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महाकाल मंदिर को मिला करोड़ों का दान: 39 दिनों में रिकार्ड तोड़ चढ़ा चढ़ावा, सवा करोड़ भक्तों ने किए दर्शन

विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में श्रावण-भाद्रपद मास की रौनक कुछ ऐसी रही कि भगवान महाकाल का खजाना भक्तों की भेंट से लबालब भर गया। 39 दिनों में मंदिर समिति को 29 करोड़ 61 लाख रुपये की आय हुई, जो बीते तीन सालों में इस अवधि की सर्वाधिक आय है।

महाकाल मंदिर को मिला करोड़ों का दान: 39 दिनों में रिकार्ड तोड़ चढ़ा चढ़ावा, सवा करोड़ भक्तों ने किए दर्शन
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Mahakal temple received donations worth crores (file photo)

By Ashish Kumar Goswami

उज्जैन। बाबा महाकाल की महिमा अपरंपार है। इस साल श्रावण-भाद्रपद मास के दौरान, महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। 39 दिनों के भीतर, मंदिर को भक्तों के दान और चढ़ावे से 29.61 करोड़ रुपये की बंपर आय हुई। यह पिछले तीन सालों में इस अवधि की सबसे ज़्यादा कमाई है। इतना ही नहीं, इस बार 1 करोड़ 25 लाख से ज़्यादा भक्तों ने बाबा महाकाल के दर्शन कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। यह सब महाकाल लोक कॉरिडोर के बनने के बाद बढ़ी भक्तों की संख्या का नतीजा है।

भक्ति की लहर, खजाना लबालब

आपको बता दें कि, पूरे श्रावण और भाद्रपद महीने में, उज्जैन की गलियाँ 'हर हर महादेव' के जयकारों से गूँजती रहीं। मंदिर प्रशासन के मुताबिक, भक्तों की संख्या में पिछले साल के मुकाबले 14% की बढ़ोतरी हुई, जबकि मंदिर की आय 20% बढ़ गई।


मिली जानकारी के अनुसार, मंदिर की आय के मुख्य स्त्रोत में लड्डू प्रसाद (10 करोड़ से अधिक), स्पेशल दर्शन टिकट (6.5 करोड़) और दानपात्र व ऑनलाइन दान (5.2 करोड़ से ज्यादा) का चढ़ावा चढ़ाया गया है। इसके अलावा, भक्तों ने सोने-चांदी के गहने और अन्य कीमती सामान भी दान किए।


महाकाल लोक का कमाल

मंदिर प्रशासन ने बताया कि, महाकाल लोक कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद से भक्तों की संख्या में तेज़ी से बढ़ोतरी हुई है। यह कॉरिडोर, जिसका उद्घाटन 11 अक्टूबर, 2022 को हुआ था, न सिर्फ भक्तों को शिव की कहानियों से जोड़ता है, बल्कि यहाँ मिलने वाली बेहतर सुविधाओं ने दर्शन को और भी आसान बना दिया है।

महाकाल लोक बनने के बाद भक्तों की संख्या में चार गुना की बढ़ोतरी देखी गई है। साल 2024 के श्रावण-भाद्रपद मास में ही 1.25 करोड़ भक्तों का आना, इस कॉरिडोर की सफलता का सबसे बड़ा सबूत है। इसके आलावा नाग पंचमी और श्रावण पूर्णिमा जैसे खास दिनों पर तो रिकॉर्ड तोड़ भीड़ रही।

दिल छू लेने वाली भक्तों की कहानियाँ

महाकाल मंदिर में भक्तों का आना सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि यह उनकी अटूट आस्था की कहानी भी कहता है। गुजरात से आए एक भक्त विनोद भाई पटेल ने बताया कि, वह हर साल बाबा के दर्शन के लिए आते हैं और इस बार महाकाल लोक की भव्यता देखकर वे बहुत खुश हुए। उन्होंने मंदिर में 1 लाख रुपये दान भी दिए। इसी तरह, हरियाणा की सविता देवी ने बताया कि पिछले साल बाबा के दर्शन के बाद उनके बेटे की शादी पक्की हुई, जिसके बाद उन्होंने इस बार सोने की अंगूठी चढ़ाई।

भक्तों की सुविधाओं में आय का इस्तेमाल

मंदिर को मिली इस रिकॉर्ड तोड़ कमाई का इस्तेमाल भक्तों की सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा। मंदिर समिति ने बताया कि, इस पैसे से ऑनलाइन दर्शन प्रणाली को और बेहतर बनाया जाएगा, धर्मशालाएँ और अन्न क्षेत्र बनाए जाएँगे, और सुरक्षा व्यवस्था को मज़बूत किया जाएगा। रुद्रसागर झील के सौंदर्यीकरण का काम भी जल्द ही पूरा हो जाएगा।

सोशल मीडिया पर छाई महाकाल की महिमा

यह खबर सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हुई। X (ट्विटर) पर कई यूजर्स ने लिखा कि, महाकाल की महिमा अपार है और महाकाल लोक ने उज्जैन को एक नई पहचान दी है। कई लोगों ने मंदिर की भव्यता और भक्तों की लंबी कतारों की तस्वीरें और वीडियो भी शेयर किए।

महाकालेश्वर मंदिर और महाकाल लोक ने मिलकर उज्जैन को धार्मिक पर्यटन का एक नया केंद्र बना दिया है। यहाँ की बढ़ती लोकप्रियता न केवल भक्तों को आकर्षित कर रही है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मज़बूती दे रही है। यह दिखाता है कि बाबा महाकाल के प्रति लोगों की आस्था अटूट है।

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