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MP News: MP में क्यों हटाए जा रहे मस्जिद? प्रशासन और वक्फ बोर्ड आमने-सामने, हाई कोर्ट पहुंचा मामला

MP News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में इन दिनों एक ऐसा मुद्दा गरमाया हुआ है, जिसने धार्मिक भावनाओं से लेकर कानूनी गलियारों तक हलचल मचा दी है. बड़े तालाब के समीप स्थित दो को हटाने के सरकारी नोटिस ने एक बड़ा बवाल मचाया है. जिला प्रशासन द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि ये दोनों मस्जिदें एफटीएल यानी फुल टैंक लेवल क्षेत्र में बनी हुई हैं.

MP में क्यों हटाए जा रहे मस्जिद? प्रशासन और वक्फ बोर्ड आमने-सामने, हाई कोर्ट पहुंचा मामला
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By Anjali Vaishnav

MP News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में इन दिनों एक ऐसा मुद्दा गरमाया हुआ है, जिसने धार्मिक भावनाओं से लेकर कानूनी गलियारों तक हलचल मचा दी है. बड़े तालाब के समीप स्थित दो मस्जिदों दलशाक मस्जिद और मुहम्मदी मस्जिद को हटाने के सरकारी नोटिस ने एक बड़ा बवाल मचाया है. जिला प्रशासन द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि ये दोनों मस्जिदें एफटीएल यानी फुल टैंक लेवल क्षेत्र में बनी हुई हैं, और सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर रही हैं.

इस कदम के बाद मुस्लिम संगठनों में नाराज़गी फैल गई है. उन्होंने ऐलान कर दिया है कि वे इस फैसले का हर हाल में विरोध करेंगे.

एनजीटी के आदेश पर कार्रवाई

एसडीएम अर्चना शर्मा के मुताबिक, NGT और पर्यावरण मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार, तालाब के 50 मीटर शहरी और 250 मीटर ग्रामीण क्षेत्र में कोई भी निर्माण अवैध माना जाता है. इसी नियम के तहत, भोपाल में कुल 35 धार्मिक और गैर-धार्मिक संरचनाओं की पहचान की गई है, जिन्हें हटाया जाना प्रस्तावित है. इसमें मस्जिदों के साथ मंदिर, दरगाहें और समाधियाँ भी शामिल हैं. बता दें की फ़िलहाल मामला हाई कोर्ट की सुनवाई के अधीन है.

वक्फ बोर्ड की कानूनी लड़ाई

हालात को देखते हुए मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड ने तुरंत मामला हाईकोर्ट में दाखिल कर दिया है. बोर्ड का दावा है कि दोनों मस्जिदें वक्फ की संपत्ति हैं और उनके पास इसके पुख्ता दस्तावेज मौजूद हैं. उनका तर्क है कि इन धार्मिक स्थलों की वैधता को एकतरफा तौर पर खत्म नहीं किया जा सकता. वक्फ बोर्ड का आग्रह है कि कोर्ट इस मुद्दे में जल्द हस्तक्षेप करे, ताकि किसी भी तरह की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचने से रोका जा सके.

इस विवाद ने मुस्लिम समुदाय में गहरी चिंता पैदा कर दी है. कई संगठनों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन की चेतावनी दी है. उनका कहना है कि जब तक मस्जिदों को संरक्षित रखने की गारंटी नहीं दी जाती, तब तक वे पीछे नहीं हटेंगे. प्रशासन ने भी मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस बल तैनात कर दिया है.

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