MP Cyber Crime News: ठगों के हौसले बुलंद! IPS की ही बना दी फेक आइडी, फिर ऐसे लूट ले गए लाखों रुपये
MP News: मध्यप्रदेश के इंदौर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां साइबर ठगों की हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि अब उन्होंने सीधे पुलिस अफसरों को ही ठगी का जरिया बना लिया है. बदमाशों ने IPS अधिकारी ऋषिकेश मीणा की फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाकर उनके ही रिश्तेदारों और परिचितों को ठग लिया.

MP News: मध्यप्रदेश के इंदौर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां साइबर ठगों की हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि अब उन्होंने सीधे पुलिस अफसरों को ही ठगी का जरिया बना लिया है. बदमाशों ने IPS अधिकारी ऋषिकेश मीणा की फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाकर उनके ही रिश्तेदारों और परिचितों को ठग लिया.
शातिर ठगों ने डीसीपी की असली तस्वीर का इस्तेमाल किया, और उनके नाम से लोगों को मैसेज भेजकर फर्नीचर और गाड़ी बेचने का झांसा भी दिया. इस झूठे भरोसे में आकर दो परिचितों ने 3.55 लाख रुपये उनके बताए खातों में ट्रांसफर कर दिए.
फेसबुक पर बनी नकली प्रोफाइल
कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक आईडी वायरल होने लगी, जिसमें डीसीपी ऋषिकेश मीणा का नाम और फोटो दिख रहा था. नाम देख लोग भ्रम में आ गए और कई लोगों ने उस अकाउंट की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार भी कर ली. लोगों को इनबॉक्स में मैसेज भेजे गए कि डीसीपी साहब अपना फर्नीचर और कार बेचना चाहते हैं. कम दाम सुनकर लोग लालच में आ गए और सौदा तय हो गया.
करीबी हुए ठग के शिकार
सबसे हैरानी की बात ये रही कि ठगों ने डीसीपी के करीबी रिश्तेदारों को भी निशाना बना लिया. जब रिश्तेदारों को अफसर की ओर से मैसेज आए, तो किसी को शक भी नहीं हुआ. बातचीत में पूरी तरह भरोसा दिलाने के बाद ठगों ने पैसों की डील फाइनल करवाई और अलग-अलग खातों में पैसे मंगवा लिए.
पुलिस ने दर्ज किया मामला
जब असल डीसीपी ऋषिकेश मीणा को इस फर्जीवाड़े की जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए. साइबर सेल में कार्यरत आरक्षक गौरव परमार ने छत्रीपुरा थाने में इस मामले की शिकायत दर्ज करवाई. देर रात अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
राजस्थान में भी सामने आए मामले
इंदौर में मामला सामने आने के बाद, राजस्थान में भी दो शिकायतें दर्ज की गई हैं. वहां भी इसी तरह के पैटर्न पर IPS अधिकारी के नाम से लोगों को धोखा दिया गया.
पहली बार नहीं, कई अफसर बन चुके हैं निशाना
इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं. इंदौर में ही जेल डीजी वरुण कपूर, एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया और कई थाना प्रभारियों के नाम से भी फर्जी प्रोफाइल बन चुकी हैं.
