
MP News: मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक अज्ञात जानवर ने करीब 17 लोगों को काट दिया। इनमें से 6 लोगों की रहस्यमय ढंग से मौत हो गई है। आलम ये है कि शाम 7 बजे के बाद लोगों ने अपने घरों से निकलना बंद कर दिया है और एक परिवार ने तो गांव ही छोड़ दिया।
बढ़ता गया मौत का सिलसिला
यह पूरा मामला जिले के लिंबई और आसपास के गांवों का है। सबसे पहली घटना 5 मई को लिंबई गांव से सामने आई थी, जब एक जानवर ने रात में 17 ग्रामीणों पर हमला किया। शुरुआत में लोग घायल हुए, लेकिन 23 मई से मौतों का सिलसिला शुरू हुआ। 23 मई को 3, 27 मई को 1, और 1-2 जून को 2 और मौतें हो गईं।
क्या कहते हैं अधिकारी?
अलग-अलग सरकारी विभागों ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों के मुताबिक, पहली नजर में संदेह है कि यह जानवर रेबीज वायरस से संक्रमित था, लेकिन फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। वहीं विकासखंड चिकित्सा अधिकारी (BMO) डॉ. देवेंद्र रोमड़े के मुताबिक, बड़वानी जिले के ग्रामीण क्षेत्र में 5 मई को तड़के अज्ञात जानवर ने 17 लोगों को काटा था, जिसकी जानकारी मिलने के बाद उन्हें रेबीज रोधी इंजेक्शन लगाया गया था। उन्होंने बताया कि 23 मई से 2 जून तक इनमें से 6 लोगों की मौत हो गई। DFO ने बताया कि इस जानवर ने सूर्योदय से पहले जिस लिम्बई गांव में सोते हुए लोगों पर हमला किया, वह वन सीमा से करीब 4.50 किलोमीटर दूर है। उन्होंने बताया,‘ये लोग गर्मी के चलते अपने घरों के बाहर खुले में सो रहे थे, उनका कहना है कि यह जानवर कुत्ते जैसा दिख रहा था, लेकिन फिलहाल इस जीव की पहचान नहीं हो सकी है।
मामले में आया नया मोड़
इन सब के बीच वन विभाग को वन परिक्षेत्र लिम्बई के एक कुएं में दो बकरियों के साथ सियार का शव मिला है। वन विभाग ने शव निकालकर जांच के लिए सैंपल भेजे हैं। DFO का कहना है कि आशंका है कि यही सियार हमला कर रहा होगा। हालांकि, गांव वालों ने इससे इनकार किया है कि यह वही जानवर था, जिसने हमले किए थे।
हमलावर अभी जिंदा है
गांव वालों का कहना है कि हमलावर जानवर अभी भी जिंदा है। वह क्षेत्र में घूम रहा है। मामले में वन विभाग का कहना है कि लकड़बग्घा पहले से ही क्षेत्र में रह रहा है। ग्राम सरपंच प्रतिनिधि ने भी पुष्टि की है कि मृत सियार हमलावर जानवर नहीं है। वन विभाग ने जानवर को पकड़ने के लिए क्षेत्र में पिंजरा लगाया है।
विपदा से बचाव के लिए किया यज्ञ
दो दिन पहले गांव को विपदा से बचाने मंदिर पर यज्ञ कराया गया। पंडित हरिओम, कुणाल, महेंद्र और देवेंद्र ने बताया कि 6 मौतों के बाद ग्रामीण काफी डरे हुए हैं। विपदा से बचाव और मृत्यु की आत्मा की शांति के लिए यज्ञ आयोजित किया गया है, जो बीती रात तक चला।
