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MP Mauganj News : हनुमना चेक पोस्ट बना वसूली का अड्डा : रोजाना 10 लाख की काली कमाई, ट्रक पर लटके दलाल ने खोली पोल, पढ़े पूरी खबर

MP Mauganj News : मऊगंज जिले का हनुमना चेक पोस्ट इन दिनों सरकारी राजस्व का केंद्र कम और भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा सिंडिकेट ज्यादा नजर आ रहा है।

MP Mauganj News : हनुमना चेक पोस्ट बना वसूली का अड्डा : रोजाना 10 लाख की काली कमाई, ट्रक पर लटके दलाल ने खोली पोल, पढ़े पूरी खबर
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MP Mauganj News : हनुमना चेक पोस्ट बना वसूली का अड्डा : रोजाना 10 लाख की काली कमाई, ट्रक पर लटके दलाल ने खोली पोल, पढ़े पूरी खबर

By UMA

Hanumana Check Post Corruption Case : मऊगंज (मध्य प्रदेश) : मऊगंज जिले का हनुमना चेक पोस्ट इन दिनों सरकारी राजस्व का केंद्र कम और भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा सिंडिकेट ज्यादा नजर आ रहा है। हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए ट्रक पर लटकते दलाल के वीडियो ने जिस सच को उजागर किया है, वह बेहद डरावना है। यह केवल एक सड़क हादसे की कोशिश नहीं थी, बल्कि यह करोड़ों रुपये के उस अवैध वसूली तंत्र का हिस्सा है, जो प्रशासन की नाक के नीचे दिन-रात फल-फूल रहा है।

Hanumana Check Post Corruption Case : दलाल का कबूलनामा

वीडियो में ट्रक के सामने जान जोखिम में डालकर लटकने वाले शख्स राजकुमार गुप्ता को भले ही शुरुआती जांच में पीड़ित बताया गया हो, लेकिन हकीकत इसके उल्टा है। उसने खुद यह स्वीकार किया है कि वह एक दलाल है और चलती गाड़ी पर वह ट्रक चालक से माल के दस्तावेज मांगने के लिए चढ़ा था। सवाल यह उठता है कि क्या मऊगंज जिला प्रशासन या परिवहन विभाग ने किसी आम नागरिक को सड़क पर गाड़ियां रोककर दस्तावेज चेक करने का अधिकार दिया है? असल में, यह दलाल उस गिरोह का हिस्सा हैं जो वर्दीधारियों के शह पर ट्रकों को डरा-धमका कर पैसे वसूलते हैं।

हर दिन 10 लाख का खेल

हनुमना चेक पोस्ट से गुजरने वाले ट्रकों और वाहनों की संख्या पर नजर डालें तो यहाँ चल रहे महाघोटाले की परतें खुलने लगती हैं। जानकारी के मुताबिक, इस चेक पोस्ट से रोजाना लगभग 1000 से ज्यादा भारी और हल्के वाहन गुजरते हैं। यहाँ वसूली की दरें फिक्स हैं—छोटे वाहनों से 600 रुपये, मध्यम वाहनों से 2000 और बड़े ट्राला या भारी ट्रकों से 5000 रुपये तक की अवैध मांग की जाती है। यदि एक औसत भी निकाला जाए, तो इस चेक पोस्ट पर हर दिन करीब 10 लाख रुपये की अवैध उगाही की जा रही है। महीने भर का यह आंकड़ा 3 करोड़ रुपये के पार पहुंच जाता है। यह पैसा न तो सरकारी खजाने में जाता है और न ही किसी रसीद में दर्ज होता है, बल्कि दलालों और भ्रष्ट अधिकारियों की जेबें भरता है।

पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल

हैरानी की बात यह है कि मऊगंज पुलिस ने इस मामले में असली अपराधी को पकड़ने के बजाय ट्रक चालक पर ही बीएनएस (BNS) की संगीन धाराएं लाद दीं। चालक का कसूर सिर्फ इतना था कि वह उस अवैध वसूली का विरोध कर रहा था जो चेक पोस्ट पर लंबे समय से हावी है। लाठी-डंडे लेकर सड़क पर घूमने वाले बिना वर्दी के लड़के ट्रकों को रोकते हैं, उनके साथ मारपीट करते हैं और जब कोई चालक जान बचाकर भागने की कोशिश करता है, तो उसे ही अपराधी घोषित कर दिया जाता है। पुलिस का दलाल के कबूलनामे के बावजूद उस पर कार्रवाई न करना, इस पूरे तंत्र में उनकी मिलीभगत की ओर साफ इशारा करता है।

प्रशासनिक सख्ती के दावों की खुली पोल

मऊगंज कलेक्टर संजय जैन और एसपी दिलीप सोनी लगातार जिले में भ्रष्टाचार मुक्त शासन के दावे करते रहे हैं, लेकिन हनुमना चेक पोस्ट की ये तस्वीरें उनके दावों को आईना दिखा रही हैं। यहाँ एक समानांतर सरकार चल रही है जहाँ कानून का नहीं, बल्कि दलालों के रसूख का राज चलता है। इन दलालों को प्रति वाहन 100 से 200 रुपये का कमीशन मिलता है, जबकि बाकी की बड़ी रकम उन सफेदपोशों तक पहुंचती है जो एसी कमरों में बैठकर इस लूट की पटकथा लिखते हैं। इस वसूली तंत्र के कारण न केवल ट्रक चालक परेशान हैं, बल्कि सड़क पर लगने वाले घंटों लंबे जाम से आम जनता भी त्रस्त है।

अब देखना यह होगा कि क्या इस खबर के बाद मऊगंज प्रशासन की नींद टूटती है? क्या उन अधिकारियों पर गाज गिरेगी जो दलालों को संरक्षण दे रहे हैं? या फिर हनुमना चेक पोस्ट पर यह वसूली का ये महाघोटाला यूं ही निर्बाध चलता रहेगा?

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