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MP News: अस्पताल में बिजली गुल....आधे घंटे दिया सीपीआर, फिर हुआ कुछ यूं की चली गई महिला की जान

MP News: मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के खिलचीपुर सिविल अस्पताल में एक महिला का इलाज मोबाइल की टॉर्च की रोशनी में किया गया, लेकिन इस सबके बावजूद महिला की जान नहीं बचाई जा सकी. यह घटना उस समय हुई जब महिला को गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था और अस्पताल में बिजली कटौती के कारण कोई उचित रोशनी उपलब्ध नहीं थी.

अस्पताल में बिजली गुल....आधे घंटे दिया सीपीआर, फिर हुआ कुछ यूं की चली गई महिला की जान
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By Anjali Vaishnav

MP News: मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के खिलचीपुर सिविल अस्पताल में एक महिला का इलाज मोबाइल की टॉर्च की रोशनी में किया गया, लेकिन इस सबके बावजूद महिला की जान नहीं बचाई जा सकी. यह घटना उस समय हुई जब महिला को गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था और अस्पताल में बिजली कटौती के कारण कोई उचित रोशनी उपलब्ध नहीं थी.

सीपीआर देने के बावजूद नहीं बची महिला

इमली स्टैंड की रहने वाली 45 साल की समीना को बुखार और घबराहट की शिकायत के कारण अस्पताल लाया गया था. अस्पताल में इलाज शुरू होते ही बिजली चली गई और बैकअप सिस्टम काम नहीं आया, जबकि अस्पताल में दो जनरेटर और एक बड़ा यूपीएस इन्वर्टर सिस्टम है. इस दौरान, अस्पताल के डॉक्टर सुमित सिंगी ने महिला को आधे घंटे तक सीपीआर दिया, लेकिन महिला की स्थिति में कोई सुधार नहीं आया और उसे बचाया नहीं जा सका.

परिजनों ने भी किया मदद

बिजली की समस्या के कारण अस्पताल में पंखे नहीं चल पाए और न ही ठीक से रोशनी उपलब्ध थी. इस स्थिति में महिला के परिजनों को हाथ से पंखा करना पड़ा और डॉक्टर और नर्स को उपचार करने के लिए मोबाइल की टॉर्च जलाकर मदद करनी पड़ी. इस सब के बावजूद, महिला की स्थिति बिगड़ती चली गई और उसकी जान नहीं बचाई जा सकी.

अस्पताल की लापरवाही

महिला के पति हमीद मंसूरी और उनके दो बेटे इमरान मंसूरी और समीर मंसूरी इस घटना के बाद बेहद दुखी हैं. समीना पिछले कुछ दिनों से बीमार थीं और डॉक्टरों ने उन्हें टाइफाइड का इलाज चलाने की बात कही थी. परिवार के लोग अब अस्पताल की लापरवाही पर सवाल उठा रहे हैं, क्योंकि बिजली का बैकअप सिस्टम मौजूद होते हुए भी सही तरीके से उसका इस्तेमाल नहीं किया गया.

प्रशासन से सवाल

इस घटना ने अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. स्थानीय लोग और महिला के परिजन प्रशासन से जवाब मांग रहे हैं कि यदि अस्पताल में बैकअप सिस्टम और जनरेटर थे, तो फिर बिजली क्यों नहीं आई? क्या इन सुविधाओं का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया गया? यह घटना अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार की आवश्यकता को उजागर करती है.

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