MP Kisan News: शिकायतों की माला पहनकर सांसद समाधान शिविर पहुंचा किसान, पटवारी और बाबू कर रहे परेशान
MP Kisan News: मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के अंजड़ नगर में आयोजित सांसद समाधान शिविर में किसान विश्वविजय गिरी गोस्वामी ने शिकायतों की माला पहनकर प्रशासन और पटवारी के खिलाफ नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि पटवारी द्वारा उनकी कृषि भूमि का गलत सीमांकन किया गया, जिसके कारण वे चार साल से परेशान हो रहे हैं. कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई समाधान नहीं मिला.

MP Kisan News: मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के अंजड़ नगर में रविवार को आयोजित सांसद समाधान शिविर में एक अजीब और भावुक नजारा देखने को मिला. ग्राम आवली के किसान, विश्वविजय गिरी गोस्वामी शिकायतों की माला पहनकर शिविर में पहुंचे और अपनी समस्याओं के समाधान की गुहार लगाई.
इस दौरान किसान ने अपने रोते हुए चेहरों के साथ प्रशासन और पटवारी विभाग के खिलाफ अपनी निराशा और गुस्सा व्यक्त किया. इस घटना ने एक बार फिर सरकारी प्रशासनिक व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर किया और यह सवाल खड़ा किया कि क्या जनसमस्याओं का समाधान केवल आश्वासन तक ही सीमित है?.
किसान ने बताई निराशा की वजह
शिविर में पहुंचे विश्वविजय गिरी गोस्वामी ने सांसद गजेंद्र सिंह पटेल, राजपुर एसडीएम जितेंद्र पटेल, अंजड़ तहसीलदार बबली बर्डे समेत अन्य अधिकारियों के सामने अपनी पीड़ा व्यक्त की. गोस्वामी ने शिकायत की कि पटवारी ने उनकी कृषि भूमि का गलत सीमांकन किया है, जिसके कारण पिछले चार साल से उनके पड़ोसी उन्हें परेशान कर रहे हैं.किसान का आरोप था कि इस संबंध में उन्होंने कलेक्टर की जनसुनवाई, एसडीएम कार्यालय, तहसीलदार और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन तक में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ.
पटवारी से विश्वासघात की कहानी
किसान गोस्वामी ने बताया कि उन्होंने पटवारी को भगवान की तरह माना था, क्योंकि गांवों में पटवारी का बड़ा सम्मान होता है. लेकिन वह उसी पटवारी के धोखे का शिकार हो गए. गोस्वामी ने कहा, "मैंने कई बार पटवारी से अपने खेत का सीमांकन ठीक करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की. उन्होंने सिर्फ एक बार मेरे खेत पर जाकर देखा और फिर शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया." इस घटना के बाद से गोस्वामी लगातार परेशान थे और उन्हें प्रशासन से कोई उम्मीद नहीं बची थी.
सांसद समाधान शिविर पर नाराजगी
किसान ने शिविर में प्रशासन के प्रति अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि यह जन समाधान शिविर सिर्फ लोगों को गुमराह करने का एक तरीका बनकर रह गया है. उन्होंने कहा, "यह शिविर केवल आश्वासन देने का एक मंच बन गया है, जहां समस्याओं का समाधान नहीं होता है. प्रशासन इन शिविरों के जरिए लोगों को यह दिखाने की कोशिश करता है कि वह उनकी समस्याओं का हल निकालने के लिए काम कर रहा है, जबकि हकीकत में कुछ भी नहीं हो रहा."
गोस्वामी ने आरोप लगाया कि न तो पटवारी ने उनकी शिकायत पर ध्यान दिया और न ही कोई अन्य अधिकारी उनकी मदद करने को तैयार था. "हमने पटवारी से बार-बार अपनी समस्याओं का समाधान मांगा, लेकिन वह हमसे सही तरीके से बात भी नहीं करते. हर बार हम पटवारी के ऑफिस जाते हैं, लेकिन हमें सिर्फ निराशा हाथ लगती है," गोस्वामी ने कहा.
किसान की निराशा
किसान गोस्वामी ने अपनी निराशा जाहिर करते हुए कहा कि यह उनका आखिरी प्रयास था और अब वह कहीं और शिकायत करने नहीं जाएंगे. "अब मैं सांसद समाधान शिविर में शिकायत लेकर आया हूं, इसके बाद मैं कहीं भी शिकायत नहीं करूंगा. पूरी तरह से निराश हो चुका हूं," गोस्वामी ने कहा. उन्होंने यह भी कहा कि उनका भाई भी पिछले दो साल से परेशान है. "पटवारी और बाबू मेरे भाई को भी परेशान कर रहे हैं, और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का पैसा भी नहीं डाल रहे हैं. अब मुझे सांसद से भी कोई उम्मीद नहीं है कि मेरी समस्या का समाधान होगा."