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जबलपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में CBI का छापा: DGM दीपक लांबा इस मामले में गिरफ्तार, पूछताछ जारी

सीबीआई ने जबलपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में डीजीएम दीपक लांबा को भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के आरोप में गिरफ्तार किया है। लांबा पर एक निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने का आरोप है। छापेमारी के दौरान CBI ने कई दस्तावेज़ और डिजिटल साक्ष्य जुटाए हैं और जांच अभी भी जारी है।

जबलपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में CBI का छापा: DGM दीपक लांबा इस मामले में गिरफ्तार, पूछताछ जारी
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By Ashish Kumar Goswami

जबलपुर। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए जबलपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के उप महाप्रबंधक (DGM) दीपक लांबा को हिरासत में लिया है। उन पर आरोप है कि, उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए एक निजी कंपनी को अनुचित लाभ पहुंचाया, जिससे सरकारी खजाने को करोड़ों का नुकसान हुआ।

क्या है पूरा मामला?

यह मामला तब सामने आया जब दीपक लांबा नागपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में तैनात थे। सीबीआई ने 25 अगस्त को एक प्राथमिकी (FIR) दर्ज की थी, जिसमें लांबा और नागपुर की एक निजी कंपनी 'ऑटोमेशन इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रियल सर्विसेज' के मालिक मोहित ठोलिया को आरोपी बनाया गया है। सीबीआई का आरोप है कि, दोनों ने मिलीभगत करके सरकारी ठेकों में गंभीर अनियमितताएं कीं, जिससे सरकार को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा।

सीबीआई को मिले अहम सबूत

मामले की गंभीरता को देखते हुए, सीबीआई की टीमों ने जबलपुर और नागपुर सहित चार अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की। इन छापों के दौरान, अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण और आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं, जिनमें वित्तीय लेन-देन और टेंडरों से जुड़ी जानकारी शामिल है। इन सबूतों से यह साफ हो गया है कि, सरकारी नियमों को जानबूझकर नजरअंदाज किया गया ताकि निजी कंपनी को फायदा पहुंचाया जा सके।

कैसे किया पद का दुरुपयोग?

सीबीआई की जांच में यह भी सामने आया है कि, दीपक लांबा ने नागपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में रहते हुए नियमों के खिलाफ एक प्रोप्राइटरशिप फर्म बनाई। बाद में, उन्होंने अपनी आधिकारिक शक्ति का इस्तेमाल करके इस फर्म को सरकारी ठेके दिलाने में मदद की। इस पूरे खेल का मकसद सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाकर निजी कंपनी को लाभ पहुंचाना था।

फिलहाल, दीपक लांबा से गहन पूछताछ की जा रही है। सीबीआई इन दस्तावेजों का तकनीकी और वित्तीय विश्लेषण कर रही है ताकि भ्रष्टाचार के इस पूरे रैकेट का पता लगाया जा सके। उम्मीद है कि, आने वाले दिनों में और भी अधिकारियों की भूमिका सामने आ सकती है, जिससे इस मामले की परतें और खुलेंगी।

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