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MP High Court News: हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, दुष्कर्म पीड़िताओं का मेडिकल जांच के साथ कराना होगा प्रेग्नेंसी टेस्ट

MP High Court News: मध्य प्रदेश के जबलपुर हाईकोर्ट(Jabalpur High Court) ने दुष्कर्म पीड़िताओं को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. जो दुष्कर्म पीड़िता के लोए बेहद लाभकारी होगा. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि दुष्कर्म पीड़िता की मेडिकल जांच के दौरान ही प्रेग्नेंसी टेस्ट भी जाएगी.

MP High Court News: हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, दुष्कर्म पीड़िताओं का  मेडिकल जांच के साथ कराना होगा प्रेग्नेंसी टेस्ट
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MP High Court News

By Neha Yadav

MP High Court News: मध्य प्रदेश के जबलपुर हाईकोर्ट(Jabalpur High Court) ने दुष्कर्म पीड़िताओं को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. जो दुष्कर्म पीड़िता के लोए बेहद लाभकारी होगा. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि दुष्कर्म पीड़िता की मेडिकल जांच के दौरान ही प्रेग्नेंसी टेस्ट भी जाएगी.

जानकारी के मुताबिक़, जबलपुर हाईकोर्ट के जस्टिस विशाल मिश्रा(Justice Vishal Mishra) की एकलपीठ ने डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस(Director General of Police) को निर्देश दिए हैं कि जब भी किसी दुष्कर्म पीड़िता की मेडिकल जांच कराई जाए तो उस दौरान दुष्कर्म पीड़िता की प्रेग्नेंसी टेस्ट भी कराई जाए. प्रेग्नेंसी टेस्ट में बिलकुल भी देरी न की जाए. जबलपुर हाईकोर्ट ने सख्तो से इस नियम को पूरे राज्य में लागू करने के आदेश दिए हैं. हाईकोर्ट ने कहा है सभी जिलों के एसपी को इसका पालन करना होगा.

दरअसल, जबलपुर हाईकोर्ट के यह निर्देश देने के पीछे वजह से दुष्कर्म पीड़िताओं की मौत है. राज्य में नाबालिग दुष्कर्म पीड़िताओं के गर्भपात से जुड़े कई मामले कोर्ट में लंबित हैं. पीड़िता की प्रेग्नेंसी की पुष्टि करने तक काफी देर हो जाती है. गर्भ को 24 सप्ताह से अधिक हो जाता है जिसमे गर्भपात कराना जोखिम भरा होता है. साथ ही इससे नाबालिग दुष्कर्म पीड़िताओं की जान को खतरा होता है. 2025 में हाईकोर्ट द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार, नाबालिग पीड़िता 24 सप्ताह या उससे अधिक की गर्भवती है तो गर्भपात के लिए मामला हाईकोर्ट पहुँचता है. जिसके चलते ऐसे कई केस हाईकोर्ट में आये.

हाल ही में ऐसा ही मामला सीहोर जिले से सामने आया था. मामला पॉक्सो कोर्ट से जुड़ा था जिसे हाईकोर्ट भेजा गया. नाबालिग के साथ दुष्कर्म हुआ था. जब तक नाबलिग पीड़िता का प्रेग्नेंसी जांच कराया गया तब तक उसका गर्भ बढ़ चूका था. उसे 24 सप्ताह से अधिक का गर्भ था. ऐसी स्थिति में मेडिकल रिपोर्ट में गर्भपात कराना जोखिमभरा बताया गया. साथ ही नाबालिग की जान को खतरा भी था.

इस तरह के कई मामले में कोर्ट के सामने लंबित है. ऐसे में जबलपुर हाईकोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िताओं के जीवन की रक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा को देखते हुए यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. और मेडिकल जांच के साथ ही प्रेग्नेंसी टेस्ट कराने का निर्देश दिया है. इस सम्बन्ध में डीजीपी द्वारा जल्द ही सभी जिलों के एसपी को दिशा निर्देश जारी कर दिया जायेगा.

Neha Yadav

नेहा यादव रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएट करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। पिछले 6 सालों से विभिन्न मीडिया संस्थानों में रिपोर्टिंग करने के बाद NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहीं है।

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