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सिवनी में वर्दी हुई दागदार! हवाला लूटकांड मामले में SDOP पूजा पांडे गिरफ्तार, इन 11 पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज

MP Crime News: मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में हवाला लूट कांड मामले में इस वक्त की बड़ी खबर सामने आई है। SDOP पूजा पांडे गिरफ्तार हो गई है। उनके साथ SI अर्पित भैयाराम, कांस्टेबल योगेन्द्र, कांस्टेबल नीरज, कांस्टेबल जगदीश पर भी कार्रवाई की गई है।

सिवनी में वर्दी हुई दागदार! हवाला लूटकांड मामले में SDOP पूजा पांडे गिरफ्तार, इन 11 पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज
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By Ashish Kumar Goswami

भोपाल। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में हवाला की मोटी रकम को लेकर पुलिस विभाग में ऐसा घोटाला हुआ है, जिसने वर्दी की गरिमा पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। जिन अफसरों पर जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी थी, वही अब कानून के शिकंजे में फंस गए हैं। इस मामले में एसडीओपी पूजा पांडे को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि एसआई अर्पित भैयाराम और चार कांस्टेबलों को निलंबित कर दिया गया है। बाकी आरोपी पुलिसकर्मी फरार हैं और उनकी तलाश तेजी से जारी है।

क्या है पूरा मामला?

पूरा मामला 8 अक्टूबर 2025 का है, जब महाराष्ट्र के जालना निवासी सोहनलाल परमार अपने साथियों के साथ कटनी से करीब 3 करोड़ रुपए नकद लेकर जा रहा था। बताया जा रहा है कि, यह रकम हवाला कारोबार से जुड़ी थी। रास्ते में सिवनी जिले के बंडोल थाना क्षेत्र में पुलिस ने वाहन को चेकिंग के दौरान रोका और रकम बरामद कर ली। लेकिन, असली खेल इसके बाद शुरू हुआ। पुलिस ने सरकारी रिकॉर्ड में केवल 1.45 करोड़ रुपए की जब्ती दिखाई, जबकि बाकी करीब 1.5 करोड़ रुपए कथित रूप से पुलिसकर्मियों ने आपस में बांट लिए।

जांच में बड़ा खुलासा

जांच में सामने आया कि, पुलिस और हवाला कारोबारियों के बीच रकम के बंटवारे की डील चल रही थी। पुलिसकर्मी चाहते थे कि, आधा-आधा पैसा बांट लिया जाए लेकिन हवाला कारोबारी सिर्फ 45 लाख रुपए देकर मामला रफा-दफा करना चाहता था। जब डील फेल हो गई तो मामला उजागर हो गया और विभागीय जांच शुरू हुई। इस खुलासे ने पूरे पुलिस महकमे को हिला कर रख दिया है।

आईजी ने की कार्रवाई

आईजी जबलपुर प्रमोद वर्मा ने मामले की प्रारंभिक जांच कराई जिसमें गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। इसके बाद डीजीपी कैलाश मकवाना ने सख्त रुख अपनाते हुए 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज करने के आदेश दिए है। इनमें धारा 310(2) डकैती, धारा 126(2) गलत तरीके से रोकना, धारा 140(3) अपहरण और धारा 61(2) आपराधिक षड्यंत्र शामिल हैं। ये सभी धाराएं गंभीर अपराधों की श्रेणी में आती हैं और दोष सिद्ध होने पर लंबी सजा का प्रावधान है।

जांच के घेरे में बड़े अधिकारी

इस मामले में केवल निचले स्तर के पुलिसकर्मी ही नहीं, बल्कि वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं। आईजी प्रमोद वर्मा ने सिवनी एसपी सुनील कुमार मेहता और एडिशनल एसपी दीपक मिश्रा को शो-कॉज नोटिस जारी किया है। उनसे पूछा गया है कि, इतनी बड़ी रकम की बरामदगी की सूचना उन्होंने तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को क्यों नहीं दी। यह लापरवाही भी जांच के घेरे में है।

सीएम का मामले में बयान

राज्यभर में इस घटना को लेकर हड़कंप मच गया है। राज्य सरकार ने इस घटना को 'गंभीर विश्वासघात' करार देते हुए सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी इस मामले में कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने साफ कहा है कि, मध्यप्रदेश में कानून का राज रहेगा और कानून का उल्लंघन करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।

फिलहाल स्थिति यह है कि, एसडीओपी पूजा पांडे को गिरफ्तार कर लिया गया है, एसआई अर्पित भैयाराम और चार कांस्टेबल निलंबित हैं, बाकी आरोपी फरार हैं और उनकी तलाश जारी है। आईजी स्तर पर जांच दल गठित कर दिया गया है और वरिष्ठ अफसरों से जवाब-तलब किया जा रहा है। इस खबर पर लगातार अपडेट्स जारी है।

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