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Indore Bhagirathpura News : स्वच्छता के नंबर 1 शहर में सिस्टम का जहर : दूषित पानी ने ली 8 जान, 1100 से ज्यादा बीमार; नए साल के जश्न की जगह पसरा मातम, जिम्मेदार कौन?

Indore Bhagirathpura News : देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर से एक ऐसी दर्दनाक तस्वीर सामने आई है, जिसने नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खोलकर रख दी है।

Indore Bhagirathpura News : स्वच्छता के नंबर 1 शहर में सिस्टम का जहर : दूषित पानी ने ली 8 जान, 1100 से ज्यादा बीमार; नए साल के जश्न की जगह पसरा मातम, जिम्मेदार कौन?
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Indore Bhagirathpura News : स्वच्छता के नंबर 1 शहर में सिस्टम का जहर : दूषित पानी ने ली 8 जान, 1100 से ज्यादा बीमार; नए साल के जश्न की जगह पसरा मातम, जिम्मेदार कौन?

By UMA

Contaminated Water Deaths Indore : इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर से एक ऐसी दर्दनाक तस्वीर सामने आई है, जिसने नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खोलकर रख दी है। इंदौर के भागीरथपुरा इलाके में दूषित पानी पीने से अब तक 8 लोगों की मौत की खबर है, जबकि 110 से ज्यादा लोग अस्पतालों में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। जहां पूरा शहर नए साल के जश्न की तैयारी कर रहा है, वहीं भागीरथपुरा की गलियों में मातम पसरा हुआ है।

Contaminated Water Deaths Indore : एक साल से अटका टेंडर और सिस्टम की लापरवाही इस त्रासदी की सबसे बड़ी और कड़वी सच्चाई यह है कि जिस पाइपलाइन में लीकेज मिला, उसे बदलने का टेंडर नवंबर में ही फाइनल हो चुका था। लेकिन अधिकारियों की सुस्ती और वर्क ऑर्डर जारी न होने के कारण काम शुरू नहीं हो सका। अफसरों और जनप्रतिनिधियों के बीच तालमेल की कमी का खमियाजा मासूम जनता को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा।

जांच में खुलासा हुआ कि नर्मदा टंकी से महज 100 मीटर की दूरी पर पुलिस चौकी के नीचे बने एक अवैध टॉयलेट के चैंबर से गंदगी सीधे नर्मदा की पाइपलाइन में मिल रही थी। पिछले 10-12 दिनों से लोग यह जहरीला पानी पीने को मजबूर थे, लेकिन विभाग तब जागा जब लाशें गिरने लगीं।

हैजे की पुष्टि और स्वास्थ्य विभाग का इनकार

भागीरथपुरा की स्थिति इतनी गंभीर है कि एक 3 साल के बच्चे की रिपोर्ट में हैजे की पुष्टि हुई है। इसके बावजूद, स्वास्थ्य विभाग मौतों के आंकड़ों को लेकर अब भी टालमटोल कर रहा है। हालांकि, देर रात दबाव बढ़ने पर विभाग ने तीन मौतों की पुष्टि डायरिया से होने की बात स्वीकार की है।

वर्तमान में इलाके में दहशत का माहौल है। स्वास्थ्य विभाग ने गलियों में कैंप लगाए हैं, जहां अब तक 1100 से अधिक लोग उल्टी, दस्त और पेट दर्द की दवा ले चुके हैं। चाचा नेहरू और एमजीएम मेडिकल कॉलेज के अस्पताल मरीजों से पटे हुए हैं।

पार्षद की बेरुखी : तुम मेरे वार्ड के नहीं हो

जब जनता इस महामारी से जूझ रही थी, तब उनके द्वारा चुने गए प्रतिनिधि की संवेदनहीनता भी चरम पर दिखी। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि वार्ड पार्षद कमल वाघेला ने मदद करने के बजाय शिविर में आए मरीजों को यह कहकर डांटा कि तुम लोग मेरे वार्ड के नहीं हो, तुम्हें किसी ने भेजा है क्या? इस व्यवहार ने पीड़ित परिवारों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है।

सीएम के एक्शन के बाद हिले अफसर

मामला मुख्यमंत्री तक पहुँचने के बाद प्रशासन हरकत में आया है। अब तक दो अधिकारियों को निलंबित किया गया है और एक की सेवा समाप्त कर दी गई है। नगर निगम की टीमें अब जाकर सीवेज लाइनों की सफाई और घर-घर जाकर पानी के सैंपल लेने का अभियान चला रही हैं। इंदौर ने स्वच्छता में कई बार आसमान छुआ है, लेकिन भागीरथपुरा की इस घटना ने बता दिया है कि कागजी सफाई और जमीनी हकीकत में जमीन-आसमान का अंतर है। अगर समय रहते लीकेज दुरुस्त कर लिया जाता और टेंडर की फाइलें दफ्तरों में न दबी होतीं, तो आज 8 घर तबाह होने से बच जाते।

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