MP Birds Appear in Court: कोर्ट में हुई 'तोते' की पेशी, 2 आरोपियों को भेजा गया जेल, जानिए दिलचस्प मामला..
MP Birds Appear in Court: मध्यप्रदेश के खंडवा में वन विभाग ने 27 तोता पक्षियों को अवैध रूप से पकड़ने और बेचने के आरोप में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया. शनिवार को इन पक्षियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां न्यायालय ने इनको पिंजरे से आज़ाद करने की अनुमति दी. वन विभाग ने पक्षियों का स्वास्थ्य परीक्षण करवाया और उन्हें खंडवा के कालजाखेड़ी क्षेत्र में प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया. दोनों आरोपियों को न्यायालय ने जेल भेज दिया.

MP Birds Appear in Court: मध्यप्रदेश के खंडवा जिले से एक दिलचस्प मामला सामने आया है. जहाँ वन विभाग द्वारा पकड़े गए 27 तोता पक्षियों को कोर्ट में पेश किया गया, और उन्हें पिंजरे से आजाद करने की अनुमति मिली.
दरअसल, शनिवार को वन विभाग की टीम ने खंडवा में दो आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ा. दोनों आरोपी रिंग पेरापिट प्रजाति के तोतों का अवैध व्यापार कर रहे थे. यह प्रजाति वन्य प्राणी अधिनियम के तहत टाइप 2 कैटेगरी में आती है, जिसे पकड़ना और बेचना पूरी तरह से प्रतिबंधित है. इन तोतों के गले में एक लाल रंग का छल्ला होता है, जो उनकी खूबसूरती को और बढ़ाता है, और यही कारण है कि इन पक्षियों की मांग अधिक होती है.
वन विभाग ने जब इन तोतों को पकड़ा, तो उन्हें पिंजरे में बंद पाया. विभाग ने तुरंत दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और न्यायालय में पेश किया. न्यायालय ने दोनों आरोपियों को जेल भेजने का आदेश दिया.
तोतों का स्वास्थ्य परीक्षण
वन विभाग ने तोतों की स्थिति का मूल्यांकन किया और उनका स्वास्थ्य परीक्षण करवाया. यह आवश्यक था क्योंकि लंबे समय तक पिंजरे में बंद रहने के कारण पक्षियों की सेहत पर असर पड़ सकता था. विभाग ने विशेषज्ञों से जांच करवाकर यह सुनिश्चित किया कि तोते पूरी तरह से स्वस्थ हैं और उन्हें कोई शारीरिक समस्या नहीं है.
इसके बाद, वनकर्मियों ने तोतों को उनके प्राकृतिक आवास में छोड़ने का निर्णय लिया. तोतों को पिंजरे से बाहर निकालने और उन्हें आजाद करने के लिए विभाग ने न्यायालय से अनुमति प्राप्त की. न्यायालय ने तोतों को प्राकृतिक वातावरण में छोड़ने की अनुमति दे दी, जिसके बाद वन विभाग ने इन पक्षियों को खंडवा जिले के कालजाखेड़ी क्षेत्र में ले जाकर आजाद कर दिया.
ऐसे मिली तोतों का आज़ादी
विभाग ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया की, यह कदम सिर्फ तोतों के लिए नहीं, बल्कि पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण था. वनकर्मियों ने न्यायालय से आवेदन किया था, जिसमें उन्होंने बताया कि तोतों का स्वास्थ्य ठीक है और वे अपनी प्राकृतिक जीवनशैली में लौटने के लिए तैयार हैं. न्यायालय ने इस आवेदन पर विचार करते हुए वन विभाग को तोतों को आज़ाद करने की अनुमति दी.खंडवा जिले के कालजाखेड़ी क्षेत्र में तोतों को खुले आसमान में छोड़ा गया, जहाँ उन्होंने अपनी स्वतंत्रता का अनुभव किया. यह दृश्य वनकर्मियों के लिए एक बड़ी सफलता था, क्योंकि उन्होंने इन पक्षियों को अवैध पकड़ने और व्यापार से बचाया था.
वन्य प्राणी संरक्षण और वन विभाग की भूमिका
वन्य प्राणी संरक्षण की दिशा में वन विभाग का यह कदम महत्वपूर्ण है. रिंग पेरापिट तोता प्रजाति, जिसे कई जगहों पर "लाल छल्ले वाला तोता" भी कहा जाता है, एक अत्यधिक सुंदर और आकर्षक पक्षी है. इसका अवैध शिकार और व्यापार, विशेषकर गहनों की तरह इसे बेचने के कारण, इन पक्षियों की संख्या में भारी गिरावट आई है. वन विभाग का यह कदम ऐसे मामलों में सख्ती से करवाई करने की दिशा में महत्वपूर्ण है, ताकि इन पक्षियों की प्रजातियाँ संरक्षित रहें और उन्हें उनके प्राकृतिक आवास में जीवन जीने का अवसर मिले.
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अवैध व्यापार के खिलाफ लगातार निगरानी रखी जाएगी, ताकि इस प्रकार के अपराधों को रोका जा सके और वन्य प्राणियों का संरक्षण किया जा सके. वन विभाग के अधिकारियों ने यह भी बताया कि यह कार्रवाई ऐसे अपराधियों के खिलाफ एक चेतावनी है, जो वन्य प्राणियों को अवैध रूप से पकड़कर बेचना चाहते हैं.
जेल भेजे गए दोनों आरोपी
दोनों आरोपियों के खिलाफ वन्य प्राणी अधिनियम के तहत गंभीर आरोप लगाए गए थे. रिंग पेरापिट तोता प्रजाति को अवैध रूप से पकड़ना और बेचना वन्य प्राणी अधिनियम के अंतर्गत अपराध माना जाता है. दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. आरोपियों के खिलाफ इस मामले में जांच पूरी कर ली गई है, और अब उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है.