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MP News: IIT इंदौर के वैज्ञानिकों का कमाल; अब हवा-वाष्पीकरण से बनेगी बिजली, जानिये इसका पूरा प्रोसेस और खासियतें..

इंदौर का आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) एक ऐसी खोज के कारण चर्चा में है, जो आने वाले समय में ऊर्जा उत्पादन की तस्वीर बदल सकती है।

MP News: IIT इंदौर के वैज्ञानिकों का कमाल; अब हवा-वाष्पीकरण से बनेगी बिजली, जानिये इसका पूरा प्रोसेस और खासियतें..
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MP News: Amazing work of IIT Indore scientists; Now electricity will be produced from air and water, know its complete process and features..

By Ashish Kumar Goswami

भोपाल। मध्य प्रदेश के इंदौर के आईआईटी (IIT) में एक ऐसा कमाल हो गया है, जिसकी चर्चा चारों तरफ हो रही है। यहां के प्रोफेसर्स और स्टूडेंट्स ने मिलकर एक ऐसा खास डिवाइस बनाया है, जो बिना धूप, बिना बैटरी और बिना किसी मशीन के सिर्फ हवा और पानी से बिजली बना सकता है।

सोचिए, एक ऐसा उपकरण जो पानी में हल्का सा डुबाते ही बिजली पैदा करना शुरू कर दे। आईआईटी इंदौर की लैब में बना ये डिवाइस एक खास तरह की झिल्ली (मेम्ब्रेन) से बना है, जिसमें ग्राफीन ऑक्साइड और जिंक-इमिडाजोल जैसे पदार्थ लगे हैं।

जब इस झिल्ली को पानी में रखा जाता है, तो पानी धीरे-धीरे ऊपर चढ़ता है और भाप बनकर उड़ने लगता है। इसी प्रक्रिया के दौरान, झिल्ली के दोनों सिरों पर पॉजिटिव और नेगेटिव आयन अलग हो जाते हैं, और यहीं से बिजली बनने लगती है।

जानिए क्या है इसकी खासियत ?

इस डिवाइस की सबसे बड़ी खासियत यह है कि, यह सिर्फ साफ पानी ही नहीं, बल्कि गंदे या खारे पानी में भी काम कर सकता है। एक छोटे से तीन गुणा दो सेंटीमीटर के टुकड़े से ही 0.75 वोल्ट तक बिजली पैदा हो रही है। अगर ऐसे कई टुकड़ों को एक साथ जोड़ दिया जाए, तो बिजली की मात्रा और भी बढ़ सकती है।

आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रोफेसर सुहास जोशी का कहना है कि यह तकनीक उन जगहों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगी, जहां बिजली नहीं पहुंच पाती। जंगलों में लगे सेंसर हों या दूर-दराज के गांवों के क्लीनिक में छोटे-मोटे मेडिकल उपकरण चलाने हों, यह डिवाइस हर जगह काम आएगा।

कैसे काम करता है यह डिवाइस ?

प्रोफेसर धीरेंद्र राय, जिन्होंने इस शोध का नेतृत्व किया, बताते हैं कि यह एक सेल्फ-चार्जिंग स्रोत है। जब तक पानी भाप बनता रहेगा, यह डिवाइस लगातार और चुपचाप बिजली बनाता रहेगा। उनकी टीम अब इसे और सस्ता और बड़े पैमाने पर बनाने पर काम कर रही है, ताकि यह तकनीक जल्द ही हमारे गांवों तक पहुंच सके।

वैज्ञानिकों का मानना है कि, भविष्य में इस तकनीक से स्मार्ट कपड़े या खुद से चलने वाली दीवारों जैसी नई चीजें भी बन सकती हैं। यह खोज बताती है कि, भारतीय वैज्ञानिक अब ऐसी टेक्नोलॉजी बना रहे हैं, जो सीधे तौर पर लोगों की जिंदगी को आसान बना सकती है और साफ-सुथरी ऊर्जा का एक नया रास्ता खोल रही है।

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