Jabalpur Income Tax Raid : IT का क्लीन स्वीप ऑपरेशन : स्वच्छता अभियान का स्टीकर लगाकर पहुंचे अफसर, खनन माफिया के ठिकानों पर मारा छापा
Jabalpur Income Tax Raid : मध्य प्रदेश की न्यायधानी जबलपुर में आज सुबह-सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया जब शहर के दो बड़े खनन कारोबारियों के ठिकानों पर इनकम टैक्स (Income Tax) की टीम ने सर्जिकल स्ट्राइक की।

Jabalpur Income Tax Raid : IT का क्लीन स्वीप ऑपरेशन : स्वच्छता अभियान का स्टीकर लगाकर पहुंचे अफसर, खनन माफिया के ठिकानों पर मारा छापा
Jabalpur Income Tax Raid : जबलपुर : मध्य प्रदेश की न्यायधानी जबलपुर में आज सुबह-सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया जब शहर के दो बड़े खनन कारोबारियों के ठिकानों पर इनकम टैक्स (Income Tax) की टीम ने सर्जिकल स्ट्राइक की। इस छापेमारी की सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि आयकर विभाग के अधिकारी 'स्वच्छता अभियान 2025 के स्टीकर लगी करीब 20 गाड़ियों में सवार होकर पहुंचे थे। किसी को भनक तक नहीं लगी कि नगर निगम या स्वच्छता विभाग की टीम के वेश में असल में टैक्स चोरी पकड़ने वाले शिकारी आ रहे हैं।
Jabalpur Income Tax Raid : राजीव चड्ढा और नितिन शर्मा के ठिकानों पर दबिश आयकर विभाग के निशाने पर शहर के दो दिग्गज खनन कारोबारी रहे। पहली टीम ने राजीव चड्ढा की कंपनी SGMM और दूसरी टीम ने नितिन शर्मा की कंपनी सागर स्टोन के ठिकानों पर एक साथ धावा बोला। अधिकारियों ने सिविल लाइन और मदन महल के पास नागपाल गार्डन स्थित उनके घरों और दफ्तरों को घेरे में ले लिया है। अचानक हुई इस कार्रवाई से आसपास के रसूखदारों और अन्य व्यापारियों में भी दहशत का माहौल है।
दस्तावेजों और डिजिटल सबूतों की पड़ताल
सूत्रों के मुताबिक, यह कार्रवाई करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी और अघोषित आय की शिकायतों के आधार पर की गई है। टीम ने घर और ऑफिस को पूरी तरह से सील कर दिया है और किसी को भी अंदर या बाहर जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है। अधिकारियों ने दोनों कारोबारियों के लैपटॉप, मोबाइल फोन और महत्वपूर्ण वित्तीय दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए हैं। प्राथमिक तौर पर बेनामी संपत्ति और माइनिंग के कारोबार में बड़े पैमाने पर हेरफेर के सुराग मिलने की संभावना जताई जा रही है।
जब 'भेष बदलकर' पहुंची जांच एजेंसियां : अतीत की प्रमुख घटनाएं
जांच एजेंसियों द्वारा पहचान छिपाने के लिए गाड़ियों पर दूसरे विभागों के स्टीकर या शादियों के पोस्टर लगाने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई बार ऐसी 'फिल्मी' स्टाइल में रेड की जा चुकी है:
नगर निगम का बोर्ड (2023) : ग्वालियर और इंदौर में भी कुछ मौकों पर जांच टीमें नगर निगम के कचरा संग्रहण वाहनों या फॉगिंग मशीनों के साथ अटैच होकर ठिकानों तक पहुंची थीं।
बाराती बनकर रेड (2022) : मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कई हिस्सों में आयकर विभाग की टीमें गाड़ियों पर राहुल संग अंजलि जैसे शादी के बैनर लगाकर पहुंची थीं, ताकि किसी को शक न हो और रेड से पहले आरोपी भाग न सकें।
कोविड ड्यूटी का बहाना (2021) : कोरोना काल के दौरान कुछ छापेमारी में अधिकारियों ने गाड़ियों पर इमरजेंसी ड्यूटी और कोविड-19 मजिस्ट्रेट के बोर्ड लगाए थे ताकि लॉकडाउन के बीच उनकी आवाजाही पर कोई सवाल न उठे।
पर्यटक बनकर छापा : कई बार अधिकारी टूरिस्ट बसों या टैक्सी गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं ताकि कारोबारी के ठिकानों पर लगे कैमरों में सरकारी गाड़ियां नजर न आएं।
जबलपुर की इस स्वच्छता अभियान वाली रेड ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि इनकम टैक्स विभाग अब अपराधियों और टैक्स चोरों को चकमा देने के लिए हाई-टेक और स्मार्ट तरीकों का इस्तेमाल कर रहा है।
