MP Vijay Shah Byan: मंत्री विजय शाह केस में बड़ा एक्शन, SC के आदेश पर SIT गठित, तीन वरिष्ठ आईपीएस अफसर करेंगे जांच
MP Vijay Shah Byan: राजनीतिक गलियारों में सनसनी फैला देने वाले मंत्री विजय शाह के विवादित बयान मामले में अब बड़ा एक्शन लिया गया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी (Special Investigation Team) का गठन कर दिया है. टीम में सीनियर आईपीएस अधिकारी शामिल किए गए हैं,

MP Vijay Shah Byan: राजनीतिक गलियारों में सनसनी फैला देने वाले मंत्री विजय शाह के विवादित बयान मामले में अब बड़ा एक्शन लिया गया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने इस गंभीर मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी (Special Investigation Team) का गठन कर दिया है. टीम में सीनियर आईपीएस अधिकारी शामिल किए गए हैं, जो मामले की निष्पक्ष जांच करेंगे. आइए जानते हैं पूरा घटनाक्रम, एसआईटी की संरचना और अब आगे क्या होगा.
मंत्री विजय शाह के बयान ने क्यों मचाया बवाल?
12 मई को मध्य प्रदेश के महू क्षेत्र के रायकुंडा गांव में एक कार्यक्रम के दौरान मंत्री कुंवर विजय शाह ने एक विवादास्पद बयान दे डाला. उन्होंने भारतीय सेना की अफसर कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी करते हुए उन्हें "आतंकवादियों की बहन" तक कह दिया. उनका यह बयान ऑपरेशन सिंदूर को लेकर दिया गया था. इस बयान के बाद देशभर में आक्रोश फैल गया और हाईकोर्ट के आदेश पर मंत्री के खिलाफ FIR दर्ज की गई.
सुप्रीम कोर्ट में केस की सुनवाई
विजय शाह ने इस एफआईआर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. सुनवाई के दौरान उनके वकील ने कहा कि मंत्री शाह माफी मांग चुके हैं. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इसे स्वीकार करने से इनकार करते हुए सख्त फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा “आप एक पब्लिक फिगर हैं. आपको अपने शब्दों का चयन सोच-समझकर करना चाहिए. आपने जो बोला है, वो आपके असली विचारों को दर्शाता है.” इसके साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिए कि इस मामले की एक विशेष जांच टीम (SIT) बनाई जाए, जिसमें निष्पक्षता, प्रशासनिक योग्यता और संवेदनशीलता का पूरा ध्यान रखा जाए.
एसआईटी में कौन-कौन अधिकारी हैं शामिल?
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मध्य प्रदेश पुलिस के डीजीपी कैलाश मकवाना ने सोमवार रात एसआईटी के गठन का आदेश जारी किया. इस टीम में तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी शामिल हैं, प्रमोद वर्मा आईजी, सागर जोन, कल्याण चक्रवर्ती डीआईजी, वाहिनी सिंह एसपी, डिंडौरी. कोर्ट के आदेशानुसार, टीम में एक IG स्तर के अधिकारी को प्रमुख बनाया गया है. बाकी दो SP रैंक के होंगे, जिनमें से एक महिला अधिकारी होना अनिवार्य है. सभी अधिकारी मध्य प्रदेश कैडर से हैं, लेकिन राज्य के मूल निवासी नहीं हैं.
28 मई तक देनी होगी रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी को 28 मई 2025 तक इस मामले में अपनी प्रारंभिक स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है. इसके बाद अगली सुनवाई में यह तय किया जाएगा कि मंत्री विजय शाह के खिलाफ आगे क्या कानूनी कार्रवाई होगी.
कर्नल सोफिया कुरैशी कौन हैं?
कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की एक प्रशिक्षित और सशक्त महिला अफसर हैं. वह ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सक्रिय भूमिका में थीं और बाद में उन्होंने विंग कमांडर व्योमिका सिंह और विदेश विभाग के सचिव विक्रम मिसरी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. उनके खिलाफ की गई टिप्पणी व्यक्तिगत अपमान थी, साथ ही सेना की गरिमा पर भी सवाल खड़े करती है.
विपक्ष का हमला
इस पूरे मामले ने मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया है. विपक्षी दलों ने मांग की है कि मंत्री विजय शाह को तत्काल बर्खास्त किया जाए और उनके खिलाफ देशद्रोह जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा चले. कई महिला संगठनों और पूर्व सैन्य अधिकारियों ने भी मंत्री के बयान की निंदा करते हुए कानूनी कार्रवाई की मांग की है. अब एसआईटी की निष्पक्ष जांच से ही यह साफ होगा कि क्या मंत्री के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी या मामला एक बार फिर फंस जाएगा.