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MP News: 12 लाख कर्मचारियों का कोई माई-बाप नहीं, 35 साल पुराने संगठनों को अफसरों ने कर दिया रद्द, चीफ सिकरेट्री से नाराज कर्मचारी

MP News: मध्यप्रदेश के 12 लाख कर्मचारियों और पेंशनधारियों की आवाज उठाने वाला कोई नहीं बच गया है. क्योंकि, अधिकारियों ने साढ़े तीन दशक पुरानी कर्मचारियों की संस्थाओं को निरस्त कर दिया है

MP News: 12 लाख कर्मचारियों का कोई माई-बाप नहीं, 35 साल पुराने संगठनों को अफसरों ने कर दिया रद्द, चीफ सिकरेट्री से नाराज कर्मचारी
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By Neha Yadav

MP News: मध्यप्रदेश के 12 लाख कर्मचारियों और पेंशनधारियों की आवाज उठाने वाला कोई नहीं बच गया है. क्योंकि, अधिकारियों ने साढ़े तीन दशक पुरानी कर्मचारियों की संस्थाओं को निरस्त कर दिया है. ये संस्था अब किसी मंत्रालय या विभाग के अधिकारियों तक न ही अपना बात रख सकते हैं और न ही किसी भी तरह का पत्र भेज सकते हैं. इसको लेकर कर्मचारी बेहद गुस्से में हैं.

कर्मचारी संघ के पंजीयन हुए रद्द

जानकारी के मुताबिक़, उद्योग विभाग के अंतर्गत आने वाली संस्था रजिस्ट्रार फर्म्स सोसायटी ने मंत्रालय कर्मचारी संघ, विधानसभा कर्मचारी संघ, पेंशनर्स एसोसिएशन समेत कई संगठनों का पंजीयन रद्द कर दिया है. जिसमे 3 लाख कर्मचारियों के प्रतिनिधित्व करने वाली तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ भी शामिल है. जिन संस्थाओं के पंजीयन रद्द किया गया है. ये 30 से 55 साल पुरानी है. इस कार्रवाई से कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है.

मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों को किया तलब

मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संज्ञान लिया है. मुख्यमंत्री ने रजिस्ट्रार फर्म्स सोसाइटी के पदाधिकारियों को तलब किया है. बता दें रजिस्ट्रार फर्म्स सोसाइटी उद्योग विभाग के अंतर्गत आता है और यह विभाग मुख्यमंत्री के पास है. साथ ही तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ का पंजीयन रद्द करने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है.

कर्मचारी संगठनों ने मुख्य सचिव लिखा पत्र

इधर, कर्मचारी संगठनों ने मुख्य सचिव पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने सहायक पंजीयक और रजिस्ट्रार फर्म्स सोसायटी भोपाल पर पंजीकृत कर्मचारी संस्थाओं के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है. जिसपर जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की है. संगठनों का आरोप है कि रजिस्ट्रार फर्म्स सोसायटी ने कुछ संस्था का तीन महीने में एक नोटिस देकर रद्द कर दिया. मध्यप्रदेश सचिवालयीन (मंत्रालय) कर्मचारी संघ को तीन महीने में एक नोटिस दिया. जबकि शीघ्र लेखक संघ को 2021 से 2024 तक लगातार हर 15 दिन में नोटिस दिया जा रहा है. इसके बावजूद अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

पूर्व सीएम कमलनाथ ने सरकार पर लगाया आरोप

कर्मचारी संगठनों पर हुई कार्रवाई को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. कमलनाथ ने सोशल मीडिया हेंडल एक्स पर लिखा है कि "मध्य प्रदेश में 12 लाख कर्मचारी और पेन्शनर्स की आवाज उठाने वाले संगठनों का रजिस्ट्रेशन ख़त्म कर भाजपा सरकार ने अपना कर्मचारी विरोधी और तानाशाह चेहरा एक बार फिर उजागर कर दिया है. इनमें से कुछ संगठन 50 साल तो कुछ 30 साल से अधिक समय से पंजीकृत थे. संगठन का पंजीकरण रद्द करने का अर्थ है कि अब कर्मचारी और पेंशनर्स की ओर से ये संगठन सरकार से बात नहीं कर पाएँगे। यह सीधे-सीधे कर्मचारियों की आवाज़ को दबाना है। यह आलोकतांत्रिक और मानवाधिकारों का हनन है. स्पष्ट है कि सरकार कर्मचारियों का दमन करना चाहती है और यह भी चाहती है कि इस उत्पीड़न का कोई प्रतिरोध ना हो सके. यह एक गहरा षड्यंत्र है. मैं मुख्यमंत्री से माँग करता हूँ कि तत्काल इन संगठनों की मान्यता बहाल करें."




Neha Yadav

नेहा यादव रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएट करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। पिछले 6 सालों से विभिन्न मीडिया संस्थानों में रिपोर्टिंग करने के बाद NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहीं है।

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