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Mohan Cabinet Meeting 2025: CM मोहन यादव की कैबिनेट बैठक हुई खत्म, कई अहम प्रस्तावों पर लगी मुहर, गरीब कल्याण मिशन को मिली स्वीकृति

Mohan Cabinet Meeting 2025: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में हुई। प्रदेश को वर्ष 2028 तक गरीबी मुक्त बनाने का महत्वाकांक्षी निर्णायक कदम उठाते हुए मंत्रि-परिषद ने 'गरीब कल्याण मिशन' के क्रियान्वयन की स्वीकृति दी।

Mohan Cabinet Meeting 2025: CM मोहन यादव की  कैबिनेट बैठक हुई खत्म, कई अहम प्रस्तावों पर लगी मुहर, गरीब कल्याण मिशन को मिली स्वीकृति
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By Neha Yadav

Mohan Cabinet Meeting 2025: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में हुई। प्रदेश को वर्ष 2028 तक गरीबी मुक्त बनाने का महत्वाकांक्षी निर्णायक कदम उठाते हुए मंत्रि-परिषद ने 'गरीब कल्याण मिशन' के क्रियान्वयन की स्वीकृति दी। मिशन का उद्देश्य राज्य के गरीब और वंचित वर्गों का आर्थिक उत्थान करते हुये उनकी आय को न्यूनतम आय के स्तर तक लाना है। गरीब कल्याण मिशन संयुक्त रूप से पंचायत एवं ग्रामीण विकास और नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा अन्य विभागों के सहयोग से क्रियान्वित किया जायेगा।

गरीब कल्याण मिशन मुख्यतः तीन घटकों यथा बहु-आयामी गरीबी इण्डेक्स में सुधार, आजीविका सुदृढ़ीकरण और विद्यमान संगठनों के सशक्तिकरण पर केन्द्रित है। बहु आयामी गरीबी इण्डेक्स के मुख्य बिन्दु महिलाओं और बच्चों का पोषण सुनिश्चित करना, शिशु मृत्यु दर कम करना, गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य सुनिश्चित करना, माध्यमिक शिक्षा सुनिश्चित करना, माध्यमिक कक्षा तक के छात्रों की स्कूल में उपस्थिति, भोजन पकाने के लिए समुचित ईंधन उपलब्धता, स्वच्छता, पेयजल उपलब्धता, विद्युत कनेक्शन, आवास निर्माण, परिवारों के पास संसाधन उपलब्धता, बैंक खाता की उपलब्धता के साथ वित्तीय समावेश में सुधार किया जायेगा।

गरीब कल्याण मिशन-2028, स्थानीय समुदाय के सशक्तिकरण के माध्यम से वर्तमान शासकीय योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित करते हुये राज्य की जनता को आत्मनिर्भरता और समृद्धि के पथ पर अग्रसर करने में सहायक सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वर्ष-2024 के स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर 'गरीब कल्याण मिशन-2028' की घोषणा की थी।

शासकीय भवनों में सोलर रूफ टॉप संयंत्रों की स्थापना की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा "पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना" अंतर्गत प्रदेश के शासकीय भवनों में सोलर रूफ टॉप संयंत्रों की स्थापना की स्वीकृति दी है। सोलर रूफ टॉप संयंत्रों की स्थापना मिशन मोड में वर्ष 2025-26 तक की जाना है। जिला स्तर पर 20 किलोवॉट और उससे अधिक क्षमता वाले शासकीय भवनों को एग्रीगेट कर निविदा के माध्यम से रेस्को पद्धति या कैपेक्स मोड में म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड द्वारा योजना का क्रियान्वयन किया जायेगा। केन्द्र सरकार द्वारा "पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना" प्रारम्भ की गई है। इस योजना के विभिन्न घटकों में घरेलू क्षेत्र में सोलर रूफ टॉप की स्थापना के साथ ही प्रदेश के शासकीय भवनों में सोलर रूफ टॉप संयंत्रों की स्थापना की जाना है।

सभी शासकीय भवनों में सोलर रूफ टॉप संयंत्र की स्थापना एवं संचालन की मॉनिटरिंग "पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना" के अंतर्गत निर्मित की गई "राज्य स्तरीय समन्वय समिति" एवं "जिला स्तरीय समिति" द्वारा की जायेगी। सभी विभाग अपने भवनों पर और सभी जिला कलेक्टर जिले के शासकीय भवनों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिये एक्शन प्लान तैयार कर "राज्य स्तरीय समन्वय समिति" के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। इस योजना के सफल एवं दक्षतापूर्ण क्रियान्वयन से निश्चित ही प्रदेश सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल होगा।

डायल-100 सेवा के द्वितीय चरण के संचालन के लिए 1565 करोड़ रूपये की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा एकीकृत पुलिस कॉल सेन्टर एवं नियंत्रण कक्ष तंत्र (डायल-100) सेवा के द्वितीय चरण अप्रैल-2025 से सितम्बर-2030 तक (5 वर्ष 06 माह) के संचालन के लिए 1200 फर्स्ट रिस्पांस व्हीकल (एफआरवी) के साथ कुल अनुमानित राशि 1565 करोड़ रूपये की परियोजना को स्वीकृति प्रदान की गयी ।

"मुख्यमंत्री मछुआ समृद्धि योजना" को वर्ष 2025-26 तक निरंतर रखे जाने का निर्णय

मंत्रि-परिषद द्वारा "मुख्यमंत्री मछुआ समृद्धि योजना" को आगामी 2 वर्षों (वर्ष 2024-25 एवं वर्ष 2025-26) में निरंतर रखे जाने का निर्णय लिया गया है। योजना में ग्रामीण तालाबों में मत्स्य बीज उत्पादन/ मत्स्यपालन, ग्रामीण तालाबों में झींगा पालन, मत्स्यपालकों को प्रशिक्षण, किसान क्रेडिट कार्ड (ब्याज अनुदान), स्मार्ट फिश पार्लर की स्थापना, एकीकृत सूचना प्रणाली का विकास, राज्य मछली महाशीर का संरक्षण आदि कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए राशि 100 करोड़ रूपये राज्यांश स्वीकृत किया गया है।

प्रत्येक जिले में पुलिस बैण्ड की स्थापना के लिए नवीन पदों के सृजन की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश के जिलों में पुलिस बैण्ड की स्थापना के लिए कुल 932 नवीन पदों के सृजन की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसमें 10 निरीक्षक बैण्ड, 38 उप निरीक्षक बैण्ड, 72 सहायक उप निरीक्षक बैण्ड, 170 प्रधान आरक्षक बैण्ड और 642 आरक्षक बैण्ड के पद शामिल है।

Neha Yadav

नेहा यादव रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएट करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। पिछले 6 सालों से विभिन्न मीडिया संस्थानों में रिपोर्टिंग करने के बाद NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहीं है।

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