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ED की बड़ी कार्रवाई: कांग्रेस नेता और साथियों की 34 करोड़ की संपत्ति जब्त, सट्टा और डब्बा ट्रेडिंग का रैकेट ध्वस्त

मध्य प्रदेश के इंदौर में प्रवर्तन निदेशालय ने प्रेवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत बड़ी कार्रवाई की है। डिब्बा ट्रेडिंग मामले में कांग्रेस नेता विशाल अग्निहोत्री समेत 6 साथियों की करोड़ों की समप्ति शामिल है। ईडी ने यह जांच लसूडिया थाने में दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी।

ED की बड़ी कार्रवाई: कांग्रेस नेता और साथियों की 34 करोड़ की संपत्ति जब्त, सट्टा और डब्बा ट्रेडिंग का रैकेट ध्वस्त
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(NPG file photo)

By Ashish Kumar Goswami

इंदौर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ऑनलाइन सट्टेबाजी और 'डब्बा ट्रेडिंग' के एक बड़े मामले में कांग्रेस नेता विशाल अग्निहोत्री उर्फ गोलू और उनके 6 सहयोगियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की है।

ईडी ने बीते मंगलवार को इनकी कुल 34.26 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति को अटैच कर लिया। इस संपत्ति में आलीशान फ्लैट, प्लॉट, खेती की जमीन, लाखों की नकदी और महंगी विदेशी घड़ियां शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इन संपत्तियों की कागजी कीमत भले ही कम हो, लेकिन बाजार में इनका असली मूल्य लगभग चार गुना ज्यादा है।

यह मामला तब सामने आया था जब 14 जून 2024 को उज्जैन पुलिस ने क्रिकेट सट्टेबाजी में 9 लोगों को गिरफ्तार किया था। उस समय उनके पास से 14.58 करोड़ रुपये नकद के साथ-साथ कई मोबाइल और लैपटॉप बरामद हुए थे। इस जांच के दौरान ही गोलू अग्निहोत्री का नाम इस रैकेट से जुड़ा।

ईडी की जांच में बड़े खुलासे

ईडी की जांच में पता चला कि, विशाल अग्निहोत्री अकेले नहीं थे। उनके साथ उनके कारोबारी साझेदार तरुण श्रीवास्तव, हितेश अग्रवाल, धर्मेश रजनीकांत त्रिवेदी, श्रीनिवासन रामसमय, करण सोलंकी और धवल जैन भी शामिल थे। इन सभी और उनके परिवार के नाम पर दर्ज संपत्तियां भी जब्त कर ली गई हैं। इस पूरे मामले में अब तक कुल 58.39 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है।

कैसे चला रहे थे अवैध धंधा?

ईडी की जांच में पता चला है कि यह गिरोह कई अवैध कंपनियों और वेबसाइटों के जरिए ऑनलाइन सट्टेबाजी और डब्बा ट्रेडिंग का धंधा चला रहा था। इनमें वी मनी/वीएम ट्रेडिंग, 11 स्टार्स, लोटसबुक 247, 8 स्टॉक हाइट्स, गोल्ड माइन, वर्टेक्स, गेमबेटलीग, आईबुल कैपिटल लिमिटेड, प्लेबुक, टारगेट एफ एक्स, और वर्ल्ड 777 जैसी कई वेबसाइटें शामिल थीं। निवेशकों से जमा किए गए पैसे को ये लोग 'म्यूल बैंक खातों', हवाला नेटवर्क और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए इधर-उधर भेजते थे। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि इस पूरे नेटवर्क के तार दुबई तक फैले हुए थे।

दिसंबर से जारी थी ईडी की जांच

ईडी ने दिसंबर 2024 में ही गोलू अग्निहोत्री के घर पर छापा मारा था। उस समय वह दुबई से इंदौर लौटे थे और ईडी की टीम भी उसी फ्लाइट से आई थी। इस छापेमारी में ऑनलाइन सट्टेबाजी से जुड़े कई अहम दस्तावेज और सबूत मिले थे। इसके बाद जून और जुलाई 2025 में भी इंदौर, भोपाल, मुंबई, चेन्नई और अहमदाबाद में तलाशी अभियान चलाए गए, जहां से भारी मात्रा में नकदी, सोना, चांदी और डिजिटल डिवाइस बरामद किए गए।

ईडी का कहना है कि इन संपत्तियों को खरीदने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग से कमाए गए पैसे का इस्तेमाल किया गया था। सूत्रों के मुताबिक, ईडी पिछले छह महीनों से गोलू की हर गतिविधि पर नजर रखे हुए थी और उनके पांच साल के वित्तीय रिकॉर्ड की भी गहनता से जांच की गई। इस जांच में देश और विदेश में उनके निवेश की जानकारी भी जुटाई गई है।

इस मामले में कर्नाटक के कांग्रेस विधायक केसी वीरेंद्र का नाम भी सामने आया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने विदेश यात्राओं के टिकटों के लिए जिस बैंक खाते से पैसे दिए थे, वह ऑनलाइन सट्टेबाजी से जुड़ा है। ईडी ने वीरेंद्र को भी मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में सिक्किम से गिरफ्तार किया था। इस मामले की आगे की जांच जारी है।

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