MP Electricity News : फिर लगेगा महंगाई का करंट, 10.2% महंगी होगी बिजली; पुराने घाटे को नया बताकर जेब ढीली करने की तैयारी, पढ़े पूरी खबर
MP Electricity News : नए साल के आगाज के साथ ही जनता की जेब पर बिजली का करंट लगने की तैयारी पूरी हो चुकी है।

MP Electricity News : फिर लगेगा महंगाई का करंट, 10.2% महंगी होगी बिजली; पुराने घाटे को नया बताकर जेब ढीली करने की तैयारी, पढ़े पूरी खबर
MP Electricity Tariff Hike 2026 : मध्यप्रदेश के करोड़ों बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक चिंताजनक खबर सामने आ रही है। नए साल के आगाज के साथ ही जनता की जेब पर बिजली का करंट लगने की तैयारी पूरी हो चुकी है। प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों ने वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए बिजली की दरों में 10.2% तक की भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार किया है। यदि इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है, तो बढ़ी हुई दरें 1 अप्रैल 2026 से लागू कर दी जाएंगी।
MP Electricity Tariff Hike 2026 : घाटे का गणित और पुराने घाटे का खेल
जबलपुर से आई इस खबर के अनुसार, बिजली कंपनियों ने मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के सामने अपना टैरिफ प्लान पेश किया है। कंपनियों ने कुल 6 हजार 44 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया है और इसी की भरपाई के लिए टैरिफ बढ़ाने की अनुमति मांगी है।
MP Electricity Tariff Hike 2026 : हैरानी की बात यह है कि इस 6 हजार 44 करोड़ के घाटे में लगभग 3,451 करोड़ रुपये की वह राशि भी जोड़ दी गई है, जो करीब 12 साल पुरानी है। जानकार बताते हैं कि इस पुराने घाटे को विद्युत नियामक आयोग पहले ही अस्वीकृत (Reject) कर चुका है। इसके बावजूद, कंपनियों ने चालाकी दिखाते हुए इसे नए घाटे के साथ जोड़ दिया है, ताकि आम जनता से ज्यादा वसूली की जा सके।
आपत्ति दर्ज कराने की प्रक्रिया पर छिड़ा विवाद
नियम के मुताबिक, बिजली की दरें बढ़ाने से पहले नियामक आयोग जनता की आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित करता है। लेकिन इस बार आयोग ने हाइब्रिड मॉडल अपनाया है, जिसे लेकर उपभोक्ताओं और जानकारों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है।
हाइब्रिड मॉडल के तहत उपभोक्ता या तो ऑनलाइन अपनी बात रख सकते हैं या फिर उन्हें व्यक्तिगत रूप से भोपाल जाकर अपनी आपत्ति दर्ज करानी होगी। उपभोक्ताओं का कहना है कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर हर व्यक्ति अपनी तकनीकी बात स्पष्ट रूप से नहीं रख पाता, और दूसरे शहरों (जैसे जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर) से भोपाल जाकर आपत्ति दर्ज कराना आम आदमी के लिए काफी महंगा और समय बर्बाद करने वाला काम है। लोगों की मांग है कि आयोग को पहले की तरह हर बड़े शहर में जनसुनवाई करनी चाहिए।
महंगाई की एक और किस्त
अगर यह 10.2% का टैरिफ हाइक लागू होता है, तो इसका सीधा असर घरेलू बजट से लेकर छोटे उद्योगों तक पर पड़ेगा। पिछले कुछ वर्षों में बिजली की दरों में लगातार हुई वृद्धि ने पहले ही जनता को परेशान कर रखा है। अब पुराने अस्वीकृत घाटे को आधार बनाकर की जा रही यह वसूली प्रदेशवासियों के लिए 'दोहरी मार' साबित हो सकती है।
विद्युत नियामक आयोग अब इन आपत्तियों पर विचार करेगा, लेकिन जिस तरह से घाटे के आंकड़े पेश किए गए हैं, उससे साफ संकेत मिल रहे हैं कि अप्रैल 2026 से उपभोक्ताओं को बिजली का जोर का झटका लगने वाला है।
