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Bhopal murder Update: मां के साथ अफेयर के शक में दोस्त की निर्मम हत्या, दहल उठा भोपाल, तीन आरोपी गिरफ्तार
Bhopal murder: भोपाल के हबीबगंज इलाके में मां पर अफेयर के शक में दोस्त की हत्या, पुलिस ने छह घंटे में तीनों आरोपियों को पकड़ा।

Bhopal murder: हबीबगंज इलाके में शनिवार तड़के एक दिल दहला देने वाली वारदात ने पूरे शहर को सन्न कर दिया। तीन युवकों ने अपने ही पुराने दोस्त आशीष उइके की बेरहमी से हत्या कर दी। पुलिस के मुताबिक, मुख्य आरोपी को शक था कि उसके दोस्त का उसकी मां के साथ अफेयर चल रहा है। इसी शक ने दोस्ती को दुश्मनी में बदल दिया और आखिरकार एक निर्दोष जान चली गई।
पुरानी दोस्ती बनी मौत की वजह
मृतक आशीष उइके (25 वर्ष) हबीबगंज के श्याम नगर मल्टी में रहता था। वह पुताई का ठेका लेता था और अपनी मेहनत व शांत स्वभाव के लिए पुरे इलाके में जाना जाता था। डीसीपी (क्राइम) आशुतोष गुप्ता ने बताया कि आशीष और आरोपी रंजीत सिंह ठाकुर (27 वर्ष) के बीच कई साल पुरानी दोस्ती थी। दोनों एक-दूसरे के घर आते-जाते थे। लेकिन कुछ महीनों से रंजीत को शक था कि आशीष का उसकी मां के साथ अवैध संबंध है। इसी शक में उसने दो दिन पहले ही आशीष को जान से मारने की धमकी दी थी।
पुलिस जांच में सामने आया कि शुक्रवार रात से ही रंजीत के मन में गुस्सा उबल रहा था। शनिवार तड़के लगभग साढ़े तीन बजे जब आशीष श्याम नगर के उसी इलाके में पहुंचा, जहां रंजीत रहता था, तभी तीनों आरोपियों ने उसे घेर लिया।
रंजीत ने पहले चाकू से गला रेत दिया। उसके साथ मौजूद दो साथी विनय यादव (24) और निखिल यादव (22) ने पत्थर से उसके सिर पर वार किया। पुलिस के अनुसार, हमला इतना तेज था कि आशीष की मौके पर ही मौत हो गई। शव की हालत इतनी खराब थी कि पहचान कपड़ों और मोबाइल से ही हो सकी।
घटनास्थल से एफएसएल टीम ने खून से सना पत्थर और चाकू बरामद किया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया कि गले पर गहरे वार के बाद सिर को कुचल दिया गया था। पुलिस ने बरामद हथियारों को सील कर जांच के लिए भेजा है।
मेरा बेटा निर्दोष था— मां का बयान
आशीष की मां ने फूट-फूटकर कहा, मेरा बेटा सिर्फ काम के सिलसिले में वहां जाता था। उन्होंने बिना सोचे-समझे मेरी आंखों के सामने मेरी दुनिया उजाड़ दी। पड़ोसियों ने भी बताया कि आशीष शांत, मेहनती और सीधा-सादा युवक था जिसने कभी किसी से दुश्मनी नहीं रखी।
दो दिन पहले ही दी थी धमकी
गुरुवार को रंजीत और आशीष के बीच जमकर झगड़ा हुआ था। एक गवाह ने बताया रंजीत चिल्ला रहा थाअगर तू मेरी मां के पास फिर आया तो तेरी लाश बिछा दूंगा।सीसीटीवी फुटेज से भी यह बात सामने आई कि झगड़े के बाद आशीष दोबारा उसी इलाके में लौटा था। पुलिस का अनुमान है कि वह शायद विवाद सुलझाने या माफी मांगने आया था, लेकिन वहीं उसकी जान चली गई।
घंटों में खुल गई गुत्थी
मुखबिर की मदद से पुलिस ने छह घंटे के भीतर तीनों आरोपियों रंजीत सिंह ठाकुर, विनय यादव और निखिल यादव को गिरफ्तार कर लिया। डीसीपी गुप्ता ने बताया तीनों ने कबूल किया है कि उन्होंने साजिश रचकर आशीष को मारा। रंजीत ने कहा मुझे शक था, इसलिए बर्दाश्त नहीं हुआ। तीनों के कपड़ों पर खून के निशान मिले हैं, जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
हत्या, साजिश और सबूत मिटाने के आरोप
हबीबगंज थाना पुलिस ने तीनों के खिलाफ हत्या (IPC 302), साजिश (IPC 120B) और सबूत मिटाने (IPC 201) की धाराओं में मामला दर्ज किया है। तीनों को सात दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।
एसीपी उमेश तिवारी ने बताया पूछताछ में यह भी जांचा जा रहा है कि क्या वास्तव में अफेयर था या यह हत्या सिर्फ शक की बुनियाद पर की गई। पुलिस अब कॉल रिकॉर्ड, मोबाइल डेटा और आरोपी के परिवारजनों के बयान खंगाल रही है।
भोपाल के हबीबगंज की यह वारदात उस मनोविज्ञान को उजागर करती है जहां शक इंसान को अपने ही रिश्तों का दुश्मन बना देता है। पुलिस की तेजी से कार्रवाई ने आरोपियों को पकड़ लिया, लेकिन यह घटना एक गहरी सामाजिक सच्चाई छोड़ गई कि जब भरोसे की जगह अविश्वास ले लेता है, तो इंसानियत भी मर जाती है।
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