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Deputy Collector Fraud: डिप्टी कलेक्टर से 2.95 लाख की ठगी, CM Office का कर्मचारी बताकर दिया सजा कम कराने का झांसा, साइबर फ्रॉड का केस दर्ज
Deputy Collector Fraud: MP में डिप्टी कलेक्टर से साइबर फ्रॉड। CM Office का कर्मचारी बताकर विभागीय जांच में राहत के नाम पर 2.95 लाख रुपये ठगे गए।

Deputy Collector Fraud: मध्य प्रदेश में एक डिप्टी कलेक्टर से साइबर ठगों ने करीब 2.95 लाख रुपये की ठगी कर ली। ठगों ने खुद को मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़ा कर्मचारी बताकर विभागीय जांच में सजा कम कराने का झांसा दिया। पीड़ित अधिकारी अरविंद सिंह माहौर ग्वालियर के थाटीपुर थाना क्षेत्र की न्यू अशोक कॉलोनी के निवासी हैं और मुरैना के सबलगढ़ में पदस्थ थे।
कलेक्टर के हवाले से कराया गया भरोसा
डिप्टी कलेक्टर के अनुसार, रात करीब 8:17 बजे उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आया जिसे उन्होंने रिसीव नहीं किया। इसके बाद कॉल करने वाले व्यक्ति ने उनके कलेक्टर को फोन कर खुद को CM Portal Office से जुड़ा बताते हुए कहा कि डिप्टी कलेक्टर कॉल नहीं उठा रहे हैं। कलेक्टर के कहने पर कुछ देर बाद एक अन्य नंबर से कॉल आया, जो Truecaller पर “CM Portal Ashwini” के नाम से दिख रहा था जिससे अधिकारी को कॉल की विश्वसनीयता पर शक नहीं हुआ।
सजा कम कराने के नाम पर मांगा गया पैसा
फोन करने वाले शख्स ने दावा किया कि वह CM Office से जुड़ा है और विभागीय कार्रवाई में राहत दिलाने के लिए कुछ राशि “contribution” के रूप में जमा करनी होगी। उसकी बातों में आकर डिप्टी कलेक्टर ने अलग-अलग समय पर ऑनलाइन वॉलेट और बैंक खातों के माध्यम से करीब 2 लाख 95 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए, इसके बावजूद आरोपी लगातार और पैसे की मांग करता रहा।
लगातार डिमांड से हुआ शक
बार-बार पैसे मांगे जाने पर डिप्टी कलेक्टर को संदेह हुआ। उन्होंने खुद जानकारी जुटाई जिसमें सामने आया कि मुख्यमंत्री कार्यालय में अश्विनी नाम का कोई व्यक्ति या कर्मचारी पदस्थ नहीं है। जब अधिकारी ने आरोपी से पैसे वापस मांगे तो उसने बातचीत बंद कर दी।
1930 पर दर्ज हुई ई-जीरो FIR
घटना के बाद डिप्टी कलेक्टर अरविंद सिंह माहौर ने तुरंत Cyber Helpline Number 1930 पर e-Zero FIR दर्ज कराई। शिकायत CCTNS के जरिए थाटीपुर थाना पहुंची जहां साइबर फ्रॉड का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई।
पुलिस का बयान और जांच की स्थिति
इस मामले में ASP अनु बेनीवाल ने बताया कि मध्य प्रदेश में e-Zero FIR अभियान चलाया जा रहा है और शुरुआती जांच में सामने आया है कि एक शासकीय अधिकारी को फोन कर खुद को सरकारी कर्मचारी बताकर 2.95 लाख रुपये की ठगी की गई है। पुलिस आरोपियों की पहचान और पैसों के ट्रेल की जांच कर रही है।
एक अन्य विवाद से भी जुड़ा है मामला
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, फरियादी डिप्टी कलेक्टर एक अन्य विवाद से जुड़े मामले में निलंबित भी हैं। ग्वालियर की एक महिला ने उन पर अपनी बेटी को फोन कर परेशान करने का आरोप लगाया था और जनसुनवाई में वीडियो समेत शिकायत दर्ज कराई थी। यह प्रकरण अलग जांच के दायरे में है।
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