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MP Govt Employee News: 230 करोड़ का वेतन घोटाला! पिछले 4 महीनों से 50 हजार सरकारी कर्मचारियों को नहीं मिली सैलरी, जाने पूरा मामला

MP Govt Employee News:मध्य प्रदेश में कर्मचारियों की सैलरी को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. यहाँ पिछले चार महीने से 50 हजार अधिकारी-कर्मचारियों का वेतन "ट्रेजरी" से नहीं निकला नहीं है. ऐसे में किसी बड़े घोटाले की आशंका जताई जा रही है.

MP Govt Employee News: 230 करोड़ का वेतन घोटाला!
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By Neha Yadav

MP Govt Employee News: मध्य प्रदेश में कर्मचारियों की सैलरी को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. यहाँ पिछले चार महीने से 50 हजार अधिकारी-कर्मचारियों का वेतन "ट्रेजरी" से नहीं निकला नहीं है. ऐसे में किसी बड़े घोटाले की आशंका जताई जा रही है.

50 हजार अधिकारी-कर्मचारी नहीं ले रहे वेतन

दरअसल, दिसंबर 2024 से नियमित और अस्थायी मिलाकर करीब 50 हजार अधिकारी-कर्मचारी कोषालय से वेतन नहीं ले रहे हैं जबकि इनका रिकॉर्ड कोषालय में मौजूद है और प्रत्येक को कर्मचारी कोड आवंटित है. लेकिन यह कर्मचारी कई महीनो से अपना वेतन ले नहीं रहे हैं. और इन कर्मचारियों की 230 करोड़ की सैलरी रुकी हुई है. अब सवाल ये है आखिर यह कर्मचारी है कहाँ?

आयुक्त कोष ने मांगे कर्मचारी के डिटेल

इस मामले को लेकर आयुक्त कोष एवं लेखा भास्कर लक्षकार ने सभी विभागों के कोषालय अधिकारियों को पत्र लिखा है. 15 जून तक जिला कोषालयों अधिकारी को 50 हजार अधिकारी-कर्मचारियों का रिपोर्ट जमा करने को कहा गया है. आयुक्त कोष एवं लेखा भास्कर लक्षकार ने सभी रेगुलर और नॉन-रेगुलर कर्मचारियों के डेटा की पुष्टि करने का आदेश दिया गया है.

आयुक्त कोष एवं लेखा भास्कर लक्षकार ने पत्र में लिखा है, कि IFMIS सिस्टम में ऐसे रेगुलर और नॉन-रेगुलर कर्मचारियों का डाटा भेजा गया है. जिनके द्वारा दिसंबर 2024 के बाद से सैलरी ट्रेजरी से नहीं निकाली गई है. ये सभी रेगुलर और नॉन-रेगुलर कर्मचारी IFMIS में रजिस्टर्ड है. जिसमे 40 हजार रेगुलर और 10 हजार नॉन-रेगुलर कर्मचारी है. लेकिन ये अपनी सैलरी नहीं ले रहे हैं. इनके कोड भी सक्रिय हैं इनका मृत्यु या सेवानिवृत्ति तिथि की भी IFMIS में दर्ज नहीं है.और IFMIS में Exit प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. फिर भी वेतन नहीं निकाला जा रहा है.

किसी बड़े घोटाले की आशंका

ऐसे में कार्यालय को अवगत कराएं कि उक्त डाटा में कितने कर्मचारी संदिग्ध/काल्पनिक/फर्जी है. फर्जी/काल्पनिक कर्मचारी की पहचान करें. क्योंकि भविष्य में सैलरी निकाले जाने की आशंका बनी हुई है. भविष्य में कोई बड़ा घोटाला हो सकता है. इसलिए गड़बड़ी को रोकने के लिए यह जांच आवश्यक है.

Neha Yadav

नेहा यादव रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएट करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। पिछले 6 सालों से विभिन्न मीडिया संस्थानों में रिपोर्टिंग करने के बाद NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहीं है।

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