पन्ना में फिर चमकी किस्मत! इस महिला मजदूर को मिले 8 बेशकीमती हीरे, कीमत जानकर चौक जाएंगे आप..
मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में एक बार फिर हीरे की चमक ने एक मजदूर महिला की किस्मत बदल दी है...

(NPG FILE PHOTO)
भोपाल। मध्य प्रदेश के पन्ना जिले को यूं ही 'हीरा नगरी' नहीं कहा जाता। यहां की जमीन में कब किसकी किस्मत चमका दें, कुछ कहा नहीं जा सकता। ऐसा ही एक करिश्मा हुआ है बड़गड़ी गांव की रहने वाली मजदूर महिला रचना गोलदार के साथ, जिनकी किस्मत एक हफ्ते में ही रातों-रात बदल गई। रचना को अपनी खदान से एक या दो नहीं, बल्कि पूरे 8 बेशकीमती हीरे मिले हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 4 से 5 लाख रुपए बताई जा रही है।
रचना ने हीरा कार्यालय से सरकारी जमीन का पट्टा लिया था और हजारा मुद्दा इलाके में अपनी किस्मत आजमाने के लिए खुदाई शुरू की। उनकी मेहनत और लगन रंग लाई, जब उन्हें सिर्फ एक हफ्ते के भीतर अपनी खदान से ये चमचमाते हीरे मिले। इन हीरों को पाकर उनका पूरा परिवार खुशी से झूम उठा है।
मेहनत का मीठा फल
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रचना गोलदार एक साधारण मजदूर परिवार से आती है, वहीं उनके पति हीरा खदान में काम करते हैं। उनके दो बेटे हैं जो बाहर प्राइवेट नौकरी करते हैं और एक बेटी की शादी हो चुकी है। घर की आर्थिक स्थिति को सुधारने की चाहत ने उन्हें हीरा खदान लगाने के लिए प्रेरित किया। हीरा पाने के बाद रचना ने बताया कि, इन पैसों से वह अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेंगी और आगे भी खुदाई का काम जारी रखेंगी।
क्या है इन हीरों की खासियत?
हीरा पारखी अनुपम सिंह ने बताया कि, इन 8 हीरों में से 6 हीरे जेम्स क्वालिटी के हैं, जिनका कुल वजन 2.53 कैरेट है। इनमें सबसे बड़े हीरे का वजन 0.79 कैरेट है। इसके अलावा, दो हीरे ऑफ-कलर के हैं। जेम्स क्वालिटी के हीरे सबसे अच्छे माने जाते हैं, जिनका इस्तेमाल अंगूठी और दूसरी महंगी ज्वैलरी बनाने में होता है। यही वजह है कि इनकी कीमत काफी ज्यादा होती है।
अब इन सभी हीरों को जल्द ही होने वाली नीलामी में रखा जाएगा। देश-विदेश के बड़े-बड़े हीरा कारोबारी इस नीलामी में हिस्सा लेते हैं। जो भी सबसे ज्यादा बोली लगाएगा, उसे ये हीरे मिल जाएंगे। नीलामी से मिलने वाली कुल रकम में से सरकार 12% रॉयल्टी (राजस्व) काट लेगी और बाकी की रकम रचना के बैंक अकाउंट में जमा कर दी जाएगी। यह पहली बार नहीं है कि पन्ना में किसी को इतने सारे हीरे मिले हों। इससे पहले भी 7 हीरे एक साथ जमा हुए थे, लेकिन इस साल यह पहला मौका है जब एक साथ 8 हीरे मिले हैं।
कैसे मिलता है सरकारी जमीन का पट्टा?
अगर आप सोच रहे हैं कि पन्ना में हीरा खदान का पट्टा कैसे मिलता है, तो इसकी प्रक्रिया बहुत ही आसान है। हीरा कार्यालय में एक आवेदन फॉर्म भरना होता है, जिसके साथ आपको तीन फोटो, आधार कार्ड की कॉपी और 200 रुपए का बैंक चालान जमा करना होता है। यह चालान भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की पन्ना शाखा में जमा किया जाता है। सभी दस्तावेज जमा होने के 20 दिन के अंदर पट्टा जारी कर दिया जाता है।
वहीं, अगर आप किसी निजी जमीन पर खदान लगाना चाहते हैं, तो आपको जमीन मालिक से सहमति और समझौता पत्र, बिक्रीनामा या किरायानामा जैसे दस्तावेज देने होते हैं। इसके साथ ही सरकारी जमीन की तरह ही तीन फोटो, आधार कार्ड की कॉपी और 200 रुपए का चालान जमा करना होता है। बस यह ध्यान रखना जरूरी है कि, वह इलाका हीरा खनन क्षेत्र के नक्शे में आता हो।
कैसे खोजा जाता है हीरा?
हीरा खदान का पट्टा मिलने के बाद 8 बाई 8 मीटर के इलाके में खुदाई शुरू की जाती है। मजदूर पहले मिट्टी को हटाकर फेंकते हैं। फिर पथरीली मिट्टी को पानी से धोया जाता है। इसके बाद इसे सुखाकर छाना जाता है। इस छनाई की प्रक्रिया में ही हीरे मिलते हैं। यह पूरा काम कड़ी मेहनत और किस्मत का खेल है।
हीरा मिलने पर इसे हीरा कार्यालय में जमा कराना होता है, जहां विशेषज्ञ इसकी जांच करते हैं। हीरे की गुणवत्ता, रंग, कट और वजन के आधार पर उसकी कीमत तय की जाती है। इसके बाद नीलामी की प्रक्रिया होती है, जिसमें देश के बड़े कारोबारी हिस्सा लेते हैं। नीलामी के बाद तय हुई रकम में से 11% रॉयल्टी और 1% टीडीएस (TDS) काटकर बाकी पैसा हीरा खोजने वाले को दे दिया जाता है। हर तीन महीने में एक बार, यानी साल में चार बार ऐसी नीलामी होती है, जिसकी जानकारी अखबारों में भी दी जाती है। ऐसे ही दिलचस्प ख़बरों के लिए बने रहे एनपीजी न्यूज के साथ।
