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जहरीले कफ सिरप से मासूमों की मौत! कोर्ट में पेश 'रंगनाथन' पर हुआ हमला, वकीलों ने की फांसी की मांग

Cough Syrup case: कोल्ड्रिफ कफ सिरप मामले में आरोपी रंगनाथन को आज कोर्ट में पेश किया गया। वकीलों ने आरोपियों के साथ धक्का-मुक्की की और उन्हें फांसी देने की मांग की।

जहरीले कफ सिरप से मासूमों की मौत! कोर्ट में पेश रंगनाथन पर हुआ हमला, वकीलों ने की फांसी की मांग
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NPG FILE PHOTO

By Ashish Kumar Goswami

भोपाल। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कोल्ड्रिफ सिरप पीने से अब तक 23 बच्चों की मौत हो चुकी है। इनमें से 20 बच्चे छिंदवाड़ा, 2 बैतूल और 1 पांढुर्ना का था। हाल ही में मोरडोगरी परासिया निवासी एक साल के गर्विक पवार की नागपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई। प्रशासन ने दो और बच्चों की मौत की पुष्टि अभी नहीं की है।

कोर्ट में वकीलों का हंगामा

इस मामले में श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के मालिक गोवर्धन रंगनाथन को चेन्नई से गिरफ्तार कर परासिया कोर्ट में आज पेश किया गया। पेशी के दौरान कोर्ट परिसर में वकीलों और लोगों ने जमकर विरोध किया। वकीलों ने आरोपी को घेर लिया और जमकर धक्का-मुक्की भी की। कई वकीलों ने तो फांसी की सजा की मांग तक कर डाली। सुरक्षा बढ़ानी पड़ी और पुलिस को आरोपी को बचाकर कोर्ट तक ले जाना पड़ा।

10 दिन की पुलिस रिमांड

प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट शैलेंद्र उइके की अदालत ने आरोपी गोवर्धन रंगनाथन को 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। अब एमपी पुलिस की एसआईटी टीम उससे पूछताछ करेगी और यह पता लगाएगी कि, जहरीले सिरप को बनाने में किन नियमों की अनदेखी की गई और किन लोगों की मिलीभगत से ये सब हुआ। पुलिस ने आरोपी को चेन्नई से फ्लाइट के जरिए नागपुर लाया और फिर कार के काफिले में छिंदवाड़ा पहुंचाया। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे और कोर्ट परिसर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात रहा।

फैक्ट्री से सिरप बनाकर भेजा गया था

जबलपुर जोन के आईजी प्रमोद वर्मा ने बताया कि, कांचीपुरम स्थित फैक्ट्री में बना यह सिरप छिंदवाड़ा भेजा गया था। वहीं इसका सेवन करने से बच्चों की तबीयत बिगड़ी और कई की मौत हो गई। एसआईटी टीम ने फैक्ट्री मालिक को गिरफ्तार कर लिया है और अब उससे गहन पूछताछ की जाएगी।

SC ने जनहित याचिका खारिज की

इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें CBI जांच और देशभर में दवा सुरक्षा की मांग की गई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। मुख्य न्यायाधीश बीजार गवई, न्यायमूर्ति उज्जल भूयान और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने कहा कि राज्य सरकारें पहले ही गंभीर कदम उठा चुकी हैं।

सॉलिसिटर जनरल का बयान

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा कि, याचिकाकर्ता सिर्फ अखबार की खबरों के आधार पर अदालत पहुंच जाते हैं, जबकि तमिलनाडु और मध्य प्रदेश सरकार ने इस मामले में पहले ही कार्रवाई शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि, राज्यों में दवा कानूनों को लागू करने की व्यवस्था पहले से मौजूद है।

मासूमों की मौत से मचा कोहराम

इस जहरीले सिरप से बच्चों की मौत ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। कई परिवारों ने अपने नन्हे बच्चों को खो दिए है जो अब सिर्फ न्याय की मांग कर रहे हैं। लोग चाहते हैं कि, दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिले। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि सिरप में कौन-से जहरीले तत्व थे, इसे बनाने में किन नियमों की अनदेखी की गई और किन लोगों ने इसे बाजार में बेचने में मदद की। आरोपी से पूछताछ के बाद कई और गिरफ्तारियां होने की भी संभावना हैं। फिलहाल इस खबर पर लगातार अपडेट्स जारी है।

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