Datia Fort Wall Collapse: 400 साल पुराने किले की दीवार ढही, मलबे में दबकर 7 लोगों की मौत, 2 घायल
Datia News: राजगढ़ किले दीवार गिर गयी. करीब 9 लोग किले के मलबे में दब गए. जिसमे तीन बच्चे भी शामिल है. वहीँ अब तक 2 शव बरामद हुए हैं.
Datia News: मध्य प्रदेश के दतिया में बड़ा हादसा हो गया. गुरुवार सुबह प्रसिद्ध और प्राचीन राजगढ़ किले दीवार गिर गयी. करीब 9 लोग किले के मलबे में दब गए. इस हादसे में सात लोगों की मौत हो गयी है. जबकि दो को बचा लिया गया है.
400 साल पुराने किले की दीवार ढही
जानकारी के मुताबिक़, घटना दतिया के खलका पुरा वार्ड की है. यहाँ राजगढ़ किले के आस-पास घर बने हुए हैं. लगातार हो रही बारिश के कारण किले की दिवार कमजोर हो गयी थी. गुरुवार करीब 4 बजे किले की दिवार ढह गयी. जिसकी चपेट में कई लोग आ गए. बताया जा रहा है 9 लोग मलबे में दब गए.
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची है और रेस्क्यू कार्य शुरू किया गया. मौके पर कलेक्टर संदीप मकीन, एसपी वीरेंद्र कुमार मिश्रा, कोतवाली टीआई धीरेंद्र मिश्रा और एसडीईआरएफ की टीम मौजूद है.
सात लोगों की मौत
इस हादसे में सात लोगों की मौत हो गयी है. मृतक एक ही परिवार के बताये जा रहे हैं. जबकि दो लोगों को मलबे से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. जिन्हे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जताया दुःख
इस घटना पर पूर्व गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा, "दतिया में किले की दीवार गिरने की दुःखद घटना से अत्यधिक पीड़ा में हूं, घटना में पीड़ित मेरे सभी परिवार जनों को ईश्वर धैर्य रखने की शक्ति प्रदान करें, मैं अधिकारियों के निरंतर संपर्क में हूं, घटनास्थल के लिए रवाना हो चुका हूं, शीघ्र ही आप लोगों के बीच पहुंच रहा हूं."
आगे उन्होंने कहा, "दतिया में हुए हादसे की सारी घटना से मैंने माननीय मुख्यमंत्री मोहन यादव जी को टेलीफोन के माध्यम से अवगत करा दिया है, मुख्यमंत्री जी द्वारा घायलों के बेहतर इलाज और पूर्ण सहायता का आश्वासन दिया है, मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए की सहायता राशि देने की बात भी माननीय मुख्यमंत्री जी ने कही है. मुख्यमंत्री जी द्वारा घटना की संपूर्ण जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों से भी प्राप्त कर ली गई है,और समुचित कार्यवाही के निर्देश भी दिए हैं!"
बता दीं जिस किले की दीवार गिरी है. वो करीब 400 साल पुराणी है. सन 1629 में तत्कालीन राजा इंद्रजीत ने इसे बनवाया था.