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MP के इस सफाई कर्मचारी को IT विभाग का 1.2 करोड़ का नोटिस: सैलरी जानकर चौंक जाएंगे आप; जानिये क्या है पूरा मामला

MP के इस सफाई कर्मचारी को IT विभाग का 1.2 करोड़ का नोटिस: सैलरी जानकर चौंक जाएंगे आप; जानिये क्या है पूरा मामला
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(NPG FILE PHOTO)

By Ashish Kumar Goswami

भोपाल। मध्य प्रदेश के बालाघाट से एक बड़ा हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहाँ एक सफाई कर्मचारी है, जिनकी सैलरी मात्र पांच हजार रुपये है। उन्हें आयकर विभाग ने 1.2 करोड़ रुपये का नोटिस भेज दिया है। आपको बता दें कि इस नोटिस में 2017 और 2018 के दौरान हुई 55 लाख की लेनदेन पर टैक्स और पेनाल्टी शामिल है, जिसे कुल मिलाकर ये रकम 1 करोड़ 20 लाख रुपये तक पहुंच गई है।

क्या है पूरा मामला ?

दरअसल, ये पूरा मामला मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के पादरीगंज गांव के रहने वाले संतोष चौधरी का है। वे एक आदिवासी आश्रम में अंशकालिक सफाईकर्मी के रूप में काम करते हैं। पिछले कई सालों से वो गांव से आकर सिर्फ 5000 रुपये की तनख्वाह पर अपना और अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं। उनके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं और वो आश्रम के एक छोटे से कमरे में रहते हैं।

संतोष ने बताया कि, उन्हें आयकर विभाग से एक नोटिस मिला था। इस नोटिस में बताया गया कि, उनके पैन कार्ड से साल 2017 और 2018 में 55 लाख रुपये से ज़्यादा का लेन देन हुआ है और अब उन्हें इस पर बकाया टैक्स और पेनाल्टी के रूप में 1 करोड़ 20 लाख रुपये चुकाने होंगे। नोटिस में कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।

जांच के लिए की शिकायत

बता दें कि, संतोष जो की एक आम सफाई कर्मचारी है, उनकी सैलरी मात्र पांच हजार है। उनके लिए ये नोटिस किसी सदमें से कम नहीं है। वो अब इस बात को लेकर परेशान है कि, मेरी सैलरी मात्र पांच हजार है तो मेरे नाम पर 55 लाख का लेन देन कैसे हो सकता है। जिसके बाद अब इस मामले की जांच के लिए उन्होंने पुलिस और आयकर विभाग में शिकायत की है।

संतोष ने बताया कि, कई साल पहले उनके गांव के एक पूर्व सरपंच ने गाड़ी खरीदने के लिए उनके दस्तावेज़ मांगे थे। जहां उन्होंने अपने दस्तावेज़ दिए थे, जिसके बाद सरपंच ने गाड़ी खरीदी और उसकी किस्तें भी भर रहा है। संतोष का कहना है कि, उनके बैंक खातों में भी इस तरह के लेन देन का कोई रिकॉर्ड नहीं है।

अब संतोष इस मामले को सुलझाने के लिए अदालत, वकील और आयकर विभाग के दफ्तरों के चक्कर लगाने पर मजबूर हैं। वह लगातार पुलिस और आयकर विभाग से गुहार लगा रहे हैं कि, इस धोखाधड़ी की जांच की जाए और उनके ऊपर से यह कानूनी कार्रवाई का बोझ हटाया जाए। संतोष अब इस उम्मीद में हैं कि, जल्द ही उन्हें इस झूठे आरोप से मुक्ति मिलेगी और वह फिर से सुकून की ज़िंदगी जी पाएंगे।

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