Mauganj Collector And SP Removed: मऊगंज हिंसा के बाद हटाए गए एसपी - कलेक्टर, अब इन्हें मिली जिम्मेदारी, ASI समेत दो का हुआ था मर्डर
Mauganj Collector And SP Removed: मऊगंज में हुई हिंसा के बाद सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है. एसपी रसना ठाकुर(SP Rasna Thakur) और कलेक्टर अजय श्रीवास्तव(Collector Ajay Shrivastava) को हटा दिया है.

Mauganj Collector And SP Removed
Mauganj Collector And SP Removed: मध्यप्रदेश के मऊगंज में हुई हिंसा के बाद सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है. मोहन सरकार ने कार्रवाई करते हुए एसपी रसना ठाकुर(SP Rasna Thakur) और कलेक्टर अजय श्रीवास्तव(Collector Ajay Shrivastava) को हटा दिया है.
हटाए गए मऊगंज कलेक्टर और एसपी
जानकारी के मुताबिक़, मऊगंज में आदिवासी द्वारा एक युवक और एएसआई रामचरण गौतम की हत्या के बाद हिंसा भड़की. इसके बाद से लगातार जिले के एसपी और कलेक्टर को हटाए जाने की मांग की जा रही थी. जिसके बाद सरकार ने कार्रवाई करते हुए मऊगंज के एसपी आईपीएस रसना ठाकुर और कलेक्टर आईएएस अजय श्रीवास्तव को हटा दिया है. आईपीएस रसना ठाकुर को एसपी के पद से हटा कर एआईजी, पीएचक्यू भोपाल भेजा गया है. उनके स्थान पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ उज्जैन के एसपी आईपीएस दिलीप कुमार सोनी(IPS Dilip Kumar Soni) को मऊगंज का एसपी बनाया गया है.
वहीँ, आईएएस अजय श्रीवास्तव को कलेक्टर पद से हटा दिया गया है. उन्हें लोक परिसंपत्ति प्रबंधन और खेल एवं युवा कल्याण विभाग में उप सचिव बनाया गया है. उनकी जगह 2015 बैच के आईएएस संजय कुमार जैन(IAS Sanjay Kumar Jain) को मऊगंज का कलेक्टर बनाया गया है. आईएएस संजय कुमार जैन लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग तथा अपर प्रबंध संचालक के उपसचिव के पद पर तैनात थे. इस सम्बन्ध में गृह विभाग ने आदेश जारी किया है.
देखें आदेश
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने क्या कहा
मामले में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा, "मऊगंज जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र में हुई दुर्भाग्यपूर्ण हिंसक घटना के संदर्भ में कल देर रात जिले के कलेक्टर एवं एसपी को तत्काल प्रभाव से हटाया गया है. घटना स्थल पर प्रभारी मंत्री को भेजा गया है, पुलिस एवं प्रशासन को पूरी तरह से हाई अलर्ट पर रखा है. प्रदेश के सभी जिम्मेदार वरिष्ठ अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी गई है कि भविष्य में ऐसी कोई भी अप्रिय घटना की पुनरावृत्ति नहीं होना चाहिए."
क्या है मामला
दरअसल , बीते 15 मार्च को आदिवासियों ने ASI रामचरण गौतम और सनी द्विवेदी की हत्या कर दी थी. 2 महीने पहले यानी जनवरी में शाहपुरा थान क्षेत्र के गड़रा गांव में एक सड़क हादसे में गांव के आदिवासी युवक अशोक की मौत हो गई थी. परिजनो ने सड़क हादसे को हत्या करार देते हुए ब्राम्हण परिवार के युवक सनी द्विवेदी पर आरोप लगाया. बदला लेने के लिए आदिवासियों ने युवक को बंधक बनाकर मारपीट की. करीब 250 आदिवासी मौके पर मौजूद थे. इसकी जानकारी पुलिस को दी गयी. सूचना मिलते ही पुलिस फोर्स युवक को बचाने के लिए गांव पहुंची. मौके पर पुलिस अधिकारियों के साथ तहसीलदार, एसडीओपी, थाना प्रभारी, और अन्य पुलिसकर्मी पहुंचे थे.
जैसे ही पुलिस ने युवक को छुड़ाने के लिए कमरा खोला तो देखा आदिवासियों ने पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी थी. हत्या के मामले में पुलिस ने दो आदिवासियों को गिरफ्तार किया. जिसके बाद आदिवासियों की भीड़ उग्र हो गई और उन्होंने पुलिस पर हमला कर दिया. जिसमे कई पुलिस अधिकारी घायल हो गए. हमले में एएसआई रामचरण गौतम की मौत हो गई थी. घटना के बाद से गड़रा गांव में धारा 163 लागू कर दिया गया था. साथ ही आस-पास के जिलों से बड़ी संख्या में पुलिस बल बुलाकर गांव में तैनात किया गया. वहीँ मामले में ब्राम्हण समाज लगातार एसपी और कलेक्टर को हटाने की मांग कर रहे थे.
इधर मामले में अबतक 29 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. सभी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 103 (1), 127 (2), 132, 296, 115 (2), 351 (3), 109, 191 (2), 191 (3), 190, 121(2) समेत अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. फिलहाल अभी भी कार्रवाई जारी है.