तंग आकर बेटी ने दी जान
मालथोन थाना क्षेत्र के सेमरा लोधी गांव निवासी रामसखी रजक और कैलाश रजक ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी जितेंद्र कुमारी उर्फ प्रियंका मालथोन के एक कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी, बम्होरी लाल गांव के हर्ष राजपूत और परसोन निवासी अनुराग तिवारी लगातार ब्लैकमेल और प्रताड़ित कर रहे थे। आरोप है कि दोनों आरोपी प्रियंका से 50 हजार रुपये की मांग कर रहे थे और मानसिक दबाव बढ़ता गया। परिजनों के मुताबिक 18 नवंबर को इसी प्रताड़ना से तंग आकर प्रियंका ने आत्महत्या कर ली।
एक माह से पुलिस के चक्कर, एसपी से मिलने पर रोक
प्रियंका के माता-पिता इंदौर में रहकर मजदूरी करते हैं और बेटी की मौत की खबर मिलने के बाद से ही वे आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पुलिस थानों और अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। कल मंगलवार दोपहर करीब एक बजे वे शिकायत लेकर एसपी कार्यालय पहुंचे थे जैसे ही एसपी कार्यालय से बाहर निकले मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें मिलने से रोक दिया। इससे आहत और निराश रामसखी रजक का धैर्य टूट गया और उन्होंने कार्यालय परिसर में ही विरोध शुरू कर दिया जिससे कुछ देर के लिए अफरा-तफरी की हालत बन गई।
एडिशनल एसपी ने सुनी पीड़ा, कार्रवाई का भरोसा
स्थिति बिगड़ती देख वरिष्ठ अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया और हंगामा कर रहे दंपती को शांत कराकर एडिशनल एसपी डॉ. संजीव उईके से मिलवाया गया। एडिशनल एसपी ने पीड़ित परिवार की पूरी बात सुनी और संबंधित अधिकारियों को मामले में त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई के निर्देश दिए। एक माह से न्याय की आस में भटक रहे माता-पिता को अब प्रशासन से मिले इस आश्वासन पर ही भरोसा है कि उनकी बेटी को इंसाफ मिल सकेगा।
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