Mahakal Bhasma Aarti Live : उज्जैन में महाकाल की भस्म आरती का अलौकिक नजारा घर बैठे करें दर्शन
Mahakal Bhasma Aarti Live : क्षिप्रा तट पर विराजित भगवान महाकालेश्वर की नगरी में आज ब्रह्म मुहूर्त का आरंभ, उनकी विश्व प्रसिद्ध भस्म आरती के साथ हुआ।

Mahakal Bhasma Aarti Live : उज्जैन: क्षिप्रा तट पर विराजित भगवान महाकालेश्वर की नगरी में आज ब्रह्म मुहूर्त का आरंभ, उनकी विश्व प्रसिद्ध भस्म आरती के साथ हुआ।
नए नियमों से दर्शन हुआ और आसान
भक्तों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने जो नई व्यवस्थाएं लागू की हैं, वे आज के दर्शनों में कारगर साबित हुईं। लंबी प्रतीक्षा और अव्यवस्था को टालते हुए, आम दर्शनार्थियों को रात 2 बजे से ही मान सरोवर गेट के माध्यम से प्रवेश देना शुरू कर दिया गया। इस सुचारु प्रबंधन के कारण कतारें नियंत्रित रहीं और भक्त शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बारी का इंतजार करते हुए जय महाकाल का उद्घोष करते रहे।
चार बजे का वह अलौकिक क्षण
ठीक सुबह 4 बजे, मंदिर के पट खुलते ही सबसे पहले बाबा महाकाल को जल से स्नान कराया गया, जिसके बाद पंचामृतसे उनका अभिषेक किया गया। महाकाल का यह स्नान भक्तों को पापों से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है। वस्त्रों से सजे निराकार महाकाल को जब गोबर के पवित्र कंडे, शमी और पीपल की लकड़ियों की राख से श्रृंगारित किया गया, तब पंडाल में उपस्थित हर भक्त ने मानो संसार को विस्मृत कर दिया। भस्म से सजी उनकी योगेश्वर छवि, जो क्षणभंगुर संसार में वैराग्य का सर्वोच्च पाठ पढ़ाती है, आज एक बार फिर हृदय को स्पर्श करने वाली थी।
मर्यादा का पालन अनिवार्य
मंदिर प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस सबसे महत्वपूर्ण आरती में शामिल होने के लिए ऑनलाइन बुकिंग अनिवार्य है, जिसे श्रद्धालु आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ही करा सकते हैं। साथ ही, भस्म आरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को ड्रेस कोड का सख्ती से पालन करना होता है—पुरुषों के लिए धोती-सोला और महिलाओं के लिए साड़ी, जो इस दिव्य अनुभव की मर्यादा को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
आज की भस्म आरती के बाद दिन भर में होने वाली बालभोग, दत्योदक, भोग, संध्या पूजन और शयन आरती के लिए भी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं, लेकिन ब्रह्म मुहूर्त की यह पहली आरती सदैव ही भक्तों के मन में एक अमिट छाप छोड़ जाती है।
