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Rare surgery in AIIMS Bhopal:आंख से निकला 1 इंच लंबा कीड़ा, डॉक्टरों ने किया दुर्लभ ऑपरेशन

Rare surgery in AIIMS Bhopal:भोपाल के AIIMS में एक शख्स की आंख से 1 इंच लंबा कीड़ा निकला है. जिसका डॉक्टरों ने सफलता पूर्वक ऑपरेशन कर लिया है.

Rare surgery in AIIMS Bhopal:आंख से निकला 1 इंच लंबा कीड़ा, डॉक्टरों ने किया दुर्लभ ऑपरेशन
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By Anjali Vaishnav

Rare surgery in AIIMS Bhopal:अगर आप भी नॉनवेज के शौकीन हैं तो यह खबर आपके लिए चेतावनी हो सकती है, भोपाल के AIIMS में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया, जिसमें एक शख्स की आंख से 1 इंच लंबा कीड़ा निकला है, इस दुर्लभ घटना का इलाज करने के लिए डॉक्टरों ने एक जटिल ऑपरेशन किया.

पूरा मामला मध्य प्रदेश के रूसल्ली गांव का है, जहां 35 वर्षीय युवक को आंखों में बार-बार लाली और नजर कमजोर होने की समस्या हो रही थी, शुरुआत में उन्होंने कई चिकित्सकों से परामर्श लिया और स्टेरॉयड आई ड्रॉप्स तथा टैबलेट्स का इस्तेमाल किया, जिससे उन्हें अस्थायी राहत मिली, पूरी तरह से राहत न मिलल पाने के बाद युवक भोपाल AIIMS पहुंचा.

जांच पर पता चला दुर्लभ मामला

एम्स भोपाल में डॉक्टरों ने युवक की आंख के विट्रियस जेल में एक जीवित परजीवी कीड़े की पहचान की, जो रेटिना के पास था. डॉक्टरों ने इस परजीवी कीड़े की पहचान ग्नाथोस्टोमा स्पिनिजेरम के रूप में की, जो कि एक दुर्लभ और खतरनाक प्रकार का परजीवी है.



डॉक्टरों के मुताबिक, यह घटना उनके 15 साल के करियर में पहली बार देखने को मिली है, ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने मरीज की आंख से कीड़ा निकालने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया है, इस घटना से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि यह कीड़ा किसी नॉनवेज के खाद्य पदार्थ से संक्रमित हो सकता है, ऐसे मामलों में संक्रमण से बचने के लिए सावधानी बरतने की जरूरत है, खासकर उस प्रकार के भोजन को लेकर जो पूरी तरह से पका हुआ नहीं होता.

नॉनवेज से सावधान

यह परजीवी कच्चे या अधपके मांस के सेवन से मानव शरीर में प्रवेश करता है, एक बार शरीर में प्रवेश करने के बाद, यह त्वचा, मस्तिष्क और आंखों सहित विभिन्न अंगों में प्रवास कर सकता है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

डॉ. कर्कुर ने पुष्टि करते हुए कहा कि मरीज अब स्वस्थ हो रहा है और उसकी दृष्टि में जल्द ही सुधार होगा, प्रो. सिंह ने पूरी चिकित्सा टीम को इस उपलब्धि पर बधाई दी और कहा, “यह मामला एम्स भोपाल की चिकित्सा उत्कृष्टता और रोगी देखभाल के प्रति समर्पण को दर्शाता है.”

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